Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
10-12-2018, 01:19 PM,
#50
RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है
मैं:"आप जानती हैं कि मुझे भी शादी से पहले कुछ नही मालूम था लेकिन धीरे धीरे सब पता लग
गया"
सास:"ह्म्म"
मैं:"पहले शौकत ने फिर इनायत ने मुझे सब सिखा दिया"
सास:"दोनो ही तुमसे बहुत प्यार करते रहे हैं"
मैं:"हां इनायत ने तो काई नयी चीज़े सिखा दी हैं"
सास:"जैसे"
मैं:"मैं पहले सीडी पर ब्लू फिल्म नही देखती थी लेकिन इनायत ने ना जाने कितनी ब्लू फिल्म दिखा दी और
वो तो सीडी देख कर मुझे वैसे ही चोद्ते हैं, हम ने हर स्टाइल मे चुदाई की है"
सास:"अच्छा"
मैं:"आपने कौन कौन सी पोज़िशन ट्राइ की है"
सास:"इन्होने कभी मेरी चूत नही चाटी और मैने कभी इनका मूह मे नहीं लिया और गान्ड भी मैने नही
मरवाई है"
मैं:"गान्ड तो मैने भी नहीं मरवाई है लेकिन बाकी सब किया है"
सास:"तुमको शौकत की याद आती है सेक्स के टाइम पर"
मैं:"हां शौकत मेरा पहला प्यार था, उनका मुझे धीरे धीरे आराम से चोदना मुझे अभी भी याद है"
सास:"और इनायत का"
मैं:"इनायत ने तो हर तरहा से किया है मेरे साथ, वो और मैं तो रोल प्ले भी करते हैं"
सास:"रोल प्ले क्या होता है"
मैं:"आपको नही पता, हम लोग अपने दिल की ख्वाशात के मुताबिक एक दूसरे के लिए वो बन जाते हैं जिनसे
हम को प्यार करने की ख्वाहिश होती है"
सास:"तुम्हे और इनायत को किसी और से भी प्यार करने की ख्वाहिश होती है"
मैं:"हां दिल ही तो है लेकिन असलियत में ऐसा हम कभी नही कर सकते, इसलिए एक दूसरे के लिए
हम वही बन जाते हैं और इस तरहा हम अपनी ख्वाहिश पूरी कर लेते है, लेकिन ये सिर्फ़ सेक्स के टाइम
ही करते हैं"
सास:"इनायत और तुम किस किस का रोल प्ले करते हो"
मैं:"मैं आपको बता तो दूं लेकिन आप बुरा नहीं मानना"
सास:"अर्रे बुरा क्यूँ मानुगी,ये तुम्हारी ज़िंदगी है"
मैं:"इनायत साना को और आपको प्यार करने की सोचता हूँ"

ये सुनते ही मेरी सास मुझसे अलग हो गयी और उठ कर बैठ गयी, कमरे मे हल्का सा उनका चेहरा और उनकी
आँखें नज़र आ रही थी. वो कुछ देर तक इसी तरहा बैठी रही. मैं सोचने लगी कि कहीं मैने जल्दी
तो नही कर दी.

सास:"मुझे यकीन नही आ रहा, मेरा बेटा मुझे और अपनी सग़ी बहेन के बारे मे ऐसा सोचता है"
मैं:"मैं जानती थी शायद आपको बुरा लग जाएगा"
सास:"मुझे नही समझ मे आ रहा कि मैं क्या करूँ"
मैं:"मैने किताबो मे पढ़ा है कि लड़का अपनी मा से सेक्षुयली अट्रॅक्ट हो जाते हैं, क्यूंकी आप उनकी
ज़िंदगी मे पहली औरत होती हैं"
सास:"ये बहुत बेतुकी सी बात है"
मैं:"नहीं ऐसा नही है, कई मायें तो अपने बच्चो को दूध पिलाते वक़्त झाड़ भी जाती हैं, लेकिन आप
ऐसा क्यूँ सोच रही हैं कि इनायत आपसे आकर कभी ऐसा कहेगा, ये एक दिल की बात है जो हम करीब
होने की वजह से शेअर करते हैं,मुझे लगता है मुझे आपको ये बात नही कहनी चाहिए थी"

