RE: Chodan Kahani इंतकाम की आग
अचानक उसे पीछे से आवाज़ आई, “हॅंड्ज़ अप.. यू आर अंडर अरेस्ट..”
उसने चतुरता से अपने बॅग से कुछ, शायद कोई हथियार निकाल ने की कोशिश की.
लेकिन उससे ज़्यादा चतुराई से और तेज़ी से इंस्पेक्टर राज ने उसके आस पास बंदूक की गोलियों की बरसात कर मानो एक लक्ष्मण रेखा बनाई.
“ज़्यादा होशियारी करने का प्रयास मत करो…” राज ने उसे ताक़ीद दी.
उसके हाथ से वह जो भर रह था वह बॅग नीचे गिर गया और उसने अपने दोनो हाथ उपर किए. धीरे धीरे वह राज की तरफ मुड़ने लगा.
वह जैसे ही मुड़ने लगा. राज मन ही मन अनुमान लगाने लगा.
वह कौन होगा…?
और यह सारे कत्ल उसने क्यों किए होंगे…?
जैसे ही वह पूरी तरह राज की तरफ मुड़ा, वहाँ मॉनिटर की रोशनी मे उसका चेहरा दिखने लगा.
उसे देख कर इंस्पेक्टर राज के चेहरे पर आस्चर्य के भाव दिखने लगे.
वह दूसरा तीसरा कोई ना होकर सुधीर था, शरद और मीनू का दोस्त, क्लासमेट…!
राज को याद आया कि उसने मीनू और शरद के क्लास के ग्रूप फोटो मे इसे देखा था..
इंस्पेक्टर राज को एक सवाल का जवाब मिल गया था, लेकिन उसका दूसरा सवाल ‘यह सारे खून उसने क्यों किए होंगे…?’ का जवाब अब भी बाकी था.
इंस्पेक्टर राज और उसके साथी धीरे धीरे आगे खिसकने लगे. राज ने वाइयरलेस पर क़ातिल को पकड़ने की खबर सारे टीम को दी.. उन्होने सुधीर को चारो तरफ से घेर लिया.
राज और पवन अब भी सुधीर को घेर कर खड़े थे. सुधीर का प्रतिरोध अब पूरी तरह ख़त्म हो चुका था. राज के दो साथियो ने उसे हथकड़ियाँ लगाकर अपने कब्ज़े मे लिया था. राज उसे वहाँ सवाल पर सवाल पूछे जा रहा था… आख़िर एक सवाल अब तक सब को परेशान कर रहा था. राज को भी लग रहा था कि बाद की तहक़ीक़त जब होगी तब होगी. कम से कम सब को परेशान कर रहे सवाल का जवाब यहीं मिलना चाहिए… कि क्यों…? क्यों सुधीर ने उन चार लोगो का कत्ल किया..?
सुधीर के भी अब पूरी तरह ख़याल मे आया था कि उस के पास अब सब कुछ बताने के आलवा कुछ चारा नही था. वह सबकुछ किसी तोते की तरह बताने लगा….
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… में मीनू से प्यार करने लगा था… क्लास मे प्रोफ़ेसर पढ़ा रहे थे और विधयर्थीयों मे शरद, मीनू और सुधीर क्लास मे अलग अलग जगह पर बैठे हुए थे. सुधीर ने सामने देखते हुए, प्रोफ़ेसर का ख़याल अपनी तरफ नही है इसकी तसल्ली कर चुप के से एक कटाक्ष मीनू की तरफ डाला. लेकिन यह क्या…? वह उसकी तरफ ना देखते हुए छुपकर शरद की तरफ देख रही थी. वह आग बाबूला होने लगा था.
में इस क्लास का एक होनहार विध्यार्थि…
एक से एक लड़कियाँ मुझपर मरने के लिए तैयार…
लेकिन जिसपर अपना दिल आया वह मेरी तरफ देखने के लिए भी तैयार नही है…?
उसके अहम को ठेस पहुच रही थी..
नही यह होना मुमकिन नही …
शायद उस का अपना दिल उसपर आया है यह पता नही होगा…
उसे यह जताना और बताना ज़रूरी है…
क्रमशः……………
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