RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
नशे की सज़ा पार्ट--8
गतान्क से आगे................
कुछ देर तक नेहा मेरी योनि पर हाथ सहला सहला कर मज़े लेती रही,फिर अपना हाथ हटाते हुए मुझसे बोली,-“चलो,अब घुटनो के बल बैठ जाओ.”
मैं जैसे ही घुटनो के बल बैठी,नेहा ने अपनी पॅंटी नीचे खिसका दी और अपने योनि प्रदेश को मेरे मूह के सामने करते हुए बोली-“चलो इसे छातो !”
मैने उसे चाटना शुरू कर दिया और वो सोफे पर ररेलकष करते हुए सलीम और सलोनी के शो का मज़ा लेने लगी…..
सलीम अपने हाथों को सलोनी की जांघों के अंदर वाले चिकने भाग पर फिराने लगा और सलोनी एकदम से बोल पड़ी-“सर यह मेरी जंघें हैं.”
सलीम भी लगता था काफ़ी थक सा गया था,उसने अपना हाथ सलोनी के बदन से हटाया और सोफे पर रिलॅक्स होकर बैठते हुए बोला-“ऐसा करो तुम ज़रा अपने दोनो कान पाकड़ो और 100 उत्थक बैठक लगाओ-गिनती भी खुद ही करती रहना क्यूंकी जो गिनती नही बोली वो उत्थक बैठक काउंट नही होगी-बीच मे अगर रुकी तो इस केन से स्पॅंकिंग होगी……….समझी सलोनी मेडम………..”
“यस सर समझ गयी.” कहकर सलोनी ने फटाफट अपने दोनो कान पकड़ लिए लेकिन उत्थक बैठक लगानी शुरू नही की.सलीम ने अपने हाथ मे पकड़ी हुई केन को सलोनी के नितंबों पर ज़ोर से लगाया और बोला-“हुक्म की तामील फ़ौरन होनी चाहिए……..”
सलीम के द्वारा सलोनी का सेक्सप्लाय्टेशन देखकर नेहा को भी जोश आ गया और उसने भी मेरे गाल पर ज़ोर से चपत लगाते हुए कहा-“ठीक से चॅटो! मज़ा नही आ रहा है !” मैने और अधिक कुशलता से उसके योनि प्रदेश पर अपनी जीभ फिरानी शुरू कर दी.
उधर सलोनी अपने दोनो कान पकड़े हुए गिनती बोल बोल कर उत्थक बैठक लगाए जा रही थी-बीच मे जहाँ कहीं भी रुकती तो सलीम अपने हाथ मे पकड़ी हुई केन से उसके नितंबो को फटाफट गर्म करना नही भूलता.
हालाँकि मैं नेहा के योनि प्रदेश को काफ़ी ठीक से चट चट कर उसे पूरी तरह खुश करने का प्रयास कर रही थी वो फिर भी बीच बीच मे मेरे किसी ना किसी गाल पर चपत लगाकर यह कह रही थी-“ठीक से चट चिकनी वरना तुझे भी वोही सज़ा मिलेगी जो सलीम सर सलोनी को दे रहे हैं……….”
सलोनी की 100 उत्थक बैठक जब पूरी हो गयी तो सलीम ने उसे ऑर्डर दिया-“ अब तुम दीवार से सटकार अपने हाथ उपर करके खड़ी हो जाओ और मेरे अगले हुक्म का इंतेज़ार करो !”
सलोनी ने फटाफट सलीम के हुक्म की तामील करते हुए अपने आपको दीवार से सटा लिया और अपने दोनो हाथ उपर करके खड़ी हो गयी.
सलीम अब सोफे से उठा और सलोनी के नज़दीक जाकर उसके उन्नत उरोजो को दबाने सहलाने लगा-सलोनी अपने साथ लगातार होने वाली इस बेहद अपमानजनक छेड़खानी की वज़ह से शर्म से दोहरी हुई जा रही थी.सलीम के काले खुरदारे हाथ उसके चिकने बदन पर लगातार फिसल रहे थे-सलीम ने अपना तना हुआ लिंग पॅंट से बाहर निकाल रखा था –यकायक सलीम ने सलोनी से कहा-“अपनी टाँगे खोलो.”
सलोनी ने अपनी टाँगे खोल दी और उसकी योनि सॉफ सॉफ नज़र आने लगी.सलीम ने उसकी योनि पर अपना हाथ इस तरह फेरा मानो वो कुछ इनस्पेक्षन जैसा कर रहा हो.
“और खोलो !” सलीम ने अपना हाथ हटाए बिना ही सलोनी को हुक्म दिया और उसने अपनी जंघें कुछ और खोल दीं और अब उसकी योनि के बीच का अंदर जाने वाला रास्ता सॉफ नज़र आने लगा.सलीम ने अपना तना हुआ लिंग उसकी योनि के उपर रखा और उसे धीरे धीरे करके योनि के अंदर घुसा दिया-सलोनी के मूह से ज़ोर की एक चीख जैसी निकली लेकिन सलीम को जैसे इससे कोई सरोकार नही था-वो अपनी ही मस्ती मे था और सलोनी को जी भरकर मसल मसल कर आनंदित हुआ जा रहा था.उसने अपना खुरदुरा भद्दा चेहरा सलोनी के चिकने चेहरे पर रगड़ते हुए उसके होंठों पर अपने होंठ टीका दिए और उनका जी भरकर रास्पान करने लगा.अपने दोनो हाथों से उसने सलोनी के गदराए बदन को अपनी गिरफ़्त मे किया हुआ था और वो एक तरह से कहा जाए तो पूरी मस्ती के साथ सलोनी की जवानी का लुत्फ़ उठा रहा था.
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