RE: Hindi Sex Kahani मौका है चुदाई का
दोनों इतने में ही रेडी हो गए थे....सोम ने कुरता पायजामा पहना हुआ था और नीलू ने जीन्स और लॉन्ग शर्ट......कार पार्क कर के दोनों जैसे ही एयरपोर्ट की लॉबी में गए वहां उन्होंने सीधा बाथरूम खोजा की किस तरफ है....लेडीज वाले सेक्शन में जाने का प्लान था क्योंकि लेडीज बाथरूम में जगह ज्यादा होती है.......दोनों पूरी तेज स्पीड से पैदल चल रहे थे...और एकदम मूड में थे लेकिन बाथरूम के ठीक पहले ही पीछे से सोम के एक कस्टमर ने आवाज दे दी...वो भी यहाँ एयरपोर्ट पर था और उसे इगनोरे नहीं कर सकता था सोम...तो दोनों को मन मसोस कर रुक जाना पड़ा उसकी आवाज सुन के......कुछ देर यहाँ वहां की फॉर्मल बात होती रही और फिर फ्लाइट की घोसना हो गयी....फ्लाइट आ गयी थी और कुछ ही देर में बच्चे चलते हुए बाहर आने वाले थे दोनों के.......नीलू ने उस कस्टमर को excuse me कहा और बाथरूम के अन्दर चली गयी...सोम वही खड़ा रहा और इतनी देर में वो आदमी भी वहां से चल गया......तभी नीलू बहार निकली....और उसने अपने हाथ की दो उँगलियाँ सोम की तरफ कर दी.......सोम ने उसे देखा और इशारे में पुचा की क्या है......नीलू ने हलके से सिर्फ इतना कहना की चूत का रस लगा के लायी हूँ अन्दर से...चाटो.......और सोम ने बिना किसी देरी के वो उँगलियाँ अपने मुंह में ले ली......लॉबी में खासी भीड़ थी लेकिन देखने वाला कोई यह नहीं कह सकता था की नीलू की उँगलियों में क्या लगा होगा जो सोम ऐसे उसे मजे से चाट रहा है............सोम ने उन उँगलियों से पूरा रस चाटा और फिर उँगलियाँ मुंह से निकल दी......नीलू और सोम दोनों ही बहुत कातिल नज़रों से एक दुसरे को देख रहे थे....और फिर दोनों वेटिंग वाली लाइन में आ गए जहाँ दोनों भानु और रानी का इन्तेजार करने लगे....दोनों के दिल बहुत तेज धड़क रहे थे.......दोनों की ही अंडरवियर में आग लगी हुई थी और दोनों के अन्दर का पेरेंट्स वाला प्यार भी जाग रहा था...इतने लम्बे समय के बाद वो अपने बच्चों के साथ रहने वाले थे...इस समय यह कहना मुश्किल था की दिल की यह बढ़ी हुई धड़कन उस प्यार के कारन थी या एक दुसरे के लिए जागी हुई वासना के कारन..............
रानी ने अभी हाल ही में मास कम्युनिकेशन की डिग्री पूरी की थी....उम्र पुरे २१ साल....देखने में बेहद सुन्दर और चंचल.....इस उम्र में आ कर लड़कियों को सेक्स के बारे में लगभग सब कुछ मालूम हो जाता है और मौका मिलने पर वो आजमा भी लेती हैं...रानी भी मौका चुकने वालों में से नहीं थी..उसने भी सेक्स को आजमाया हुआ था....लेकिन दूसरी लड़कियों में और रानी में यह अंतर था की वो इसके लिए अभी पागल नहीं हुई थी...जैसा हम दूसरी कहानियों में देखते हैं की लड़कियां बस गीली चूत ले के चलती रहती हैं और जो भी मिल जाये उससे चुद जाती हैं रानी वैसी नहीं थी.....उसने सेक्स कम बार ही किया था लेकिन सेक्स के बारे में उसने पढ़ा बहुत कुछ था...तंत्र सेक्स तक की कई सारी किताबें रानी ने बहुत बार पढ़ी थी.....वो किसी भी समय पोर्न फिल्म्स के पुरे इतिहास के बारे में बात कर सकती थी क्योंकि उसने दुनिया भर की पोर्न फिल्म्स देखि हुई थी...लड़कों को कैसा आकर्षित करना है इसमें भी उसे महारत हासिल थी.....यहाँ तक की वो लड़कियों के साथ भी सेक्स करने से परहेज नहीं करती थी.........लेकिन इसका मतलब यह नहीं था की कोई भी उसे चोद सकता था....वो बहुत सेलेक्टिव थी अपने सेक्स पार्टनर्स के बारे में और शायद इसीलिए इस जवान उम्र में भी उसने सिर्फ कुछ ही बस किसी लड़के के साथ सेक्स का अनुभव किया था........वो सेक्स के बारे में सोचती बहुत थी..उसके अपने सपने सेक्स के बारे में बहुत जंगली स्टाइल के होते थे...और उसी तरह का सेक्स पसंद था......
