मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग
10-08-2018, 01:09 PM,
#42
RE: मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग
गुलाबी बेचारी रोने लगी और उसकी आंखों से आंसू बहने लगे.

उसके आंसू देखकर मानो मेरे उनको और जोश आ गया. वह जोर से कराह उठे, "आह!! ले साली रंडी!! अपने गर्भ मे मेरा वीर्य ले और पेट बना ले!!" फिर गुलाबी की चूत मे अपना लौड़ा जड़ तक घुसाकर वह "आह! आह!! आह! आह!" करके झड़ने लगे.

जब वीर्य की आखरी बून्द भी गुलाबी की चूत मे गिर गयी तब तुम्हारे भैया गुलाबी के ऊपर पस्त होकर लेट गये.

इधर रामु ने दरवाज़े से अपनी आंख उठायी और उसकी नज़र मुझ पर गई. तब तक मैने अपनी साड़ी, ब्लाउज़ और ब्रा उतार दी थी और अपने चूचियों को अपने हाथों से मसल रही थी. सासुमाँ नीचे बैठकर रामु के लन्ड को चूस रही थी और अपनी साड़ी मे हाथ घुसाये अपनी चूत मे उंगली कर रही थी.

मैने रामु को पकड़ा और उसके होठों को चूमने लगी. उसने मेरी पेटीकोट को खोलकर नीचे गिरा दिया जिससे मैं पूरी नंगी हो गयी. मैन रामु को लेकर दरवाज़े के सामने ही फ़र्श पर लेट गयी और बोली, "चोदो मुझे रामु! तुम्हारी जोरु का बलात्कार देखकर मुझे बहुत चढ़ गयी है. चोद के ठंडी करो मुझे!"

रामु तुरंत मेरे टांगों के बीच आ गया और मेरे चूत पर लन्ड रखकर जोर के ठाप के साथ पूरा अन्दर कर दिया. लन्ड अन्दर डालते ही मुझे जोर जोर से चोदने लगा.
"हम भी बहुत गरम हो गये हैं, भाभी, अपनी जोरु की चुदाई देखकर!" वह बोला और कमर उठा उठाकर मुझे पेलने लगा.

सासुमाँ ने मेरे गले को दोनो तरफ़ अपने घुटने रखे और अपनी साड़ी कमर तक चढ़ाकर अपनी बुर मेरे मुंह पर रख दी. वह बोली, "चाट मेरी चूत को, बहु!"

मैं सासुमाँ की बुर को चाटते हुए अपनी चूत मराने लगी. रामु मुझे चोद रहा था और सासुमाँ की चूचियों को पीछे से दबा रहा था. चुदाई के खेल मे इतना मज़ा आ सकता है, उसे आज ही पता चला था.

"साली, रंडी! तेरा पति मेरी जोरु को रंडी की तरह चोद रहा था!" रामु मुझे गाली देकर चोदते हुए बोला "आज मैं तुझे रंडी की तरह चोदुंगा!"
"हाँ, रामु, चोदो मुझे रंडी की तरह!" मैने कहा, "आह!! मैं तो तुम्हारी रखैल हूँ!! जब जी चाहे मुझे चोदा करो!!"
"जरूर छिनाल! तेरे जैसे बड़े घर की बहुओं को तो...नौकर का लन्ड ही पसंद आता है!" रामु बोला, "तुझे चोद चोदकर तेरे गर्भ मे अपना वीर्य भरूंगा. जैसे तेरा मरद मेरी जोरु का पेट बना रहा था, मैं भी तेरा पेट बनाऊंगा!"
"हाँ रामु!" मैन अपनी कमर उठाकर उसके ठाप लेती हुए बोली, "मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ! तुम मुझे गर्भवती बनाओ!! आह!! मेरे राजा, कितना अच्छा चोद रहे हो!!"

सासुमा, मै, और रामु जमीन पर लेटे चुदाई कर रहे थे. हम इतने गरम थे कि जल्दी ही झड़ गये.

