RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
मैं इस सारी बातचीत को गौर से सुन रही थी और उसके पीछे नेहा की चाल को भी अच्छी तरह समझ गयी थी-नेहा की सिर्फ़ एक ही सीडी हमारे पास थी जिसमे उसकी फिल्म थी-लेकिन उसमे इनस्पेक्टर raj भी था-अगर वो सीडी कहीं लीक होगी तो उसमे इनस्पेक्टर भी एक्सपोज़ होने वाला था.
मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था की घटनाक्रम इतनी तेज़ी के साथ कैसे चल रहा है की सब कुछ नियंत्रण से बाहर सा लग रहा है.
इसके बाद मैने देखा की नेहा और सलीम हम दोनो को कमरे मे ही छोड़कर कमरे से बाहर चले गये-नेहा तो एक तरह से आज़ाद होकर ही जा रही थी क्यूंकी उसकी सीडी अब सलीम के पास थी जिसके बूते पर राज शर्मा और मैं उसे ब्लॅकमेल कर रहे थे.
दोनो के जाने के बाद सलोनी ने मेरी तरफ देखकर कहा-“यार तुम कुछ करो……अपने एसीपी राज शर्मा से कहकर कुछ कारवओ……….हमारी करतूतों की कहानी तो उस पेन ड्राइव मे उस स्वीपर के पास चली गयी और जो नेहा की सीडी तुम राज शर्मा से लेकर आई थी वो उस नेहा की बच्ची ने सलीम को पकड़ाकर हमारे हाथ बिल्कुल खाली कर दिए हैं.एसीपी राज शर्मा को जब यह मालूम पड़ेगा की जिस सीडी मे उनकी और नेहा की फिल्म है…….वो स्वीपर सलीम के पास है तो……………?” कहते कहते सलोनी रुक गयी.
मैने अपने कापरे पहने और सलोनी से भी कापरे पहनने को कहा-“ऐसा करते हैं हम लोग कुछ देर सो लेते हैं…….फ्रेश होकर शायद हमे कोई नया आइडिया आ जाए इस नयी मुसीबत से निकलने का…….”
सनडे होने की वजह से आज सबकी छुट्टी थी. मैं और सलोनी लगभग सुबह के 11 बजे सोकर उठे और फिर से पिछली रात की सारी कहानी हमारे सामने घूमने लगी-कुछ देर बाद ही दरवाज़े पर किसी ने दस्तक दी और मैने डरते हुए दरवाज़ा खोल दिया-सामने एक अंजान सा लड़का खड़ा हुआ था-“कमरे की सफाई करनी है-सलीम साब ने भेजा है…..” कहता हुआ वो कमरे मे आ गया और रोज़ाना जो काम सलीम करता था,वो सब करने लगा.
मैं मन ही मन सोचने लगी की अब स्वीपर सलीम भी सलीम साब हो गया एक ही रात मे और उसने अपना असिस्टेंट भी रख लिया सफाई करने के लिए-जब वो सफाई करके जाने लगा तो उसने मेरी तरफ देखा और बोला-“आप मे से निशा मेम्साब कौन हैं….?”
“मैं ही निशा हूँ…..बोलो क्या बात है……..?” मैने उसकी तरफ देखा.
उसने कहा-“सलीम साब ने आपको अपनी दोस्त के साथ वॉर्डन के ऑफीस मे आज दोफर 2 बजे बुलाया है-कुछ ज़रूरी काम बता रहे थे……” यह कहकर सफइवाला लड़का कमरे से बाहर चला गया –मेरे और सलोनी के चेहरे पर हैरानी,परेशानी और बैचानी और अधिक बढ़ गयी थी.
सलोनी झल्लाकर बोली-“अब यह क्या मुसीबत है-------सलीम क्या अपने आपको सचमुच का वॉर्डन समझने लगा है……उसकी हिम्मत तो देखो…..हमे कैसे ऑर्डर दिलवा रहा है……रात 11 बजे की जगह अब उसे 2 बजे ही हम लोगों की याद आ गयी—लंपट कहीं का…….”
मैने सलोनी को समझाते हुए कहा-“देखो यह वक़्त समझ से काम लेने का है.उसके पास हमारी सारी कहानी पेन ड्राइव मे बंद है-इसके अलावा उसके पास अब नेहा और राज शर्मा वाली सीडी भी है-इस समय गधे को भी बाप बनाने की ज़रूरत है-जैसा सलीम कहता है करना पड़ेगा-इसी मे हम सब की खैर है.”
सलोनी बोली-“ठीक है.अब हमारे पास समय कम ही है-हम लोग जल्दी से फ्रेश होकर लंच कर लेती हैं ताकि 2 बजे से पहले उसके पास हाजिर होने के लिए तैय्यर हो सके.”
ठीक 2 बजे मैं और सलोनी दोनो तैय्यर होकर वॉर्डन के ऑफीस पर पहुँच गयी और धड़कते हुए दिल से दरवाज़े को नॉक किया-दरवाज़ा खोलने के लिए सलीम ही आया और उसने हम दोनो को फटाफट अंदर करके दरवाज़े को अंदर से बंद कर लिया.
इसके बाद वो खुद वॉर्डन की रिवॉल्विंग चेर पर बैठ गया और हम दोनो की तरफ देखकर बोला-“काफ़ी फ्रेश लग रही हो तुम दोनो ! पर कपड़े कुछ ज़्यादा ही पहने हुए हैं-चलो ऐसा करो कि इन्हे अपने बदन से अलग करना शुरू करो.”
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