RE: Hindi Sex Kahani मौका है चुदाई का
नीलू ये बात सुन के थोडा दुखी हो गयी...काकी ने उसे थोडा लाड से समझाया की कोई बात नहीं. अभी भी तेरे पास ही सबसे बढ़िया मर्द पति है. तू क्यों परेशान होती है. और फिर हम इस गिफ्ट का भी स्वाद लेंगे. दोनों इसे पहन के घूमेंगे घर में. किसी को पता नहीं चलेगा की अन्दर ही अन्दर हमारी चूत की मालिश हो रही है.....नीलू का मूड थोडा ठीक हुआ तो वो लोग अपने अपने काम में लग गए......
दूसरी तरफ भानु का सिस्टम अब कुछ कुछ काम करने लगा था....काफी डाटा डाउनलोड हो चुका था और भानु ने सोचा की एक बार चेक कर के देख लेता हूँ की इसमें क्या क्या है........और वो अपने सिस्टम पर चेक करने के लिए बैठ गया........
भानु जब अपने सिस्टम पर बैठा तो थोड़ी देर तक उसे कुछ समझ में नहीं आया की करे क्या....अभी भी काफी सारा डाउनलोड होना बाकी था.....दरअसल वो मेन सर्वर से सारा डाटा अपने सिस्टम पर डाल रहा था..उसने किसी तरह से दोनों कंप्यूटर को कनेक्ट कर लिया था....फिर उसने अपने एक दोस्त को कॉल किया और काफी देर तक उससे इस बारे में बात की...उसने यह तो नहीं बताया की वो उससे यह सब क्यों पूछ रहा है और इसका क्या उपयोग करेगा....कितना अजीब लगता बोलने में की वो अपने ही घर की इस तरह निगरानी कर रहा है...उसका दोस्त क्या सोचता उसके बारे में...वैसे अभी उसे खुद भी यह एहसास हो रहा था की यह थोड़ी नहीं बल्कि बहुत अजीब बात है की वो इस तरह से घर की निजता में दखल दे रहा है...लेकिन बहुत दिनों से उसे सेक्स का कुछ भी राशन नहीं मिला था..और उसे लग रहा था की यहाँ से उसे कम से कम घर में काम करने वाली औरतों को देखन में सहूलियत रहेगी....इससे ज्यादा उसने कुछ नहीं सोचा था...वो कभी सपने में भी अपने घर में निगरानी करने की बात नहीं सोच सकता था...कुछ देर वो डाटा डाउनलोड होता देखता रहा लेकिन वो ऐसे बैठे बैठे बोर हो रहा था तो उसने सोचा की ये देख लेता हूँ की क्या क्या डाटा है......
लेकिन बहुत जल्दी उसे समझ में आ गया की उसने डाटा ट्रान्सफर करने में कोई गड़बड़ी कर दी है क्योंकि अब तक जो फाइल्स पूरी डाउनलोड हुई थी तो डेट वाइज नहीं थी....सब फाइल्स ऐसे ही बेतरतीब ढंग से डाउनलोड हो रही थी..उसे लगा की यह तो बड़ी आफत है..अगर डेट वाइज होती तो अच्चा रहता क्योंकि उससे देखने में आसानी रहती....ऐसे में तो उसके पास इतनी सारी फाइल्स हो जाएँगी की कुछ पता ही नहीं चलेगा की कौन सी फाइल किस फाइल के बाद की है....फिर उसने नोटिस किया तो पाया की हर फाइल ठीक एक घंटे की है....मतलब हर दिन में २4 फाइल्स होती हैं....अब अगर यही फाइल्स डेट और टाइम के साथ होती तो वो एक लाइन से एक एक दिन की फाइल्स देख सकता था.....लेकिन ऐसा हुआ नहीं था...मतलब वो रैंडम तरीके से किसी भी दिन के किसी भी घंटे की फाइल देख सकता था....फिर उसने सोचा की इतनी भी क्या अकल लगाना इस चीज के पीछे....वो धीरे धीरे अपना उत्साह खोता जा रहा था इस काम में....उसे समझ में आ रहा था की यह तो अपने आप में बड़ी मुसीबत है...इसमें तो मनोरंजन कम और मेहनत ज्यादा है.....उसने एक रैंडम फोल्डर पैर क्लिक किया....इस फोल्डर में कुछ पिक्स थी..ज्यादातर पिक्स अभी अधूरी थी इसलिए खुल नहीं रही थी...उसने एक पिक पर क्लिक किया तो वो बड़ी साइज़ की हो गयी...यह नीलू की पिक थी...
