RE: Desi Chudai Kahani कमसिन जवानी
कमसिन जवानी-9
गतान्क से आगे...........................
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मानव ने देर नही करी और उसे गोद मे उठा लिया और झोपड़ी में पड़ी चटाई पर उसे लेटा दिया..दीपाली का कमसिन पेट उसके टॉप उपेर हो जाने के वजह से दिखाई दे रहा था...नीचे जींस पहनी दीपाली ने अपनी आखों को ज़ोर से भिच लिया....मानव ने उसके हाथों को आँखों से हटाया और दीपाली ने देखा कि मानव सिर्फ़ अनडरवेर मे उसके उपर चढ़ा हुआ है.."याइ यी क्या है मानव तुम नहीं प्लस्सस्स कपड़े पहेन लो प्लस्स मुझे डर लग रहा है प्ल्स मानव "
मानव ने उसकी बात ना सुनते हुए दोनो हाथों को ज़ोर से पकड़ लिया और मूह.माथे होठ सभी जगह चूमने लगा...विरोध कर रही दीपाली अचानक शांत होने लगी और मानव का हॉंसला बढ़ता गया...
मानव ने टॉप उपेर किया तो सामने पिंक ब्रा के अंदर च्छूपी चूचियाँ दिखाई दी..मानव ने ब्रा को ही थोड़ा सा उपेर कर दिया सामने गोरे चिट मम्मे उसकी आँखों के सामने आ गये...मानव का पागलपन बढ़ गया और अपने होठों से निपल्स को मसल्ने लगा...दीपाली का एक हाथ उसके बालों मे घूम रहा था और दूसरा अपने ही टॉप को उतारने में व्यस्त था..
मानव ने उसकी टॉप उतारने में मदद करी....सामने पूरी नंगी हो चुकी दीपाली को मानव ने खुद से चिपका लिया और दोनो हाथों से उसके चूचियों का मर्दन केरने मे लग गया... ....मानव का एक हाथ नीचे उसकी जीन्स की ज़िप पर पोहोच गया..ज़िप के अंदर गीली पॅंटी के उपेर हाथों को फेरने लगा और उपेर से ही चूत मसल्ने लगा ....
दीपाली"अहह मत तरसाओ प्लस्सस्स आह करो ना जल्दी प्लस्सस घुसेदो ....डाल दू"
मानव"पहले मुझे नीचे का रस तो पीने दो जान बस एक बार मैने सुना है कि वो बोहोत यूम्मी होता है"
दीपाली"वो बाद में भी कर सकते हो प्लस्सस्स अभी मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा..
मानव"क्या हो रहा है..दर्द हो रहा है क्या यहाँ(उसकी चूत को मसल्ते हुए)"
दीपाली ने हां में सिर को हिला दिया उसका शरीर झटके पर झटके मार रहा था...निपल्स एक दम खड़े हो गये थे
मानव से भी अब बर्दाश्त केरना मुश्किल हो रहा था...
उसने अंडर वेर उतार कर लंड को उसकी चूत की दरार में रगड़ना शुरू कर दिया और एक हाथ से दीपाली का मूह दबा लिया..लंड ने पहला झटका इतने ज़ोर से दे मारा कि सरसरता हुआ पूरा लंड दीपाली के अंदर पूरा समा गया.........दीपाली को झर्राते आने लगे...आँखों से आँसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा...मानव ने उसे प्यार केरना शुरू करा"बस जान थोड़ा और बस थोड़ा सा..."
दीपाली रोने लगी दर्द होने की वजेह से कुछ भी नहीं बोल पा रही थी....मानव को भी अपनी जान का दर्द देखके सहेन नहीं हो रहा था..कभी उसके बूब्स मसलता कभी उसके होठों को चाट रहा था तो कभी उसकी गांद को मसल रहा था....... दर्द का आलम ख़तम होते ही दीपाली ने कमर को झटका देना शुरू कर दिया .......मानव के लंड ने स्ट्रोक पर स्ट्रोक्स लगाने शुरू कर दिए......अब दीपाली सपनो की दुनिया में खो गईइइ और जन्नत का आनंद लेने लगी
मानव और दीपाली एक दूसरे को धक्के पर धक्का देने में लगे हुए थे........नीचे से दीपाली और उपेर से मानव...दीपाली भी अब कम नहीं थी....दोनो पूरी ताक़त लगाकर चुदाई कर रहे थे....
और दोनो ने ही अपना पानी साथ छ्चोड़ा और वही निढाल एक दूसरे से नंगे ही चिपके रहे मानव उसके उपेर ही लेटा था..
दीपाली की आँखें बंद थी...मानव उठा और उसकी चूत की फाआंकों को देखा..चूत सूज कर लाल हो गई थी...
और चटाई उनके रस और खून से सराबोर हो गई थी...
मानव ने अपनी बनियान से दीपाली की चूत से बहते खून को और वहाँ के रस को पोछ दिया और उसे कपड़े पहनने लगा........मानव ने चाइ बनाई दीपाली को दी....
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