RE: Desi Chudai Kahani कमसिन जवानी
उमैर नहीं जानता था कि गोशी इसी से अपने शौक पूरे करती हैं...
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अगले दिन कॉलेज में अजय उमैर का ब्स्ट फरन्ड उमैर से बोलता है....:भाई तू आजकल काफ़ी खोया खोया सा रहता है क्या हुआ आख़िर तुझे ऐसा तो नहीं था तू................?"
अजय को सारी बात बता कर उमैर ने जैसे राहत की साँस ले डाली...अजय ने उमैर को गोशी को उसके घर वालो से मिला देने का आइडिया दिया...
दोनो कॉलेज की सीडीयों पे जाने को चढ़ने के लिए मुड़े और अचानक से फ़िज़ा अजय से टकराती हैं और अजय थोड़ा दूर हो जाता है और झटक कर थोड़ा दूर होती हैं ...आख़िर उमैर उसे बाहों में संभालता हैं...........
वो दोनो हाथो से अपनी आखों को मींच लेती है जैसे सोच रहीं हो कि अब तो गयी ज़मीन पर....धीरे से एक आँख को खोलती हैं....और लगभग 3 इंच दूरी पर उसे अपने सीनीयार सर का चेहरा दिखता है...
शर्म से उसके तो जैसे गाल ही गुलाबी हो जाते हैं..
उमैर:-क्या बात हैं हमेशा मेरी बाहों में ही आकेर गिरती हो....?????ह्म्म्म्मममम................??आख़िर बात क्या है...
फ़िज़ा तो जैसे शर्म से पानी पानी हो जाती है......खुद को छुड़ा कर दोनो को सॉरी बोलती हैं..और भाग जाती हैं...
उमैर ,अजय एक दूसरे को देखकेर मुस्कुरा कर चले जाते हैं...........
आज उमैर गोशी को अपने घर ले जाता हैं...दोनो कार में बैठ कर बातें करते हैं....
गोशी:-कॉन कोन हैं तुम्हारे घर पर .........उमैर जानू..?????
उमैर:-मोम डॅड भैया भाभी और उनका छ्होटा बेबी है 3-4 मंत्स का,,..
गोशी दूसरी तरफ मूह चढ़ाते हुए........क्या यार ये मुझे रिश्तो में क्यूँ बाँध रहा है.../
गोशी:-जानू में तुम्हे किस कर लूँ...आख़िर पहेल उसी ने की..
उमैर:-(मुस्कुराते हुए)ह्म्म्म्म वो सब बाद में अभी घर आ गया चलो...
घर पर सबसे मिलवाता हैं...उमैर के मोम डॅड को किसी पार्टी में जाना होता है वो लोग चले जाते हैं...भैया घर पर नहीं होते हैं...सिर्फ़ भाभी रहती हैं..और उनका 3-4 महीने का बच्चा .........
उमैर जाओ बाहर से ये ये समान ले आना आज पहली बार आई हैं कुछ नाश्ता करवा ना है ...
उमैर चला जाता हैं..
भाभी अपने बेबी को गोशी के पास छ्चोड़ देती हैं और कुछ काम से उसे इंतजार करने को छोड़ कर चले जाती हैं.........
बेचारी सेक्स की प्यासी गोशी की प्यास किसी को नज़र नहीं आती......वो अकेले ही कमरे में बैठ कर उमैर का इंतेज़ार करने लगती हैं...
छ्होटे से बच्चे को अपनी गोद में उठाकर ना जाने क्या सोचती हैं...भाभी उसे 15 20 मिनट बाद आने का बोल कर नीचे कहीं काम करने चली गई थी..
गोशी अपनी वासना में मरी जा रहीं थी...
बच्चे को अपनी आगोश में लेकर उसके मुलायम हाथों को अपने हाथों में लेकर अपने नेक पे रगड़ना शुरू करती है....और धीरे से अपने टॉप को जो की स्ट्रेचबल रहता है ...नीचे कर देती हैं..और बच्चे को अपना दूध वैसे ही पिलाने लगती हैं जैसे कोई माँ अपने बच्चे को पिलाती है............
बच्चे का मूह उसके बूब्स पर लगते ही जैसे उसे स्वर्ग का एहसास होने लगता हैं............बच्चे को माँ के स्तन से दूध पीने की आदत थी वह उसी को समझ कर दूध पीने की कोशिश कर रहा था...
वहाँ टीना उमैर का ख़याल करके ऐसे ढूढ़ पीला रही थी जैसे बच्चा नहीं उमैर ही उसका दूध पी रहा है..................................................................
अपनी वासना में खोई हुई गोशी बच्चे द्वारा अपनी प्यास बुझाने में लीन थी कि अचानक किसी के अंदर आने की आहट सुनाई देकर उसने खुद को ठीक़ किया और बच्चे को खिलाने लगी.......
उमैर आते ही उसे नीचे नाश्ता करवाता हैं..और उसे घर छ्चोड़ देता हैं....
क्रमशः.............................
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