सासुमाँ मेरे मुंह पे अपनी बुर जोर से रगड़ती रगड़ती झड़ने लगी. मैं भी रामु के लन्ड का मज़ा लेते हुए झड़ने लगी. और रामु भी जल्दी ही मेरी चूत मे अपना पेलड़ खाली करके झड़ गया.

शांत होने के बाद मैने उठकर दरवाज़े के अन्दर झाँका तो पाया कि गुलाबी के आंसू सूख चुके थे और वह फिर से चुदासी हो गयी थी. उसने ने कमर मे लिपटा अपना घाघरा भी उतार दिया था और अब पूरी तरह नंगी थी. तुम्हारे भैया पूरी तरह नंगे होकर बिस्तर पर लेटे थी. गुलाबी उनके ऊपर चढ़ी हुई थी और उनको अपनी चूची पिला रही थी. फिर उसने उनका खड़ा लौड़ा अपनी चूत पर रखा और दबाव डालकर उसे जड़ तक अपने अन्दर ले लिया. उसकी चूत से तुम्हारे भैया का वीर्य निकलकर लौड़े पर गिरने लगा. गुलाबी कमर उठा उठाकर तुम्हारे भैया के लन्ड पर धीरे धीरे चुदने लगी.

सासुमाँ ने कहा, "बहु, यह सब देखने से हमारा काम नही चलेगा! हमें दोपहर का खाना भी बनाना है!"
मैने दरवाज़े से आंख हटायी और कहा, "हाँ, माँ! चलो हम रसोई मे जाते हैं. रामु को देखने दो अपनी बीवी की चुदायी."

रामु दरवाज़े मे आंख डाले अपनी पत्नी की दूसरे चरण की चुदाई देखने लगा. हम कपड़े पहनकर रसोई मे आ गये.

करीब घंटे भर बाद गुलाबी बुरी तरह चुदी हुई मेरे कमरे से निकली. उसके बाल बिखरे हुए थे. सिंदूर माथे पर फैल गया था. उसकी चोली और घाघरा सिलवटों से खराब हो गये थे. उसके कपड़ों से वीर्य की महक आ रही थी. पर वह बहुत खुश और संतुष्ट लग रही थी. मुझे देखकर शरमा गयी और अपने कमरे मे भाग गयी. जब वह नहा धोकर रसोई मे आयी तो उसने दिन भर मुझसे और सासुमाँ से कोई बात नही की.

गुलाबी की चुदाई समाप्त होने पर हमने रामु को हाज़िपुर बाज़ार भेज दिया था. वहाँ से लौटा तो ससुरजी ने उसे खेत मे भेज दिया. रात का खाना खाने के बाद ही उसे गुलाबी के साथ अकेले होने का मौका मिला. सासुमाँ के कहने पर मैं रामु और गुलाबी के कमरे के बाहर गयी और उनकी बातें सुनने लगी.

कमरे मे बत्ती जल रही थी और गुलाबी बिस्तर पर रामु की तरफ़ पीठ किये लेटी हुई थी. रामु ने उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर चूमने की कोशिश की तो गुलाबी ने अपना मुंह फेर लिया और बोली, "सुनो जी, बत्ती बुझा दो तो! बहुत नींद आ रही है."
"हम तो तेरे को पियार कर रहे हैं." रामु थोड़ा रूठकर बोला.
"आज हम पियार-सियार नही कर सकते. आज हम बहुत थक गये हैं." गुलाबी बोली.