रानी सेक्सी दिखने की लिए नंगी होना जरुरी नहीं समझती थी.....जैसा की आप पिक्स में देख रहे हैं उसकी पोषक हमेशा ही बहुत शालीन और सुन्दर होती थी.....हाँ यह बात भी है की रानी हमेशा ही फिटिंग के कपडे पहनती थी...उसे शरीर को नंगा कर के दिखाना पसनद नहीं थी लेकिन वो अपने शरीर की बनावट को कपडे के उपर से भी बहुत अच्छे से नुमाईश कर सकती थी....और वो यही करती थी....सलवार कुरता भी पहनती तो उसमे सलवार इतनी ज्यदा टाइट होती थी की ध्यान से देखने पर गांड का शेप बहुत अच्चा दीखता था....कुरता हमेशा ही गहरे गले का होता था...शरीर से चिपका हुआ...लेकिन वो दुपट्टा हमेशा से बहुत सलीके से ओढ़ती थी जिससे की सिर्फ यह अंदाजा लगता था की इसकी चूचियां बड़ी बड़ी हैं लेकिन चूची नंगी हो के नहीं दिखाती थीं.......रानी को यही पसंद था...उसे लड़कों में आग लगा देना बहुत पसंद था......अगर आप यह सोच रहे हैं की बस अब तो रानी घर में आ गयी है और अब वो पहले ही दिन से रंडी बन के रहेगी और पहले अपने बाप से फिर भाई से चुदेगी तो आप गलत सोच रहे हैं...रानी के दिल में अपनी फॅमिली के लिए बहुत प्यार था और वो कभी अपनी हवास में उन्हें हिस्सेदार बनाने के सपने नहीं देखती थी....तो यह न सोचें की अब बस अगले ही दिन से घर में खुल्लम खुल्ला चुदाई शुरू होने वाली है....हमारी रानी अपने रंग में आ जाये तो बहुत बड़ी रंडी है लेकिन वो इतनी आसानी से अपने रंग में नहीं आती है...उसे उकसाना बहुत ही मुश्किल काम है...........लेकिन एक बार रानी को चुदास चढ़ जाये तो फिर वो सब कुछ भूल जाती है..फिर उसे कुछ दिखाई नहीं देता सेक्स के सिवा....एक बार उसके बॉयफ्रेंड ने उसे गरम कर दिया और वो जैसे ही चुदाई करने को हुए वो झड गया.....रानी ने उसे फिर से रेडी करने की बहुत कोशिश की लेकिन उसका लंड ही नहीं खड़ा हुआ....रानी ने उसे तीन चार थप्पड़ रसीद किये और बहार भगा दिया....प्यार अपनी जगह है लेकिन जब सेक्स का टाइम हो तो प्यार नहीं बल्कि जंगली वासना की पुजारिन है रानी.....उसे गरम करने के बाद अगर शांत नहीं किया गया तो वो किसी नागिन की तरह हो जाती है...और तब तक लंड के लिए तरसती रहती है जब तक उसकी ठोक के चुदाई न कर दी जाए........
घर लौटने के बारे में रानी भी बहुत खुश थी....कई दिनों से उसका कोई यार नहीं था अय्याशी करने के लिए...अपने अंतिम दिनों में वो काम में और अपनी पढाई में ही इतनी ज्यदा उलझी हुई थी की उसे यह सब करने की फुर्सत ही नहीं मिली....अपने घर आते समय वो रस्ते भर यही सोच रही थी की देखती हूँ वहां शायद कोई मिल ही जाये मजेदार आदमी......रानी ने अभी तक सिर्फ लड़कों और लड़कियों के साथ ही जवानी का भोग किया था.....और इधेर कुछ समय से उसके मन में किसी बढ़िया तगड़े मर्द या अनुभवी औरत के साथ कुछ करने की इच्छा होने लगी थी...इसकी वजह तो कुछ खास नहीं थी...वो बस सेक्स में कुछ नया करना चाहती थी........
