RE: Kamukta Kahani जुआरी
कामिनी ने टाइम देखा तो 11 बज रहे थे
उसका पूरा बदन दुःख रहा था
उसके बूब्स पर लाल निशान थे जो कल कुणाल के दांतो के काटने से बने थे
उन निशानों को देखकर उसे एक बार फिर से उस जंगली कुणाल के झटके याद आ गए और उसका हाथ अपने आप अपनी चूत की तरफ चला गया, जो पहले के मुकाबले ज्यादा चौड़ी हो चुकी थी कुणाल के लंड के अंदर जाने के बाद..
वो मुस्कुरा उठी, अपनी चूत की किस्मत पर, जो उसे ऐसा लंड मिला जो उसे अंदर तक तृप्त कर गया था
वो उठकर बालकनी के पास आ गयी.
अभी भी उसके शरीर पर कोई कपडा नहीं था,
एकदम नंगी थी वो,
सिर्फ हाई हील के सेंडल पहने हुए थे
खिड़की से आती धुप में उसका सुनहरा बदन लश्कारे मार रहा था.
अपने कड़क बूब्स को खुद ही दबा कर उसकी नजरें कुणाल को ढूंढने लगी, खिड़की से उसे वो दिखाई नहीं दिया तो वो अंदर आयी और अपने मोबाइल से उसे फ़ोन किया...
उसने उंघती हुई सी आवाज में फ़ोन उठाया : "उम्म्मममममम कौन है.... ''
कामिनी समझ गयी की उसने बिना देखे ही फ़ोन उठा लिया है वर्ना उसकी इतनी हिम्मत नहीं थी की वो कामिनी से ये सवाल पूछता
वो बोली : "कुणाल, मैं बोल रही हूँ , कामिनी ''
कामिनी की सेक्सी आवाज और नाम सुनकर वो उछलकर बैठ गया..
वो भी इस वक़्त नंगा ही सो रहा था, पायल वहां नहीं थी, वो शायद कोठी में नाश्ता बनाने तैयारी कर रही थी
कुणाल : "ओह्ह मेडम, सॉरी मैंने देखा नहीं था फ़ोन , कहिये मेडम, कैसे याद किया, कही जाना है क्या ? ''
कामिनी : "नहीं, मुझे कही नहीं जाना, साहब कहीं गए हुए है आज तो वो शाम तक ही आएंगे, और दोपहर तक वो मेरी फ्रेंड इन्द्राणी आएगी , जिनके पास हम लोग कल गए थे...''
कामिनी ने एक ही सांस में पूरे दिन का शेड्यूल अपने ड्राइवर को बता डाला..
कुणाल की समझ में भी नहीं आया की ये सब बताने के लिए फ़ोन किया है क्या मेडम ने ?
फिर वो असली बात पर आयी : "अच्छा सुनो, मुझे नहाने जाना है, और बाथटब का स्टॉपर नहीं मिल रहा है, तुम आकर देखो की क्या हो सकता है '
कुणाल के बदन के सारे रोंये खड़े हो गए ये सुनकर
वो खुली आँखों से आने वाली संभावनाओ के बारे में सोचकर सपने देखने लगा
वैसे भी सुबह-२ उठकर उसका लंड बुरी तरह से दर्द कर रहा था
उसे हमेशा से ही आदत थी की सुबह उठकर वो सबसे पहले पायल की चूत मारता था
उसका मन हो या न हो
वो उसकी चूत में लंड पेलकर अपना सारा रस उसमें निकालकर ही नहाने जाता था
अब ये रस उसे कामिनी मेडम के लिए संभालकर रखना था
इसलिए जल्दी से अपनी पेंट शर्ट पहन कर वो मेडम के रूम की तरफ चल दिया
ऊपर पहुंचकर उसने देखा की कामिनी मेडम अपनी अलमारी के आगे खड़ी होकर अपने अंडरगारमेंट्स निकाल रही है, कामिनी ने तब तक एक लंबी सी टी शर्ट पेहेन ली थी, जो उसकी जांघो तक आ रही थी, नीचे वो अभी भी नंगी ही थी
हाई हील की सेंडल पहन कर वो अलमारी के आगे खड़ी होकर झुक के खड़ी थी तो कुणाल का मन किया की उसके पीछे जाए और अपना लंड पेल दे उसकी गांड में
पर अपनी औकात का पता था उसे
कल की चुदाई के बाद भी अब तक उसमे इतनी हिम्मत नहीं आ पायी थी की वो ऐसी गुस्ताखी कर सके..
कामिनी ने मुड़कर उसे देखा और फिर उसकी नजर सीधा उसके लंड पर गयी, जो अभी तक तम्बू बनाकर खड़ा था, वो बोली : "उठ गए, लगता है कल रात काफी गहरी नींद आयी तुम्हे .. ''
कुणाल मुस्कुरा दिया, बोलना तो वो चाहता था की चुदाई करके उसे अच्छी ही नींद आती है पर बोल नहीं पाया
कामिनी : "जाओ देखो जरा बाथरूम में, फिर मुझे नहाना भी है''
कुणाल अंदर चला गया, कामिनी भी मुस्कुराती हुई सी, अपने हाथ में पकड़ी ब्रा पेंटी को बेड पर फेंककर बाथरूम में आ गयी.
अंदर आकर कुणाल ने काफी कोशिश की स्टॉपर को ढूंढने की पर वो मिला नहीं
मिलता भी कैसे, कामिनी ने उसे अलमारी में जो छुपा दिया था
फिर उसने सोचा की कुछ और रखकर वो पानी रोक दिया जाए पर ऐसा कुछ मिला ही नहीं जो वहां फिट हो पाता ...
अंत में उसने कामिनी से कहा : "मेडम, ऐसा तो कुछ मिल ही नहीं रहा, मैं मार्किट से जाकर नया ले आता हूँ ''
पर वो जानता था की ये सब तो नाटक ही चल रहा था
वो जाने के लिए मुड़ा तो कामिनी बोली : "रहने दो, मुझे फिर नहाने में देर हो जाएगी और इंद्राणी के आने का भी टाइम हो रहा है, तुम ऐसा करो अपने पैर का अंगूठा रखकर बैठ जाओ, मैं आज ऐसे ही मैनेज कर लुंगी ''
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