रामु कुछ देर अपनी पत्नी को देखता रहा. फिर बोला, "गुलाबी, का कर रही थी तु आज बड़े भैया के कमरे मे?"
"तुम सब देखे तो हो!" गुलाबी ने झट से जवाब दिया, "फिर काहे पूछ रहे हो?"
"हम तेरे मुंह से सुनना चाह रहे हैं."
"का सुनोगे?"
"वही जो तु कर रही थी बड़े भैया के साथ."
"हम बड़े भैया से चुदा रहे थे! बस सुन लिया?" गुलाबी गुस्से से बोली, "हम बहुत चुदाये उनसे. मजे ले लेकर. तुम्हारी तरह एक बार चोदकर वह सो नही गये. दुई दुई बार चोदे हमको. जब ऊ हमरे ऊपर से उतरे हम ठीक से चल भी नही पा रहे थे."

रामु अपनी पत्नी की अश्लील भाषा सुनकर एक तरफ़ स्तब्ध रह गया और दूसरी तरफ़ उत्तेजित भी हो रहा था.

"और कुछ सुनोगे?" गुलाबी जले पर नमक छिड़कते हुए बोली, "हम उनका लौड़ा चूसे. बहुत बड़ा, मोटा लौड़ा है बड़े भैया का. चूसकर इतना मजा आया कि जी कर रहा था सारा दिन चूसते ही रहें. हम उस दिन तुम्हारा लौड़ा चूसे तो कितनी बातें सुननी पड़ी!"

कमरे मे कुछ देर सन्नाटा रहा.

फिर रामु ने पूछा, "गुलाबी, तु क्यों की ई सब?"
"क्योंकि हम बड़े भैया से बहुत पियार करते हैं." गुलाबी बोली, "ऊ भी हम से बहुत पियार करते हैं. बहुत दिनो से हमको कह रहे थे कि गुलाबी हमसे चुदाओ, बहुत मजा पाओगी."
"क्यों, हमरा पियार तेरे को कम पड़ रहा था?" रामु ने उदास होकर पूछा.
"हाँ कम पड़ रहा था!" गुलाबी बोली, "भाभी हमको ठीके बोली थी - एक जवान औरत की प्यास एक मरद से नही बुझती है. हमे पराये मरदों से चुदवाना चाहिये. तब हमे जवानी का पूरा मजा मिलेगा. आज बड़े भैया से चुदाकर हमे पता लगा जवानी के खेल मे कितना मजा है!"

रामु उदास होकर बोला, "तु ई एक बार नही सोची कि तु ऐसा करेगी तो हमरे दिल को कितनी ठेस लगेगी? हम तुझसे कितना पियार करते हैं!’

गुलाबी बिस्तर से उठ बैठी और भड़क कर बोली, "हम तुमसे पियार नही करते हैं का? हमरा पियार तुमको कम पड़ रहा था जो खेत मे मालकिन को चोद रहे थे? हाँ? देखकर हमरे दिल को कितनी ठेस लगी, तुम सोचे एक बार?"

रामु ने गुलाबी का हाथ पकड़ा और लज्जित होकर बोला, "हमसे गलती हो गयी है, गुलाबी. हमको माफ़ कर दे. अब हम मालकिन को हाथ भी नही लगायेंगे. तु भी बड़े भैया से और मत चुदवा."
"नही. ऐसा नही हो सकता." गुलाबी हठ पर अड़ी रही.
"काहे?"
"हम बड़े भैया को वचन दिये हैं कि हम उनसे रोज चुदवायेंगे. ऊ हमको खुस होकर भाभी की चांदी की पायल भी दिये हैं. ई देखो." गुलाबी ने कहा और अपने पाँव पर पायल छनका कर दिखया.
"फिर हमरा का होगा, गुलाबी?" रामु ने पूछा.
"हम का जानें! तुम जितना चाहो मालकिन को चोदो." गुलाबी बोली, "और मौका मिले तो भाभी को भी चोद लेना, हम कुछ नही कहेंगे. पर हम जिससे चाहे चुदायेंगे, तुम हमरी चुदाई के बीच नही आना, हम कहे देते हैं!"

गुलाबी की बातों से रामु को निराशा के साथ एक भ्रष्ट किसम की उत्तेजने हो रही थी.
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