RE: Chodan Kahani इंतकाम की आग
राज ने अपना सर उपर उठाया और पवन की तरफ देखा.
पवन दरवाजे के बाहर गया और उसने दरवाजा खींचकर बंद किया.
"सर देखिए अब..." वह बाहर से ज़ोर से चिल्लाया.
राज ने देखा की दरवाजे की अंदर की कुण्डी धीरे धीरे खिसक कर बंद हो गयी. राज भौचक्का देखता ही रह गया.
"सर आपने देखा क्या...?" उधर से पवन का आवाज़ आया.
फिर धीरे धीरे दरवाज़े की कुण्डी दूसरी तरफ खिसकने लगी और थोड़ी ही देर मे कुण्डी खुल गयी..
राज को बहुत आस्चर्य हो रहा था.
पवन दरवाज़ा खोलकर अंदर आया, उसके हाथ मे पीछे की और कुछ तो छिपाया हुआ था.
"तुमने यह कैसे किया...?" राज ने आसचार्ययुक्त उत्सुकतसे पूछा.
पवन ने एक बड़ा सा मॅगनेट अपने पीछे छुपाया था वह निकाल कर राज के सामने टेबल पर रख दिया.
"यह सब करामात इस चुंबक की है क्योंकि वह दरवाजे की कुण्डी लोहे की बनी हुई है..." पवन ने कहा.
"पवन फोर युवर काइंड इन्फ़ौरमेशन... घटनास्थलपर मिली सब दरवाज़े की कुण्डी अल्यूमिनियम की थी..." राज ने उसे बीच मे टोकते हुए कहा.
"ओह्ह... अल्यूमिनियम की थी..." फिर और कोई आइडिया दिमाग़ मे आए जैसे उसने कहा, "कोई बात नही.. उसका हल भी है मेरे पास..."
राज ने अविश्वास से उसकी तरफ देखा.
पवन ने अपने गले मे पहना एक स्टोन्स का नेकलेस निकालकर उसका धागा तोड़ दिया, सब स्टोन्स एक हाथ मे लेकर उसमे से पिरोया हुआ नाइलॉन का धागा दूसरे हाथ से खींच लिया. उसने हाथ मे जमा हुए सारे स्टोन्स जेब मे रख दिए. अब उसके दूसरे हाथ मे वह नाइलॉन का धागा था.
राज असमंजस की स्थिति मे उसकी तरफ वह क्या कर रहा है यह देखने लगा.
"अब देखिए यह दूसरा आइडिया... आप सिर्फ़ मेरे साथ कमरे के बाहर आईए..." पवन ने कहा.
राज उसके पीछे पीछे जाने लगा.
पवन दरवाज़े के पास गया. दरवाज़े के कुण्डी मे उसने वह नाइलॉन का धागा अटकाया. धागे के दोनो सिरे एक हाथ मे पकड़ कर उसने राज से कहा, "अब आप दरवाज़े से बाहर जाइए..."
राज दरवाज़े के बाहर गया. पवन भी अब धागे के दोनो सिरे एक हाथ मे पकड़ कर दरवाज़े से बाहर आगया और उसने दरवाज़ा खींच लिया.
दरवाज़ा बंद था लेकिन वह धागा जो पवन के हाथ मे था दरवाज़े के दरार से अब भी अंदर की कुण्डी को अटकाया हुआ था. पवन ने धीरे धीरे उसे धागे के दोनो सिरे खींच लिए और फिर धागे का एक सिरा हाथ से छोड़कर दूसरे सिरे के सहारे धागा खींच लिया. पूरा धागा अब पवन के हाथ मे था.
"अब दरवाज़ा खोलकर देखिए..." पवन ने राज से कहा.
राज ने दरवाज़ा धकेलकर देखा और आस्चर्य की बात दरवाज़ा अंदर से बंद था.
राज भौचक्का सा पवन की तरफ देखने लगा.
"अब मुझे पूरा विश्वास होने लगा है..." राज ने कहा.
"किस बात का...?" पवन ने पूछा.
"कि इस नौकरी के पहले तुम कौन से धन्दे करते होंगे..." राज ने मज़ाक मे कहा.
दोनो एक दूसरे की तरफ देख मुस्कुराए.
"लेकिन एक बता..." राज ने कहा.
पवन ने प्रश्नर्थक मुद्रा मे राज की तरफ देखा.
"कि अगर दरवाज़े को अंदर से अगर ताला लगा हो तो...?" राज ने पूछा.
"नही... उस हाल मे... फिर एक ही संभावना है..." पवन ने कहा.
"कौन सी...?"
"कि वह दरवाज़ा खोलने के लिए किसी अमानवी शक्ति का ही होना ज़रूरी है..." पवन ने कहा.
पोलीस स्टेशन के कान्फरेन्स रूम मे मीटिंग चल रही थी. सामने दीवार पर टाँगे हुए सफेद स्क्रीनपर प्रोजेक्टर से एक लेआउट डाइयग्रॅम प्रॉजेक्ट किया था. उस डाइयग्रॅम मे दो मकान के लेआउट एक के पास एक निकले हुए दिख रहे थे. लाल लेस्सर पायंटर का इस्तेमाल का इंस्पेक्टर राज सामने बैठे लोगों को अपने प्लान की जानकारी दे रहा था…
“मिस्टर. शिकेन्दर और मिस्टर. अशोक …” राज ने शुरुआत की सामने बाकी पोलीस के लोगों के साथ शिकेन्दर और अशोक बैठे हुए थे. वे लोग राज जो कुछ जानकारी दे रहा था वह ध्यान देकर सुन रहे थे.
“… आपके घर मे इस जगह हम कॅमरा बिठाने वाले है.. बेडरूम मे तीन और घर मे दूसरे जगह तीन ऐसे कुल मिलाकर 6 कॅमरा दोनो घर मे बिठाए जाएँगे… वह कॅमरा सर्किट टीवी से जोड़ दिए जाएँगे जहाँ हमारी टीम घर के सारी हरकतों पर लगातार नज़र रखी हुई होगी.
“आपको लगता है इससे कुछ होगा…?” शिकेन्दर अशोक के कान मे व्यंगतपूर्वक फुसफुसाया.
अशोक ने शिकेन्दर की तरफ देखा और कुछ प्रतिक्रिया व्यक्त नही की और फिर राज से पूछा, “अगर खूनी कॅमरा से दूर रहा तो…?”
“जेंटल्मेन हम घर मे मूविंग कॅमरा लगाने वाले है.. जिसकी वजह से आपका पूरा घर हमारी टीम के निगरानी के नीचे रहनेवाला है… और हाँ… में आपको विश्वास दिलाता हूँ कि यह सबसे कारगर और एफेक्टिव उपाय हम खूनी को पकड़ने के लिए इस्तेमाल कर रहे है.. क़ातिल ने अगर अंदर घुसने की कोशिश की तो वह किसी भी हालत मे हमसे बच नही पाएगा.. हमारे टेक्निकल टीम ने रात दिन काफ़ी मशक्कत कर यह ट्रॅप तैय्यार किया है…”
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