RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
नेहा जैसे ही सलोनी के नज़दीक पहुँची,सलोनी ने घबराकर उससे कहा-“देखो मुझे मत छूना ! “
नेहा ने एक झन्नाटेदार थप्पड़ सलोनी के रसीद करते हुए कहा-“बकवास बंद कर………बात तो ऐसे कर रही है जैसे तुझे आज तक किसी ने छुआ ही नही हो ! चल अपने हाथ उपर उठाकर उन्हे पीछे की तरफ करके खड़ी हो ! “ सलोनी ने अपने हाथ कानो पर से हटा लिए और उन्हे नेहा की बताई गयी पोज़िशन मे करके खड़ी हो गयी-ऐसा करने से उसकी ब्रा उसके सीन एके उभारों पर और ज़्यादा टाइट हो गयी.
मैं काफ़ी देर से सलीम के लिंग पर अपनी जीभ फिरा रही थी जिसकी वजह से वो एकदम लोहे की रोड की तरह सख़्त हो गया था. जब मैं थकने सी लगी तो मैने सलीम से कहा-“सर, यह अब सॉफ हो गया है…….”
सलीम ने कुछ देर के लिए अपना ध्यान सलोनी के सेक्सप्लाय्टेशन से हटाकर मेरी तरफ देखा और बोला- “ क्या सॉफ हो गया है…..?”
“सर …..अब यह सॉफ हो गया है…………..” मैने दुबारा से कहा.
सलीम ने इस बार एक जोरदार ठप्पर मेरे गालों पर रसीद किया और बोला-“ मैं जो पूछ रहा हूँ उसका जबाब मिलना चाहिए फटाफट समझी…….बोल यह क्या है………?”
मैं समझ गयी कि इस तरह वो मुझे जॅलील कर रहा है.कोई और चारा ना देख मैं बोली-“सर यह आपका लिंग है……….”
सलीम ने मेरे दूसरे गाल पर फिर एक थप्पड़ लगाया और बोला-“पूरी बात बोलो निशा मेडम…..बोलो…बोलो….”
मैं समझ गयी कि सलीम मेरे मूह से क्या सुनना चाहता है और बोल पड़ी-“ सर अब आपका लिंग मैने अपनी जीभ से चाट चाट कर बिल्कुल सॉफ कर दिया है………”
“गुड ! “ सलीम ने कहा और अपने लिंग को मेरे गालों पर फिराने लगा-“अब ऐसा करो इसे अपने मूह मे लेकर इस पर अपनी जीभ घूमाओ !”
सलीम के हुक्म की तामील करते हुए मैने उसके लिंग को अपने लूह मे ले लिया और उस पर अपनी जीभ फिराने लगी. सलीम अब रिलॅक्स होकर बैठ गया और नेहा के द्वारा सलोनी का सेक्सप्लाय्टेशन देखने लगा.
नेहा ने सलीम की तरफ देखकर कहा-“ सर अगर आप मुझे इज़ाज़त देंगे तो मैं आपको बहुत बढ़िया और मज़ेदार शो दिखा सकती हूँ जिसमे आपको ऐसा मज़ा आएगा जो आपने आज तक नही देखा होगा……”
मैने नेहा की तरफ देखा –उसने अपना एक हाथ सलोनी की पॅंटी के अंदर डाल रखा था और उसके योनि प्रदेश को अपने हाथ से धीरे धीरे सहला रही थी-सलोनी का चेहरा अपने इस ह्युमाइलियेशन की वजह से एकदम लाल हो गया था और वो बार बार कह रही थी-“ नेहा मॅम,प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो !” लेकिन नेहा ने हंसते हुए सलोनी से कहा-“अभी तो सलीम सर ने तुम्हारा शो भी नही देखा है……….अभी से तुम माफी माँगने लगोगी तो सलीम सर को तो कुछ मज़ा ही नही आएगा.”
सलीम की तो मानो बैठे बिठाए लॉटरी खुल गयी थी-उसे यकीन ही नही हो रहा था कि उसके जैसे अनपढ़ स्वीपर के सामने तीन तीन जवान और खूबसूरत लड़कियाँ एकदम “यौन गुलाम” बनकर खड़ी हुई थी और उसकी हर जायज़-नज़ायज़ बात मानने के लिए भी विवश थी.
सलीम ने नेहा को प्रोत्साहन देते हुए कहा-“शाबाश नेहा ! तुम मुझे इसका शो दिखाओ –मैं अगर खुश हुआ तो तुम्हे मूह माँगा इनाम दूँगा.”
“सर अगर ऐसी बात है फिर तो आपको बहुत ज़्यादा खुश करना ही पड़ेगा !”
नेहा खुश होकर बोली.
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