RE: Desi Sex Kahani मौका है चुदाई का
सुधा - क्या हुआ??
नीलू- जरा भी मजा नहीं आया..
सुधा - क्यों गांड फट रही थी क्या बच्चों के ख्याल से?
नीलू- हाँ तुम्हें कैसे पता चला काकी?
सुधा- यह तो हर एक के साथ होता है..जब मैं तुम्हारी उम्र की थी तो मेरी भी ये हालत होती थी...रात में लगता था की कर लूं और यह डर भी लगता था की बच्चे न जग जाएँ....
सोम- तो कैसे करती थी फिर?
सुधा- तुम्हारे काका बड़े जालिम आदमी थे....सारी रात सोते और सुबह ४ बजे उठ जाते. कहते हैं उस समय में सबसे गहरी नींद लगती है..और उसी समय में जब घर के सब लोग गहरी नीन्द में सो रहे होते तो तेरे काका जी भर के लेते थे मेरी और मैं भी मजे से देती थी क्योंकि धीरे धीरे मुझे भी पता चल गया था की इस समय में सच में कोई जाग नहीं रहा होता. सबसे बहुत गहरी नींद सोते हैं....और फिर जहाँ चाह वहां राह...अगर लेनी है तो फिर लेनी है...रास्ता अपने आप मिल जाता है...
सोम- अरे अब वो दिन नहीं रहे...अब तो बच्चे सारी सारी रात जागते हैं....कब कौन क्या सुन लेगा कुछ पता नहीं..
नीलू -हाँ . मेरी एक सहेली के साथ तो प्रॉब्लम हो गयी थी. वो सोचती की रत में घर के सब लोग सो रहे हैं और जब वो अपने पति से चुदाई करती थो उसका देवर उसका विडियो बना लेता था...
सुधा- पता नहीं तुम लोग पढ़ लिख के कुछ सीखे भी हो या तुम्हारा कॉमन सेंस भी ख़त्म हो गया है...
नीलू - क्यों???
सुधा- मैं यह नहीं कह रही की सुबह चार बजे उठ के करो...लेकिन अगर खोजना चाहोगे तो रास्ता मिलेगा न..ऐसे हाथ पर हाथ रख के न बैठो....
सोम- अरी अभी तो सब ठीक है..देखना कुछ दिन में एक न एक रूटीन बन जायेगा फिर यह सब दिक्कत न आएगी....
सुधा- देखते हैं...वैसे मेरी तरफ से जब भी कोई भी हेल्प चाहिए हो तो बता देना....
उधर दूसरी तरफ भानु का शैतानी दिमाग भी अपने काम में लगा हुआ था...आजकल टेक्नोलॉजी इतनी ज्यादा बढ़ गयी है की कोई सही तरीके से उसका उपयोग करना जनता हो तो उसके लिए कुछ भी करना बहुत आसन हो जाता है....भानु की नजरें अपने घर के स्टाफ पर टिक गयी थीं.......एक से एक बढ़कर औरतें और सब की सब गुदाज बदन वाली...जिन्हें मसल मसल के जिंदगी का असली सुख मिल सकता है...भानु को तो वैसे भी हर उम्र की लड़की और औरत में दिलचस्पी रहती थी....तो जाहिर सी बात है वो यहाँ भी कुछ वैसा ही सोच रहा था...उसने सबसे पहले यह प्लान बनाया की जैसे फिल्म्स में होता है वो सिक्यूरिटी वाले कैमरा का फीड किसी तरह से हासिल करेगा..और घर के स्टाफ की औरतों पैर नजर रखेगा...शायद कहीं से कुछ बात बन जाये तो उसे बाहर कुछ खोजना नहीं पड़ेगा..घर में ही काम चल जायेगा.....फिर उसे यद् आया की सब नीचे वेट कर रहे होंगे....
और रानी की सोच अभी तक सोयी हुई थी...वो तो बस घर आ के खुश थी....उसे अपना सामन थोडा बहुत खोल लिया था और अपने रूम को देख के यह सोच रही थी की उसे कैसे सजाना है....उसके दिमाग में अभी सेक्स के बारे में कोई ख्याल नहीं चल रहा था.....वैसे भी सेक्स का चौबीस घंटे वाला कीड़ा भानु के दिमाग में था..रानी के दिमग में नहीं....रानी ने भी सोचा की पहले नहा के नीचे चलते हैं..अब तो घर पर ही हैं तो बाकी का काम आराम से करते रहेंगे ऐसे भी क्या जल्दी है...दोनों अपने अपने कमरे से नहा के कुछ देर में नीचे आ गए...तब तक सुधा नीलू और सोम अपने लिए आगे का कुछ बंदोबस्त सोचने में लगे हुए थे.....बच्चों को आते देख के वो लोग चुप हुए और टॉपिक चंज कर दिया...
अगले एक दो दिन तो आराम से ऐसे ही बीत गए....बच्चों को अपने लिए कुछ कुछ सामन लेना था और चूँकि वो बाजार नहीं जानते थे इसलिए सोम उनके साथ बराबर रहा और उनकी खरीदारी करवाता रहा....भानु अपना लैपटॉप तो ले के ही आया था लेकिन साथ ही उसने एक कंप्यूटर और ले लिया नया...और रानी ने अपने लिए तो कुछ नहीं लिया पर अपने कमरे के लिए काफी सामान लिया......फिर एक दिन नीलू की कुछ सहेलियां उसके घर आयीं...सोम उस समय अपने ऑफिस में था...रानी अपने कमरे में और भानु अभी बाहर गया हुआ था...काकी और नीलू उन सहेलियों को ले के नीलू के कमरे में आ गए थे.....काकी उन लोगों के लिए चाय पानी लेने चली गयी....