दूसरा परिचय भानु का.....अपनी बहन के विपरीत भानु एक नंबर का हरामी था.....भानु इतना बड़ा वाला हरामी थी की कोई कुतिया भी उसके सामने गरम हो के आ जाये तो उसे भी छोड़ने में भानु को कोई दिक्कत नहीं होगी...इसे भगवन की दें ही समझिये की भानु को लड़की को देख के ही भानु को एक फीलिंग सी हो जाती थी की कौन सी लड़के चुदासी चल रही है..और फिर वो उसी पर डोरे डालने लगता था.....भानु को प्यार मुहब्बत से कुछ लेना देना नहीं था..उसका भी यही सोचना था की प्यार इश्क यह सब फ्री में चुदाई करने के बहाने हैं और कुछ नहीं.....रानी तो सेक्स में बहुत सेलेक्टिव थी लेकिन भानु के साथ ऐसा कुछ नहीं था...वो तो बस जो मिल जाये जहाँ और जैसे मिल जाये चूत मरने में यकीन रखता था बस...यही कारन था की जवान होने से ले के अब तक के दो तीन सालों में उसने अनगिनत औरतों लड़कियों के साथ सम्बन्ध बना लिए थे......
भानु शरीर से बहुत कोई फिल्म स्टार जैसा नहीं था..औसत कद था..साधारण काठी थी...जैसा हम इन कहानियों में पढ़ते हैं की १० इन्च का हलाबी लंड था वैसा लंड भी नहीं था उसके पास....उसका लंड मुश्किल से ६ इन्च का था बस...लेकिन मोटा बहुत था और सबसे खास बात तो यह की भानु को अपने लंड पर गजब का कण्ट्रोल था.....वो चाह ले के अभी लंड खड़ा नहीं करना है तो बड़ी से बड़ी रंडी भी उसके सामने नंगी नाच के मर जाएगी लेकिन भानु का लंड खड़ा नहीं होगा...और अगर भानु सोच के अभी उसे झाड़ना नहीं है तो फिर बहुत बहुत देर लगातार चुदाई करने के बाद भी न तो थकता था और न ही उसका लंड झाड़ता था..................हम पोर्न मूवी में देखते हैं की बड़े बड़े लंड वाले ही असली मर्द होते हैं...लेकिन भानु को अपने उस औसत कद के लंड पर भी बहुत यकीन था...और होता भी क्यों नहीं...उसने अपने इसी लंड से कई सारी चूतों को ठंडक पहुचाई थी.......वो तो बस घर पहुचने के इन्तेजार में था..उसे यकीन था की यहाँ भी वो अपने लिए चूत बहुत जल्दी खोज लेगा..........
भानु और रानी दोनों ही एक ही शहर में रहते थे लेकिन एक साथ नहीं रहते थे...पहले दोनों ने एक साथ ही एक फ्लैट किराये पर लिया था लेकिन जैसे जैसे दोनों अपनी सेक्स लाइफ में एक्टिव होते गए दोनों के लिए एक ही जगह पर रहना थोडा मुश्किल होने लगा...शुरू शुरू में तो दोनों ने उसमे भी एडजस्ट करना चाह लेकिन वो संभव नहीं हुआ....पहले पहले कई बार रानी अपने बॉयफ्रेंड को अपने फ्लैट ले आती थी या भानु अपनी किसी दोस्त को अपने साथ ले आता था लेकिन अगली सुबह दोनों के लिए एक दुसरे से आँख मिलाना थोडा मुश्किल हो जाता था...दोनों ही जानते थे की कल रात को उन्होंने क्या किया है और अपने घर में वो बहुत शरीफ समझे जाते हैं लेकिन उनकी हकीकत कुछ और है.....हालाँकि दोनों एक दुसरे की सेक्स लाइफ को ले के बहुत कूल थे लेकिन फिर भी थे तो दोनों भाई बहन ही..........कितना भी कूल क्यों न हो जाएँ लेकिन रिश्ता जो है वो तो रहेगा ही........और फिर एक दिन दोनों ने ही सोचा की सेक्स को छोड़ नहीं सकते और ऐसे झिझक में रह कर भी मजा नहीं आएगा तो भानु ने अपने लिए नया फ्लैट किराये पैर ले लिया था....पैसों की तो कमी थी नहीं...उसने नया फ्लैट भी पास ही में लिया था..और अक्सर वो रात का खाना रानी के साथ उसके फ्लैट पर ही खता था......दोनों में अक्सर खुल केर यह भी बात होती थी की आजकल उनकी सेक्स लाइफ में क्या चल रहा है...लेकिन उसमे भी एक सलीका अभी भी बरकरार था.....सोम और नीलू कम से कम इस बात पर गर्व कर सकते थे की उनके दोनों बच्चे नंबर एक के चुदासे होने के बाद भी अपने रिश्ते का ख्याल रखते थे.....