उसे पिक देख के लगा की क्या बुरी किस्मत है...अभी मन में यही चल रहा है की यह काम करूँ या न करूँ और पहली ही पिक उसकी अपनी माँ की ही आ गयि...पिक में ऐसा कुछ बुरा नहीं था..सिंपल पिक ही थी....हाँ ब्लाउज थोडा लो कट था लेकिन बड़े शहर में और हर तरह की अरतों के साथ रह रह कर भानु के लिए यह सब अब इतना आम हो चुका था की उसे इसमें कुछ बुरा या गलत नहीं लगा...उसकी नजर में तो यह नार्मल पिक ही थी...उसने सिस्टम वैसे ही चलने दिया और वो खुद कमरे से निकल के रानी के कमरे की तरफ जाने लगा...उसने देखा की उसके पेरेंट्स का कमरा बंद था....उसे याद आया की अक्सर वो उस कमरे को बंद ही देखता है....घर में सब घर के ही लोग हैं तो फिर ये लोग कमरा इस तरह से बंद क्यों करते हैं.....खैर उसने इस बात पर ज्यादा नहीं सोचा और रानी के कमरे की तरफ बढ़ गया...रानी ने कमरे को बंद नहीं किया था..उसक दरवाजा आधा खुला और आधा बंद था.....भानु जैसे ही अन्दर आया तो उसने देखा की रानी अपने लैपटॉप पर कुछ कर रही है...भानु के अन्दर आते ही उसने अपना लैपटॉप बंद कर दिया और एकदम नोर्मल बिहेव करने लगी....भानु यह देख के मुस्कुरा दिया...
रानी - इस तरह क्यों मुस्कुरा रहा है???
भानु - मुझे पता है तू क्या कर रही थी सिस्टम पर...
रानी - अच्छा??? बता तो मैं क्या कर रही थी?
भानु - रहने दे. मुझे बता के तुझे और शर्मिंदा नहीं करना. देख तेरे गाल कैसे लाल हो गए हैं...तुझे अगर ठीक लगे तो मैं बाहर चला जाता हूँ थोड़ी देर के बाद आ जाऊंगा...
रानी - ओ गंदे दिमाग..तेरा तो दिमाग ही बस एक ही तरफ जाता है...मैं तो बस ऐसे ही अपना अकाउंट चेक कर रही थी की दोस्तों ने क्या अपडेट भेजी है...
भानु - तुझसे झूट बोलते नहीं बनता....तू कहे तो मैं सच में बाहर चला जाता हूँ. मुझे बुरा नहीं लगेगा...
रानी - नहीं यार...सच में कुछ नहीं कर रही थी..ऐसे ही बस....तू आ न अन्दर..कुछ बात करते हैं..अकेली बैठी बैठी मैं बोर हो रही थी...
भानु - हाँ यार. मैं बी बहुत बोर हो रहा था..इसीलिए तेरे पास चला आया....
रानी - वो तेरे सिस्टम का क्या हुआ ? फाइल्स ट्रान्सफर हो गयीं?
भानु - नहीं अभी हो रही हैं.....एक ही पिक देखि अभी तक तो...और वो भी माँ की निकली...
रानी - हा हा हा हा हा तेरी बुरी किस्मत....कितना टाइम लगेगा पूरा डाउनलोड होने में?
भानु - एक दो घंटे और लगेंगे बस....फिर देखूंगा की कुछ मजेदार मिलता है की नहीं...
रानी - जब हो जाये तो मुझे भी दिखाना,.....मैं भी थोडा मनोरंजन कर लूंगी...
भानु - यार मैं कुछ गलत तो नहीं कर रहा ???
रानी - क्यों ऐसा क्या मिल जायेगा तुझे उस सब फाइल्स में जो गलत होगा????
भानु - पता नहीं क्या मिलेगा क्या नहीं. मुझे लगा की कहीं मैं घर के लोगों की निजता तो नहीं भंग कर रहा न...
रानी - अरे बाप रे...इतना कब से सोचने लगा तू????? कुछ दिन सेक्स नहीं मिला तो तू तो साधू हो गया......
भानु - मजाक मत कर. ठीक से बता मैं ठीक कर रहा हूँ?
रानी - देख इतना तो मैं जानती हूँ की हमारे पेरेंट्स अभी भी बहुत एक्टिव हैं.
भानु - एक्टिव हैं मतलब???
रानी - एक्टिव हैं मतलब एक्टिव हैं यार....अब इससे ज्यादा क्या कहूँ???
भानु - कैसे एक्टिव हैं?? ठीक से बता?
रानी - मतलब उनके बीच रोमांस अभी ख़त्म नहीं हुआ है. नॉर्मली इस उम्र में कपल्स के बीच रोमांस या तो ख़त्म हो जाता है या बहुत कम हो जाता है..लेकिन इनके बीच ऐसा नहीं है.
भानु - तुझे कैसे पता??
रानी - बस पता है.....और यह भी पता है की मुझे सही पता है.
भानु - बता न कैसे पता है? तूने क्या देख लिया?
रानी - ऐसा कुछ नहीं देखा....लेकिन माँ हर सुबह जब सो के उठती हैं तो उनके चेहरे का ग्लो और उनके बदन के हल्केपन से ही पता चल जाता है की वो पूरी तरफ से संतुष्ट होती हैं.
