RE: Hindi Chudai Kahani हिटलर को प्यार हो गया
उधरजिम्मी ने कोमल को अपनी बातों में बहला फुसला लिया था. और अब वो उसे चोदने की तैयारी में था. उसने कोमल को कॉल की और उधर से कोमल की आवाज़ आई.
कोमल-हां जानू कैसे हो.
जिम्मी-बहुत बुरा हाल है डार्लिंग.
कोमल-अच्छा जी. तो...
जिम्मी-तो क्या जानू इलाज़ करो ना.
कोमल-मेरे पास कहाँ है इलाज़.
जिम्मी-डार्लिंग तुम्हारी टाँगों के बीच ही है मेरा इलाज़. और कल मुझे इलाज़ करवाना है तुमसे.
कोमल-मुझे कोई इलाज़ नही करना.
जिम्मी-क्यूँ जानू. इतना भी मत तडपाओ.
कोमल-तड़पने की बात नही जानू तुम अपने दोस्तो के सामने ही उस दिन शुरू हो गये थे लॉन में. और तो और तुमने मेरी पॅंट तक उतार दी थी उनके सामने. वो क्या सोचेंगे मेरे बारे में यार.
जिम्मी-अरे इतनी सी बात जानू. ओके कल हम दोनो अकेले जाएँगे ओके.
कोमल-ओके मगर जाओगे कहाँ.
जिम्मी-अरे यार हमारा बंगला है एक शहर से थोड़ा बाहर वहाँ पे चलेंगे.
कोमल-ओके मगर वहाँ पे कोई और नही होना चाहिए.
जिम्मी-ओके जानू हम दोनो के सिवा और कोई नही होगा.
कोमल-ओके ठीक है. कल मिलते हैं. बाइ.
जिम्मी-बाइ जानू.
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इधर प्रीति और अमित के बीच सेक्स संबंध तो बन ही चुके थे. अब उन्हे बस अपनी शादी की फिकर थी. अमित को कोई दिक्कत नही थी. उसका परिवार अमीर था उसके घरवाले उसे कुछ नही कहते थे वो अपनी मर्ज़ी से जहाँ चाहे शादी कर सकता था. मुसीबत थी तो वो सिर्फ़ प्रीति को थी. अमित के लिए ये काम जितना आसान था प्रीति के लिए उतना ही मुश्क़िल. अब प्रीति की किसी ऐसे मौके की तलाश में थी जब वो अपने परिवार वालो को बता सके कि वो अमित से शादी करना चाहती है.
लेकिन ऐसा मौका उसे मिलना मुश्क़िल था. उसके माता पिता को उसकी और अमित की शादी के लिए मनाना इतना मुश्क़िल नही था मुश्क़िल था तो वो हिट्लर को मनाना. कीनकी प्रीति जानती थी कि अगर अमित और उसके रिश्ते के बारे में विकी को पता चला तो वो अमित के साथ मार पीट पर उतर आएगा और यही वो चाहती नही थी. और इसी उम्मीद पर दिन काट रही थी कि कुछ ऐसा हो जाए जिस से सब कुछ सही हो जाए.
जिम्मी और कोमल जिम्मी की गाड़ी में जिम्मी के बंगल की तरफ जा रहे थे. कोमल ने आज ब्लॅक टॉप और ब्लू टाइट जीन्स पहनी थी. उसका शरीर उनमे कसा हुआ था. और जब से जिम्मी ने आज उसे देखा था तब से ही उसका लंड खड़ा था.
वो बहुत खुश था क्यूंकी आज वो एक जबरदस्त माल को चोदने वाला था. वो दोनो बंगले में पहुँच चुके थे. और सीधे ड्रॉयिंग रूम में जाकर बैठ गये थे. जिम्मी ने कोमल को खींचा और वो उसकी गोद में आ गई और जिम्मी उसके होंठों को चूमने लगा. कोमल भी उसका साथ देने लगी.
जिम्मी के हाथ टॉप के उपर से ही कोमल के बड़े बड़े मम्मे दबाने लगे जिस के कारण कोमल के मूह से सिसकियाँ फूटने लगी. मगर वो सिसकियाँ उसके और जिम्मी के मूह के बीच ही दब कर रह गई क्यूंकी दोनो के होंठ जुड़े होने की वजह से 'उंह' जैसे आवाज़ें ही कोमल के मूह से निकल पा रही थी.
जिम्मी ने उसे थोड़ा दूर हटाया और उसका टॉप निकाल दिया और अपनी टी-शर्ट भी उतार कर फेंक दी. कोमल ने नीले रंग की ब्रा पहनी हुई थी. जिम्मी ने ब्रो को उपर उठाया और उसके बड़े बड़े संतरे जैसे मम्मे को बाहर निकाल लिया और उन्हे चूसने लगा. काफ़ी देर वो उन्हे चूस्ता रहा और कोमल उसका सिर पकड़ कर अपने मम्मों पे दबाती रही.
फिर जिम्मी ने उसे दूर हटाया और अपना लंड उसे निकालने को कहा. कोमल ने मुस्कुराते हुए जिम्मी की पॅंट के बटन और ज़िप को खोला और जिम्मी का फन फनाता हुआ लंड बाहर निकाल लिया. वो पूरा काला था और पूरी तरह से अकड़ कर खड़ा था. कोमल ने अपने होंठ उसपे टिका दिए और जिम्मी की तरफ देखा वो उसे ही देख रहा था.
जिम्मी ने एक आँख दबाते हुए उसे पूरा अंदर लेने के लिए कहा. और कोमल लंड को पूरा अपने होंठों में जकड़ने लगी. जिम्मी को अपना लंड उसे कसे होंठों में महसूस करके बहुत मज़ा आ रहा था. कोमल काफ़ी देर उसका लॉडा चुस्ती रही. फिर जिम्मी ने उसे उपर उठा लिया और उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और झट से जीन्स नीचे कर दी.
नीचे एक ब्लू कलर की पैंटी ने कोमल की चूत को ढक रखा था. जिम्मी ने उसे भी नीचे सरका दिया. कोमल ने अपने हाथों से अपनी जीन्स और पैंटी अपनी टाँगों में से बाहर निकाल दी और अब उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नही था. जिम्मी ने भी अपनी पॅंट उतरी और कोमल को गोद में उठा लिया और बेडरूम की तरफ लेजाने लगा.
और बेडरूम में उसे बेड पे लिटा दिया और खुद उसके उपर लेट गया. उसने अपना लंड कोमल की चूत पे सेट किया और एक जोरदार धक्का मारा और लंड काफ़ी हद तक अंदर घुस गया.
जिम्मी-अरे जानू ये तो फटाक से अंदर चला गया. लगता है काफ़ी आवाजाही है इस रास्ते पे.
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