इंदु - और सुना नीलू तू तो एकदम गायब ही हो गयी यार...
नीलू - अरे नहीं ऐसी कोई बात नहीं. बस बच्चे कुछ ही दिन पहले आये हैं तो उन्ही के साथ बिजी थी.
इंदु - हाँ हम लोग तो भूल ही गए थे....तुम लोगों को कभी बच्चों के साथ नहीं देखा न...
नीलू- हाँ वो भी पहले बार ही हम लोगों के साथ रह रहे हैं..
रीति - तो अब तुम्हें पता चलेगा की हम लोगों की जिंदगी कैसी होती है...
नीलू - क्या मतलब?
इंदु - हाँ और क्या...जब देखो तुम लोग घर में अय्याशी करते थे और हम लोग तुम्हें देख देख जलते थे...अब तुम्हारी भी अय्याशी बंद...
नीलू - अच्चा? क्यों बंद?
रीति - अरे बच्चू अभी तुम्हारी जवानी की हवा निकालनी शुरू होगी..तुम बस देखती जाना....जब एक एक किस के लिए तर्सोगी...जैसे हम लोग तरसते हैं...कहीं कोई देख न ले..कहीं दाग न लग जाये....तुम भी अब यह सब सोचोगी..
नीलू- मैं कुछ नहीं सोचने वाली ऐसा..देखना मैं तो वैसी ही रहूंगी जैसी पहले थी...
इंदु= यह तो कहने की बातें हैं....वक़्त ही बताएगा...अच्चा सुन वो फार्महाउस वाला ग्रुप कब हो रहा है? बड़े दिन हो गए यार कुछ अरेंज कर न अच्चा सा...
नीलू - हाँ सोचती हूँ उसके बारे में कुछ..बहुत दिन हो गए हमारी पूल पार्टी नहीं हुई...वैसे तुम लोग सुनाओ क्या चल रहा है आजकल.,..
इंदु - कुछ खास नहीं यार..मेरे पति को किसी ने लंड फुलाने की मशीन दे दी है और कहा है की इससे उनका लंड फूल के दोगुना हो जायेगा...तो पूरी पूरी उसी मशीन में लंड डाल के बैठे रहते हैं...
नीलू- हा हा हा हा...सच में?
इंदु- हाँ यार...उन्हें हमेशा से ही अपने नार्मल साइज़ के लंड से दिक्कत रही है.क्या क्या इलाज नहीं किया..लेकिन तू ही बता लंड की लम्बाई और चूत की गहराई ऐसे बढती है क्या कहीं...
नीलू - हाँ सही कह रही है. लेकिन अब वो कर ही रहे हैं तो कर लेने दे न...और तू सुना रीति तेरा आदमी क्या गुल खिला रहा है आजकल....
राती - मेरा वाला तो पिचले दो हफ्ते से टूर पर है....आजकल अपने ऑफिस के दो बन्दों से काम चल रहा है...एक तो अभी बस २२-२३ साल का होगा....हरामखोर से बनता कुछ नहीं है लेकिन झूमता ऐसे है की खा जायेगा...पता है उसके साथ सेक्स करने में प्यास तो नहीं बुझती लेकिन कॉमेडी होती है तो मजा तो आ ही जाता है..
नीलू- ऐसी क्या कॉमेडी होती है?
रीति - अरे यह आजकल के फुस्सी लौंडे साले...किसी काम के तो होते नहीं..स्टेमिना होता नहीं है लेकिन सब ब्लू फिल्म देख देख के अपने आप को हीरो समझने लगते हैं......कहता है नया नया पोस बना के करेंगे..मैंने कहा ठीक है बेटा देखती हूँ कितनी ताकत है......वो मुझे अपने उपर बैठ के कूदने को कह रहा था...मैं भी उसके लंड पर ऐसा फंसा फंसा के कूदी और उसकी गोटियों में ऐसे जोर जोर के झटके दिए की साले से खड़े होते नहीं बन रहा था.......बात तो एक हजार की तय हुयी थी लेकिन मैंने उसे दो हजार उपर से और दे दिए...बेचारे के गोते शोर्ट कर दिए मैंने...
इंदु - तू साली रहेगी छिनाल की छिनाल ही...वो तेरे बगल वाले अंकल का क्या हुआ?
रीति - वो तो बस उपर से छू के ही नहर बहा देता है. उसका क्या होगा ? एक दिन मैंने कहा की अंकल लोगे क्या? आ जाओ आज बहुत गीली हूँ......उस दिन के बाद से आज तक तो वो दिखा नहीं मुझे...
इंदु - लेकिन तू तो कहती थी वो तुझे देख देख के लंड घिसता है...
रीति - हाँ तो उतना ही करने के लायक है वो. उससे ज्यादा का उसमे दम नहीं था. मैंने खुल्ला न्योता दे दिया तो उसने तो वो गली ही छोड़ दी.....
|