भानु - यह कैसे पता चलता है? मुझे भी सिखा.
रानी - यह कोई सिखने वाली चीज नहीं है. यह बस हम औरतों की इंस्टिंक्ट होती है. हमें एक दुसरे को देख के समझ में आ जाता है की कौन कितना एक्टिव है.....
भानु - ओके.....और बता कुछ...
रानी - और मुझे क्या पता? मैं उनकी जासूसी थोड़ी न करती हूँ...इतना ही पता है बस..तो इसलिए हो सकता है तुझे वो दोनों ही दिख जाएँ उन कैमरा में....तो यह तू सोच ले की तुझे वो सब फाइल्स देखनी हैं की नहीं...
भानु - यार तूने तो सीरियस कर दिया. मुझे नहीं देखना अगर ऐसा है तो.
रानी - अरे पागल जरुरी थोड़ी न है की वो लोग ही दिखेंगे और कुछ करते हुए ही दिखेंगे...तू तो देख और मुझे भी दिखा....वैसे भी यहाँ बहुत बोरियत होती है.और हमारे पेरेंट्स अगर एक्टिव हैं भी तो क्या हर्ज है आखिर दोनों हैं तो मियां बीवी ही न..उनके बीच तो सब जायज है...तू बेकार में मत सोच....तू तो फाइल डाउनलोड कर फिर दोनों मिल के देखेंगे...
भानु - ओके....अच्छा तू आज काकी से क्या बात कर रही थी...मैं नीचे आने वाला था मैंने तुम दोनों को बात करते देखा तो लगा की मेरे जाने से रुकावट होगी तो नहीं आया...
रानी - ऐसे बस इधर उधर का पूछ रही थी....कुछ खास बात नहीं की...काकी ने बताया की वो लोग बहुत पार्टी करते हैं...उनका बहुत अच्छा ग्रुप है....सब मिल जुल के रहते हैं और बहुत एन्जॉय करते हैं लाइफ को बस...
भानु - लेकिन हमारे आने के बाद से तो ऐसा कुछ नहीं हुआ. कोई पार्टी नहीं हुई.
रानी - हाँ तो वो अभी तो हम लोगों के साथ बिजी हैं न....इसलिए नहीं हुई होगी....
भानु - अच्छा सुन मैं सोच रहा था की किसी दिन अपने फार्म हाउस चलते हैं...एक दो दिन वहाँ रहेंगे तो मूड बदल जायेगा..
रानी - हाँ ये ठीक रहेगा...यहाँ पड़े पड़े बोर होने से अच्छा है की वहां चलते हैं...वहाँ तो पूल भी है न....मजा आएगा..
भानु - हाँ...इसी वीकेंड पर चलते हैं...
दोनों ने उसी समय प्लान बनाया की काकी को भी अपने साथ ले चलेंगे और दो दिन वहीँ रहेंगे..काकी रहेंगी तो ठीक रहेगा नहीं तो वहां तो हम अपने स्टाफ को भी नहीं जानते...अकेले जायेंगे तो वहां भी बोर हो जायेंगे...और फिर दोनों ने फाइनल किया की अभी खाना खा लेते हैं और उसके बाद तब तक डाउनलोड हुई फाइल्स को देखेंगे......उधर दूसरी तरफ सोम और नीलू के कमरे में....
नीलू - आज इंदु ने काकी के बारे में बहुत परेशां किया...
सोम - क्या कहा??
नीलू - वही जो उसकी हमेश की नाक घुसाने की आदत है की काकी कौन हैं हामारे साथ कब से हैं और फिर तुम्हारा और काकी का ये रिश्ता कैसे है...
सोम - ये इंदु न जरुरत से ज्यादा सवाल करती है.....
नीलू - मुझे तो अब लग रहा है की वो घुमा फिराकर हमें काकी के बारे में ब्लैक मेल कर रही है...
सोम - वो कैसे?
नील - देखो न अगर उसकी बात को मानें तो जो वो सोच रही है वो ये है की काकी तुम्हारी रिश्तेदार हैं....और तुम्हारी काकी हैं मतलब मेरी तो सास हुई न...और फिर हमारे बीच जिस तरह का रिश्ता है वो तो समाज की नजर में गलत ही है न...
सोम - हाँ लेकिन हमने तो पहले ही सबको बताया हुआ है न की काकी तो उन्हें सिर्फ नाम से बुलाते हैं....कहने भर की काकी हैं वैसे कोई रिश्ता नहीं है. सब को तो यही बताया है हमने तो फिर शक की बात ही कहाँ है..
नीलू - हाँ लेकिन इंदु की तो जासूसी करने की आदत है न...वही तो आज सब पूछ रही थी की कब से हैं काकी और यह सब रिश्ता कैसे बना उनके साथ और मैं कैसे ये सब के लिए हामी भर देती हूँ...
|