सास:"नही मुझे बुरा नहीं लेकिन हैरानी हुई है, तुम टेन्षन मत लो मैं उसको ये कभी नहीं पूछूंगी"
मैं:"जानती हैं आपका नाम सुन कर सेक्स के टाइम वो बहुत जल्दी झाड़ जाता है और ये हाल उसका साना का
नाम सुनकर नहीं होता, वो शायद आपकी खूबसूरती पर ज़्यादा अट्रॅक्टेड है"
सास:"हो सकता है, मैने और तुम्हारे ससुर ने ये रोल प्ले कभी नही किया"
मैं:"लेकिन मैं जानती हूँ कि ससुरजी मुझपे अट्रॅक्टेड हैं"
सास:"तुम्हे कैसे ऐसा महसूस हुआ"
मैं:"एक बार उन्होने मेरी पैंटी सूखते हुए देखी तो जब मैं वो पैंटी लेने गयी तो उन्हे मेरी चूत की तरफ
इशारा कर के कहा कि इससे तो तुम्हारी शरमगाह ढकति भी नही होगी, मैने कयि बार देखा है उनको
मेरे चुतड और सीने की तरफ देखते हुए"
सास:"देखो वो बुरे आदमी नहीं है, हो सकता है तुमको कुछ ग़लतफहमी हुई हो"
मैं:"उनकी ग़लती नहीं है, वो बुरे नहीं अच्छे आदमी हैं, दर असल हम सब इंसान है और खूबसूरती
की तरफ हम खींच ही जाते हैं,ये तो मेरे लिए फक्र की बात है कि मैं किसी उमर दराज़ सख्स को
भी अट्रॅक्ट कर सकती हूँ, मैं अपने सास और ससुर ही हर तरहा से खिदमत करने के लिए राज़ी हूँ"
सास:"तुम बहुत समझदार हो आरा, मुझे तुमपर नाज़ है, तुम अपने शौहर के लिए सब कुछ करती हो"
मैं:"ये तो मेरा फ़र्ज़ है,अगर मेरे ससुर मेरी जिस्म को देख भी लेते है तो क्या हर्ज है,इससे मेरे जिस्म
मे कोई बिगाड़ तो पैदा नहीं होता, अगर ये मुमकिन होता कि मैं अपने ससुर की ख्वाशात को पूरा
कर पाती तो ज़रूर करती"
सास:"ये मुमकिन नहीं है आरा"
मैं:"मैं जानती हूँ कि आपको ये कभी मंज़ूर ना होगा"
सास:"बात मेरी मंज़ूरी की नही बल्कि इनायत की है"
मैं:"इनायत ने मुझसे सॉफ सॉफ कह रखा कि मुझपर कोई बंदिश नही है लेकिन मुझे खुद घर की इज़्ज़त
का ख़याल होना चाहिए और हक़ीक़त में मेरी और कोई ख्वाइश भी नही है"
सास:"और इनायत से तुम किस का रोल प्ले करवाती हो"
मैं:"शायद आपको फिर बुरा लगे मेरे जवाब से"
सास:"नही शायद अब मैं तुम्हारे जवाब के लिए तैय्यार हूँ"
मैं:"अपने भाई का और कभी कभी ससुरजी का भी"
सास:"इनायत को बुरा नहीं लगता"
मैं:"नही मैं और इनायत एक दूसरे से कुछ नही छिपाते हैं"
सास:"तो क्या तुम हमारे बारे में भी सब बता दोगि"
मैं:"अगर आपको मंज़ूर हो तो"
सास:"हरगिज़ नही कहना समझी"
मैं:"आप टेन्षन ना लें, मुझपर पूरा यकीन रखें"
सास:"क्या कभी इनायत ने मुझे किसी ऐसी हालत मे देखा है जो उसे नही देखनी चाहिए थी"
मैं:"नही कभी नही"
सास:"तो मेरी खूबसूरती वाली बात तुमने कैसे कही"
मैं:"आपके चुतड, बड़े बड़े सीने और आपकी रंगत भला किसी से कैसे छुप सकती है"
सास:"हां ये तो है"
मैं:"लेकिन ये मुमकिन कहाँ कि इनायत आपका दीदार कर सके"
सास:"हां तुमको और मेरे शौहर को ये कभी मंज़ूर ना होगा और मैं भी इस बात को हक़ीक़त नही समझती
हूँ"
मैं:"मुझे तो कोई ऐतराज़ नहीं है, ससुरजी को भी नही होगा अगर वो खुद अपनी बहू को प्यार करेंगे तो
उनको फिर कोई ऐतराज़ ना होगा"
सास:"ऐसा हक़ीक़त मे नही हो सकता है"
मैं:"हो सकता है, ससुरजी तो मेरे साथ सोने को राज़ी हो जायेंगे, जब भी मौका मिले तो"
सास:"अच्छा बहुत यकीन है तुमको खुद पर"
मैं:"हां बिल्कुल, आप कहें तो मैं आपके मिया पर डोरे डाल दूं हाआहाः हहेहेहहे"
सास:"धीरे बोलो आरा, रात का वक़्त है, आवाज़ दूर तक जाएगी"
मैं:"अच्छा ठीक है,तो क्या कहती हैं आप,क्या आपको अपने शौहर पर यकीन नहीं है"
सास:"मर्दो का भी यकीन है, अभी तुम ही तो कह रही थी कि मेरा बेटा जब अपनी खुद की मा को चोदने
की फिराक मे है तो भला तुम तो मेरे मिया की बहू ही हो"
मैं:"हां ऐसा ही है"
सास:"अच्छा ट्राइ करके देखो, मैं खुद देखना चाहती हूँ कि मेरे मिया आख़िर कहाँ तक पहुँचते हैं"
मैं:"कहाँ पहुँचेंगे, मेरी चूत पर और कहाँ"
सास:"अच्छा कल मैं जा रही हूँ, वो मुझे रेलवे स्टेशन से छोड़ कर वापिस घर आयेंगे तब तुम ट्राइ
कर सकती हो, लेकिन ताबू और साना भी तो घर पर होंगे"
मैं:"आप टेन्षन मत लें मैं साना को और ताबू को शॉपिंग के लिए भेज दूँगी और वो वापस दोपहर तक ही
वापस आयेंगे"
सास:"ध्यान रखना कहीं बाज़ी उल्टी ना पड़ जाए और हो सके तो कोई सुबूत रखना, वरना मुझे यकीन नही
होगा"
मैं:"ठीक है मेरी जान"

जब मैने मेरी जान लफ्ज़ इस्तेमाल किए तो मेरी सास की आखें और चौड़ी हो गयी लेकिन फिर वो मुस्कुरा दीं
. मैं समझ चुकी थी कि मेरी सास शायद अपने बेटे के लंड के लिए तैय्यार हो रही हैं और शायद इसलिए
अपने मिया को मेरे उपर चढ़वाने के लिए बेताब हैं ताकि उनका रास्ता खुल जाए. मैं भी सुबह के लिए बेताब
थी जब बेटी और बाप को मुझे शीशे मे उतारना था.
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RE: Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है - by sexstories - 10-12-2018, 01:19 PM

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