RE: Hindi Chudai Kahani हिटलर को प्यार हो गया
रीत अपने माता पिता की अकेली औलाद थी और उसके माता पिता दोनो सरकारी. जॉब करते थे और उनका गुज़ारा अच्छा चल रहा था. रीत बहुत सुंदर थी उसकी हाइट 5'8'' थी और खूब भरा भरा जिस्म था लेकिन जहाँ जहाँ से भी जिस्म भरा हुआ होना चाहिए था वही से भरा हुया था. उसका फिगर 34-28-36 था और उसके चूतड़ तो कुछ ज़्यादा ही बाहर को निकले हुए थे. उसके मुहल्ले के लड़के इंतेज़ार करते रहते थे कि कब रीत घर से बाहर आए और वो उसके मटकते चुतड़ों को देखकर अपने लंड मसले. लेकिन रीत एकदम शरीफ लड़की थी वो कभी किसी की तरफ आँख तक नही उठा कर देखती थी. लेकिन उसका जिस्म जैसे जैसे कातिलाना होता जा रहा था वैसे ही उसके दीवानो की लिस्ट भी बढ़ती जा रही थी.
रीत और सीमा कॅंटीन में बैठ कर कॉफी का मज़ा ले रही थी.
रीत-यार ये लड़का अपने आप को समझता क्या है.
सीमा-अरे तू अभी तक उसकी बात दिल पे लगाए बैठी है.
रीत-मैं बात दिल पर नही लगाए बैठी मैं ये सोच रही थी कि आख़िर उसका बिहेवियर ऐसा क्यूँ है.
सीमा-अरे छोड़ यार उस हिट्लर की बातें. और बता कोई पसंद आया आज क्लास में.
रीत-अरे नही नही मैं इन झमेलो में नही पड़ती.
सीमा-अरे इतनी हसीन और जवान हो क्या जवानी बेकार में ही बर्बाद कर देगी.
रीत-अरे नही में यहाँ पे पढ़ने आती हूँ ये सब करने नही तू ले ले जवानी के मज़े.
सीमा-मैं तो लूँगी ही लेकिन अभी तक कोई मिला ही नही मज़े देने वाला.
रीत-अब छोड़ ये सब बातें और क्लास में चल.
उधर प्रीति अपनी एक फ़्रेंड कोमल के साथ अपनी क्लास में बैठी थी. कोमल भी प्रीति की तरह बहुत हॉट थी. लेकिन फिगर के मामले में वो प्रीति से भी मस्त थी. उसका फिगर 34-28-38 था उसकी गान्ड तो कुछ ज़्यादा ही बड़ी थी. उसका कारण ये था कि वो स्कूल लाइफ में ही 3-4 लड़को से चुद चुकी थी.
कोमल-अरे प्रीति वो लड़का तुम पर बहुत लाइन मारता है.
प्रीति-तो मारने दो मैं क्या करूँ.
कोमल-अरे देख तो उसकी बॉडी किसी बॉडी बिल्डर जैसी है अरे जब वो तुझे बाहों में जकड़े गा तू तो पागल हो जाएगी.
प्रीति-चुप कर बदमाश. मुझे तो वो अच्छा नही लगता.
कोमल-ओह हो तो कौन अच्छा लगता है मेडम को.
प्रीति-अरे अभी तक कोई नही.
तभी एक लड़का उनकी क्लास में एंटर होता है और सीधा प्रीति के पास आकर पूछता है.
लड़का-क्या मैं यहाँ बैठ सकता हूँ.
प्रीति-या श्योर.
वो लड़का प्रीति के साथ वाली सीट पर बैठ जाता है. वो दिखने में बहुत हॅंडसम था और शरीफ भी लगता था.
लड़का-हेलो आइ आम अमित.
प्रीति-हाई आइ आम प्रीति.
अमित-ओह गुड. आप इसी शहर से हो क्या.
प्रीति-जी इसी शहर से.
अमित-ओके कॅन वी फ्रेंड्स. और अपना हाथ प्रीति से मिलाने के लिए आगे बढ़ा देता है.
प्रीति थोड़ा झिझकती है और तभी कोमल उसे कोहनी मारती है.
प्रीति-ओके और अपना हाथ अमित के हाथ में दे देती है.
फिर वो कुछ देर और बातें करते हैं इतने में लेक्चर क्लोज़ हो जाता है और प्रीति सीधा अपने भाई की बाइक के पास आ जाती है. विकी और वो घर की तरफ चल देते हैं.
प्रीति-कैसा रहा पहला दिन भैया.
विकी-बस बढ़िया था.
और वो घर पहुँच जाते हैं.
प्रीति घर पे अपने रूम में बेड पे लेटी हुई थी मगर उसकी आँखो के आगे अमित का चेहरा घूम रहा था क्योंकि अमित उसे अच्छा लगा था. उसका बात करने का स्टाइल और उसका चेहरा सब कुछ प्रीति के मन में घर कर गया था. प्रीति एक तरफ तो उसके साथ प्यार की बात आगे बढ़ाना चाहती थी लेकिन दूसरी तरफ उसे डर था की अगर विकी को कुछ पता चल गया तो वो बिना वजह अमित के साथ मारपीट कर देगा.
लेकिन कहते है ना कि जब प्यार पनपता है तो वो किसी की परवाह नही करता. वैसे ही प्रीति को भी अपना प्यार उसके हिट्लर भाई विकी पे भारी लग रहा था.
इन्ही बातों को सोचती और अमित के ख्यालों में खोई प्रीति की आँख लग जाती है.
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