RE: Sex Kahani सहेली की मम्मी बड़ी निकम्मी
कुछ ही देर में मेरी नंगी चुत पानी छोड़ने लगी, मेरा मन उससे चुदवाने के लिए तैयार था।
‘आआहह्ह… अन्दर मेरे शौहर अल्ताफ हैं, यहाँ यह सब ठीक नहीं है।’ मैं कमरे की तरफ झांकते हुए सिसकार उठी।
‘मैडम आप बोलो तो बाहर किसी होटल में चलें?’ उसने मेरे कान में फुसफुसाते हुए कहा।
‘बाहर कहाँ? होटल में किसी ने मुझे देख लिया तो? रेड पड़ गई तो रंडी कहलाऊँगी। वैसे भी मैं तुमसे बहुत बड़ी हूँ, क्या बोलूंगी होटल में कौन हो तुम मेरे?’
‘आप अपना लॉन्ग कोट पहन लेना, मैं हेलमेट लगा लूँगा, एक दोस्त है अकेला ही रहता है, उसके घर चलते हैं।’ कबीर का जवाब सुन कर मैं तैयार होने को बढ़ गई।
‘वसीम, मैं शॉपिंग के लिए जा रही हूँ। कबीर मुझे मर्केट तक छोड़ देगा, लेट हुई तो वहाँ से रिक्शा लेकर आ जाऊँगी। तुम्हारे लिए कुछ लाना है?’
‘बियर चाहिए जो तू नहीं ला पायेगी, जा अपना काम कर…’
‘मेरी बिना इन्सल्ट किये इस कुत्ते का दिल ही नहीं भरता!’ सोचते हुए मैं फटाफट तैयार होकर अपने स्टूडेंट कबीर के साथ निकल गई। मैंने लॉन्ग कोट के नीचे एक क्लब वियर टाइप रेड कलर की स्पघेटी (spaghetti) पहनी हुई थी।
कुछ ही देर में हम उसके एक दोस्त नदीम के घर में थे।
मैं अपने स्टूडेंट कबीर के साथ उसके एक दोस्त नदीम के घर में थी।
‘हाय नदीम? कैसा है?’
‘अच्छा हूँ तू बता? अचानक कैसे आ गया? अरे! यह तो अपनी इंग्लिश वाली टीचर शाज़िया मैडम हैं…? कैसी हो मैडम? अन्दर आइये न मैडम!’
‘आई एम फ़ाइन नदीम!’
मैं और कबीर अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गए, कबीर नदीम को एक तरफ लेकर गया और धीरे से उससे बात की- यार नदीम, मेरी एक हेल्प कर न?
‘हाँ बोल न। दोस्त के लिए जान भी हाज़िर है।’
‘यार तू कुछ देर के लिए फ्लैट से बाहर जा सकता है?’
‘अरे मैं दूसरे रूम में चला जाता हूँ। मौक़ा मिला है तो तू चोद ले, शाज़िया मैडम मस्त माल है यार! सुना है इसके शौहर के दोस्तों से चक्कर है। अभी इस उम्र में भी माल दिखती है। यार मुझे भी दिला न इसकी?’
‘बकवास मत कर, शाज़िया मैडम अब मेरी गर्लफ्रेंड है, कोई रांड नहीं है।’
‘ठीक है तू रूम के अन्दर चला जा मैं बाहर हूँ।’ नदीम ने रूम की तरफ इशारा करते हुए कहा।
इसके बाद कबीर मुझे लेकर रूम के अन्दर चला गया।
कबीर ओवरकोट को खुद और मुझको पूरी तरह से सर के ऊपर से ढकते हुए चिपट गया ताकि मेरा शरीर ओवरकोट से बाहर ना निकले। मैंने भी अपने शरीर को अपने स्टूडेंट से सटा दिया।
कबीर ने मुझसे कहा– मैडम, मैं एक बात तो तुझे बताना ही भूल गया।
मैं– कौन सी बात?
‘मैंने दोस्त नदीम को तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड बताया तब जा कर राज़ी हुआ।
‘लेकिन तूने ऐसा क्यों किया?’
‘ऐसा नहीं करता तो कमरा मिलना मुश्किल हो जाता। वह भी आपको चोदने की ज़िद कर रहा था।’
‘लेकिन मैं इतनी जवान थोड़े ही ना हूँ जो तेरी गर्लफ्रेंड दिखूंगी?’
‘अरे तू अभी भी एकदम जवान दिखती है।’
‘चल हट पगले… अच्छा अब जल्दी कर, मेरा शौहर बहुत शक्की है।’ मैंने कबीर हाथ पकड़ कर अपने कठोर भरे भरे मम्मों पर रख दिया, उसे करंट सा लगा।
मैं बोली- कबीर मेरी प्यास बुझा दो… मैं कब से तड़प रही हूँ।
इतना बोलते बोलते मैंने पैन्ट के ऊपर से ही कबीर के लंड को सहलाना शुरू कर दिया। उसका हाथ भी मेरे मम्मों पर चल रहा था, मैं मुँह से अजीब-अजीब आवाज निकाल रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
उसका लंड भी अब पूरा तन चुका था, मैंने कहा- बाहर से दिखा यार… देखूं तो तू अपनी टीचर को संतुष्ट कर भी पायेगा?
कुछ समय के बाद मैं उठी और उसके घुटनों में बैठ गई, पैन्ट की चैन खोल कर उसका 7″ का लंड बाहर निकाला और एकदम से उस पर टूट पड़ी… जैसे कोई भूखा खाने पर टूटता है- वाह… कबीर तेरा तो बहुत मोटा है। अपनी प्यारी मैडम को इससे चोदेगा न?
‘हाँ मैडम आपका ही है यह!’
‘बोल कबीर क्या करूँ, आज मैं तेरी मैडम नहीं एक जवान औरत हूँ। अपनी रंडी बनाकर ट्रीट कर मुझे! बोल पहले ब्लो जॉब दूँ या पहले चोदेगा अपनी रंडी टीचर को?’
‘पहले ब्लो जॉब दो, मुँह में लेकर चूसो लंड को! आआहह्ह…’
ऐसा बोलते ही सेक्स के लिए पागल हो रही मैंने तुरंत झुककर उसका लंड अपने सुर्ख लिपिस्टिक लगे होंठों से चूसते हुए मुँह में ले लिया, मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं उसके लंड को पूरा मुँह में ले कर चूसे जा रही थी।
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