RE: Desi Chudai Kahani कमसिन जवानी
दोनो सोफे पर आमने सामने बैठे रहते हैं...
गोशी:-तुम्हे कभी किसी से प्यार हुआ है..????
उमैर:-नहीं..(सकुचाते हुए)
गोशी:-मुझे हो रहा है शायद ...कहते हुए वह उमैर के करीब आके बैठ गई...
उमैर आख़िर उसे अपना दिल दे बैठा था ...लेकिन इस प्रकार कि गोशी के कहने से उसे खुद पर यकीन नहीं हो रहा था...
उमैर:-मतलब???????
गोशी:-उमैर.!!!!!!!!!आइ लव यू.......
उमैर:- अचानक हुए इस वार से घबरा गया..
सीसी...सीसी..क्या कह रही हो तुम...माँ को पता चला ना ...तो तुम और मैं दोनो ही मॅर जाएँगे गोशी...होश में तो हो ना...तुम..
गोशी:-मुझे मोम की चिंता नहीं हैं...बस तुम मुझे छू लो जान.......बस एक बार...
कामुक आवाज़ में वह उमैर के पास आ जाती हैं...और उसके पास आके टवल धीरे से उसके शोल्डर से सर्का देती है,.......
उमैर:-देखो गोशी ..प्ल्ज़.......हम हद से गुज़र जाएँगे....और मेने हां या नहीं कुछ नहीं करा है .....ओके ना..?
गोशी:-में कुछ नहीं जानती जान........प्ल्ज़्ज़.......किस मी वन्स...में अपने सपनो के राजकुमार का ही इंतेजार कर रही थी और आज वो मेरे सामने हैं...
उमैर की गोद में आकर बैठ जाती हैं....उमैर उसकी नरम नरम जांगों का स्पर्श पाकर उत्तेजित होने लगता हैं.....
और उसका खड़ा होने लगता हैं...आख़िर उपेर से एक दम नंगा बदन और मूह पर झुकी हुई चूचियाँ...वो भी उस लड़की की जिसे पहली नज़र में देख कर ही उसने अपने होश खो दिए थे.....
आज ये क्या क्या हो रहा है मेरे साथ..................उसने मन ही मन सोचा....
गोशी ने कहा बताओ ना जान...करोगे मुझसे प्यार.......?????????????????बताओ ना..
उमैर तो जैसे एक दम एक तक उसकी तरफ देखे जा रहा था...कि अचानक बेल बजी और दोनो अलग हो गये...
गोशी:-ये साला अब कॉन आ गया ......
उमैर उठ कर खड़ा हो गया ....
मेडम जी ये कोर्रीएर आया है...
गोशी दरवाज़ा बंद केरके वापिस आई तो देखा कि उमैर उठ कर खड़ा हो चुका था....
उमैर:-गोशी में जा रहा हूँ..
गोशी:-रुक जाओ ना जान..........
उमैर:-प्लज़्ज़्ज़.......जाने दो मुझे पेरेंट्स वेट कर रहे हैं और कुछ काम भी हैं..
गोशी:-में तुम्हारे जवाब का इंतेज़ार करूँगी...
उमैर उसके भाई की टी शर्ट जो गोशी ने उसे दी थी पहेन कर चला जाता हैं....
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घर जाता हैं उसे रात को नींद ही नहीं आती....
दूसरे दिन अचानक कॉलेज में कलसूम मॅम..:- कैसा है बेटा ???????????
सब बढ़िया है ना....तेरी तबीयत तो ठीक है ना अब ....देखता है कि मॅम के साथ उसकी बेटी भी आई है...
गोशी उसे अपनी कार में बुलाती हैं..
उमैर जाता है......दोनो अंदर बैठ जाते हैं..
उमैर:-ये लो गोशी तुम्हारे भाई की टी शर्ट वापिस ......
गोशी:-और कुछ भी तो बाकी हैं ना ..डार्लिंग..
उमैर मुस्कुराता है और जवाब उसका हां में होता हैं............................
उमैर ...आज से तुम और में एक दूसरे के हुए ना..
उमैर मुस्कुराता है ..लेकिन वह नहीं जानता कि इस बनावटी प्यार के पीछे वासना की इक्षा को पूरा केरना मात्र ही था........गोशी उससे नहीं बल्कि उसकी मर्दानगी पर मर मिटी थी...वह उससे अपनी जवानी के मज़े लेना ही चाहती थी....
उमैर बाहर आता है....
उमैर:-जाता हूँ गोशी टाइम होरहा है.....
गोशी:-इधर आओ ना प्ल्ज़............एक चुंबन उसके गाल पर जड़ देती हैं...और अलविदा कहती हैं..
अचानक उमैर को देखकेर फ़िज़ा का दिल दावाड़ोल हो उठता है.....
आरती:-अरे सर..!!!गुड मॉर्निंग...कैसे हैं आप..?
उमैर को अचानक उस दिन का एहसास हो जाता हैं..आआआआआ अच्छा हूँ...
सररर....आआ...........और अचानक उमैर को कोई बुला लेता हैं..और वो उसे क्सक्यूस मी बोल कर चले जाता है........बेचारी मूक दर्शक बनी खड़ी रह जाती है...
क्रमशः.............................
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