भानु तो शुरू से ही थोडा लापरवाह था इस मामले में...और तीन बार उसने अपनी दोस्त को पेट से भी कर दिया था.....उस समय रानी ने ही मेडिकल प्रॉब्लम ठीक करवाई थी...और भानु का साथ दिया था...और बार बार उसे हिदायत भी देती रहती थी की जरा कंडोम लगा लिया करो..नहीं तो किसी दिन कोई गोद में दे देगी यह कह के की लो अपने बच्चे लो पालो.....भानु भी उसकी बात को हमेशा गंभीरता से लेता था....घर आने के पहले दोनों के बीच इस बारे में भी काफी बात हुई थी की अब घर में जा के यह सब अय्याशी बंद कर देनी होगी...यह भी अजीब इत्तेफाक ही था की वहां इनके पेरेंट्स इसी बात को ले के चिंतित थे और यहाँ उनके बच्चों को भी अपनी अय्याशी बंद होने की बड़ी चिंता थी.....खैर...अब तो घर पहुच ही गए थे...कुछ न कुछ रास्ता खोज निकालने की उम्मीद इन दोनों को भी थी.....
दोनों ही बच्चे अपनी माँ से ज्यदा क्लोज थे...ऐसा तो हर घर में होता है की माँ ही घर का आधार होती है....रानी अपनी लाइफ की हर बात अपनी माँ से शेयर करती थी..और इशारों इशारों में ही उसने नीलू को बता दिया था की उसकी सील टूट चुकी है...और भानु ने भी ऐसा कारनामा कर लिया है यह बात भी नीलू को रानी ने ही बताई थी...लेकिन दोनों में इस बात को ले के कोई बहस नहीं हुई थी और ना ही दोनों गंदे तरीके से इस बारे में बात करती थीं......जैसे पेरेंट्स बाकि बातों के बारे में बच्चों को सलाह देते हैं वैसे ही इस मामले में नीलू ने सिर्फ इतनी सलाह दी थी की कोई परमानेंट नुक्सान नहीं होना चाहिए और दोनों अपनी सेहत का ख्याल रखना...रानी ने जब यह बात भानु को बताई तो उसे बहुत अजीब लगा की उसकी माँ जानती है की वो कितना बड़ा चुदासा लड़का है और जो अपनी से बड़ी बड़ी उम्र की औरतों की चूत में भी घुसने से परहेज नहीं करता......हाँ रानी ने अपने बारे में इतनी ज्यादा जानकारी नहीं दी थी..उसने यह नहीं बताया था नीलू को की वो जब चुदना चाहती है तो उसे घोड़े का लंड भी कम लगने लगता है......गन्दी जोरदार और दर्दनाक चुदाई का शौक शायद इस पुरे घर के खून में ही था.....अभी वो सब इस बात से अनजान थे लेकिन जब एक ही छत के नीचे रहना हो तो ज्यादा दिन तक ज्यादा बातें छुपी नहीं रहती......
वहां एयरपोर्ट पर जब सबका मिलन हुआ तो सभी बहुत बहुत खुश हुए...जैसा की औरतों के साथ होता है...नीलू और रानी तो थोडा भावुक भी हो गए और उनकी आँखें भी भर आयीं थीं.....सब गाड़ी में बैठ के घर आ गए थे....घर में आते ही सबसे पहले उन्हें उनके अपने अपने रूम दिखा दिए गए और घर के बाकि सिस्टम के बारे में बता दिया गया....घर में सबसे ज्यादा काम सुधा काकी के हाथ से ही होते थे..वो भी बच्चों को अपना ही मानती थी..और बच्चे भी उसे काकी ही कहते थे...हालांकि रिश्ता दादी का था लेकिन उसे सभी काकी ही कहते थे.....घर के बाकी स्टाफ से भी उन्हें मिलवाया गया....भानु ने नोटिस किया की घर में मर्द स्टाफ सिर्फ दो ही हैं...बाकी सभी औरते हैं और सब औरतें बदन के मामले में बड़ी टाइट हैं...उस समय उसने शायद ये न सोचा हो की इन औरतों के इस बदन का घर में कौन कौसे उपयोग करता है...घर के बाकि हिस्सों को देख के पता लगा की उपर वाले फ्लोर में एक अलग से बाथरूम बनाया गया है जिसमे एक बड़ा साइज़ का जकुजी लगा हुआ है....घर के चरों तरफ लॉन है और सेफ्टी के नजरिये से घर के कई हिस्सों में कैमरा लगे हुए हैं....भानु सब चीजें बहुत गौर से देख रहा था और रानी को इस सब पर कोई रूचि नहीं थी...वो बस देख रही थी की घर में क्या क्या है...दोनों इसी घर में पैदा हुए थे लेकिन बचपन के बहुत कम दिन इस घर में बीते थे दोनों के.....कुछ बातचीत होने के बाद सब अपने अपने कमरे में गए..यह तय हुआ की सब नाहा धो के कुछ देर बाद खाने की टेबल पर मिलेंगे....रानी और भानु अपने कमरे में आ गए और सोम और नीलू अपने बेडरूम में.....
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