मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग
10-08-2018, 01:12 PM,
#49
RE: मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग
गुलाबी झाड़ू लगा रही थी और किशन खाट पर लेटे उसके घाघरे मे ढके सुडौल चूतड़ों को देख रहा था.

अचानक गुलाबी का हाथ पकड़कर किशन ने उसे अपने पास खींच लिया.

"हाय, किसन भैया!" गुलाबी बोली, "ई का कर रहे हैं!"
"मेरी जान, इतना काम कर रही है. थोड़ा प्यार भी कर ले!" किशन बोला.
"हमको बहुत काम है, किसन भैया." गुलाबी बोली, "अभी हमे छोड़ दीजिये. हम बाद मे आपके कमरे मे आके जितना चाहो पियार कर लेंगे."

पर किशन कहाँ मानने वाला था! नौजवान लड़कों का लन्ड सुबह-सुबह खड़ा हो जाता है.

उसने गुलाबी को जबरदस्ती बिस्तर पर लिटा दिया और उस पर चढ़कर उसके नरम होठों को पीने लगा. एक हाथ से वह गुलाबी की एक चूची को दबाने लगा और दूसरा हाथ उसके घाघरे मे घुसाकर उसकी चूत को सहलाने लगा. गुलाबी खी-खी करके हंसने लगी और किशन के चुंबनों का मज़ा लेने लगी.

कुछ देर की चुम्मा-चाटी के बाद किशन उठा और उसने अपना पजामा उतार दिया. उसने नीचे चड्डी नही पहनी थी. उसका लन्ड फनफना के खड़ा था.

गुलाबी के घाघरे को उठाकर उसने अपना लन्ड उसकी चूत पर रखा तो गुलाबी बोली, "किसन भैया, हमे देर हो रही है. हम ई सब बाद मे कर लेंगे."
"अभी तुझे जल्दी से एक पानी चोद लेता हूँ." किशन कमर का धक्का लगाते हुए बोला.

अपना लन्ड गुलाबी की चूत मे पेलने के बाद किशन उसे जोरों से चोदने लगा. गुलाबी भी सित्कार ले लेकर चुदवाने लगी.

पर 5-10 मिनट की चुदाई के बाद ही किशन गुलाबी की चूत मे झड़ गया.

"हाय, किसन भैया. आप इतनी जल्दी झड़ गये!" गुलाबी निराश होकर बोली, "हमे तो मज़ा ही नही आया."
"दोपहर के खाने के बाद आना तब इत्मीनान से चोदुंगा." किशन बोला, "अब जा यहाँ से वर्ना माँ सोचेगी तुझे झाड़ू लगाने मे इतनी देर क्यों लग रही है."

गुलाबी ने अपना घाघरा नीचे किया और बिस्तर से उतरकर बाहर आ गयी. बाहर रामु और मुझे देखकर खिसिया के हंस दी और झाड़ू लेकर मेरे कमरे मे भाग गयी.

मेरे कमरे मे मेरे पति देव - जो देर रात तक अपनी माँ को चुदाई का सुख देते रहे थे - एक चादर के नीचे पूरे नंगे सो रहे थे.

गुलाबी ने धीरे से अपने पीछे दरवाज़ा बंद किया और बिना आवाज़ किये झाड़ू लगाया.

फिर तुम्हारे भैया को पुकार के बोली, "बड़े भैया! उठ जाईये! सुबह हो गयी है!"

मेरे उन्होने आंखें खोली तो गुलाबी के चेहरे को अपने करीब पाया.

उन्होने उसके गले मे एक हाथ डालकर उसे अपने चौड़े सीने के ऊपर खींच लिया और बोले, "क्यों रे गुलाबी, कल कहाँ हवा हो गयी थी?"
"हम यही तो थे, बड़े भैया." गुलाबी उनके सीने पर लेटे लेटे बोली.
"फिर चुदवाने क्यों नही आयी?" वह बोले, "पायल मिल गयी तो मुझे भूल गयी क्या?"
"नही, बड़े भैया. हम तो आपको वचन दिये हैं कि आप जब चाहे हमे चोद सकते हैं." गुलाबी बोली.
"मुझे तो अभी तुझे चोदने का मन कर रहा है." मेरे वह बोले और गुलाबी को चूमने लगे.

"बाद मे, बड़े भैया." गुलाबी बोली, "हम अभी घर का काम कर रहे हैं."
"नही, गुलाबी, अभी." मेरे वह गुलाबी की चोली उतारते हुए बोले, "तुने मुझे वचन दिया है कि जब और जहाँ मुझे मन करे मैं तुझे चोद सकता हूँ. जब और जहाँ. और मुझे अब और यहीं तुझे चोदने का मन कर रहा है."

"ठीक है बड़े भैया." गुलाबी कमर से अपना घाघरा उतारती हुई बोली, "पर जल्दी कीजिये, नही तो मालकिन सोचेगी हम कहाँ इतना समय लगा रहे हैं."

घाघरा उतारते ही गुलाबी पूरी नंगी हो गयी.

तुम्हारे भैया ने अपना चादर हटाया और गुलाबी पर चढ़ गये. नंगे तो वह थे ही. अपना 8 इंच का खड़ा लन्ड गुलाबी की चूत पर रखकर उन्होने अन्दर पेला तो किशन का वीर्य उसकी चूत से निकल आया.

"यह क्या गुलाबी!" वह हैरान होकर बोले, "तेरी चूत तो पहले से ही भरी हुई है! सुबह-सुबह किससे से चुदवाकर आ रही है?"
"अपने मरद से, और किससे?" गुलाबी ने हाजिर-जवाबी से कहा, "हम अपने कमरे मे झाड़ू लगा रहे थे कि मुए ने हमे पटककर एक पानी चोद लिया."
"चलो, कोई बात नही." तुम्हारे भैया बोले, "इससे तेरी चूत काफ़ी चिकनी हो गयी है. पेलने मे मज़ा आ रहा है." बोलकर वह गुलाबी को चोदने लगे.

कमरे के अन्दर कुछ देर चुदाई चलती रही.

गुलाबी तुम्हारे भैया से लिपटकर चूत मे लन्ड ले रही थी, चूचियों को मिसवा रह थी और चुंबनों का आनंद ले रही थी. किशन से चुदवाकर उसकी प्यास बुझी नही थी. बीच-बीच मे वह कसकर उन्हे पकड़ लेती और "आह!! आह!! ऊन्ह!!" कर उठती.

इधर दरवाज़े के बाहर रामु और मैं अन्दर का नज़ारा देख रहे थे.

"कैसी रांड बन गयी है हमरी जोरु!" रामु बोला. "एक मरद से चुदाकर तुरंते दूसरे मरद का लन्ड लेने लग गयी है!"
"हाँ! काफ़ी सयानी हो गयी है, गुलाबी." मैने कहा. "वैसे एक के बाद एक दो मर्दों से चुदवाने का मज़ा ही अलग होता है. अभी देखो, तुम्हारे बड़े भैया से चुदकर तुम्हारे मालिक के कमरे मे जाती है तो क्या होता है."
"का होगा, भाभी?" रामु ने पूछा, "मालिक भी उसे चोदेंगे का?"
"क्या पाता!" मैने कहा और अन्दर देखने लगी.

वीणा, वास्तव मे तुम्हारे मामाजी का पूरा इरादा था आज गुलाबी को चोदने का. कल हम दोनो चुदाई के दौरान जब इस बारे मे बात कर रहे थे तो मैने उन्हे कहा कि गुलाबी अब काफ़ी खुल गयी है. अब वह चाहे तो उसे पटककर चोदने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं.
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