RE: Desi Chudai Kahani कमसिन जवानी
कमसिन जवानी-2
गतान्क से आगे...........................
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वहाँ जाके दोस्त उसके हँसने लगे और उसका मज़ाक उड़ाने लगे.........य्य्य्ये बेटे कहाँ आजकल बुज़ी हो गये हो...किसने बुलाया था...कह कर उसे टीज़ करने लगे...
लेकिन आज तो जैसे उसका मन विचलित सा हो गया था.....उसे लगने लगा था कि वो अपने आपे में नहीं रह पाएगा........
उमैर:-यार.......मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा है यार...में घर जा रहा हूँ......
अजय(उमैर1 बेस्ट फ्र्न्न्ड):- अबे साले .............!!!!!!पहले पीछे तो देखले ..
उमैर ने मूड कर पीछे देखा तो मुस्कुराती हुई फ़िज़ा को देखा....उमैर ने मुस्कुराहट के बदले मुस्कुराहट का जवाब दे दिया............और जाने लगा..
और डोर तक पहुचा ही था....कि अचानक..उसे कलसूम माँ की आवाज़ आई....
उमैर...............!!!!!!!!!!
उमैर ने मूड कर देखा तो डर गया ..कि कलसूम माँ अब अपनी बेटी के उपेर कॉफी गिर जाने पर उसे सुनाएगी ..क्या कर रहा था वो उसकी बेटी के साथ आख़िर वो भी अकेले में..................उमैर कहाँ जाअ रहे हो हां....?????
आआआआआं................कुछ नहीं माँ कुछ अजीब सा लग रहा है...घर जा रहा हूँ.....सिर दर्द कर रहा है मेरा..
कलसूम माँ:- ऐसे कैसे जाओगे तुम वो भी इतनी जल्दी.....?
जाओ पहले गोशी को घर छ्चोड़ दे....भीग गयी है वो....अब इतना तो कर सकते है ना...?
उमैर मन ही मन खुश हुआ कि अपने प्यार के साथ इतना वक़्त काफ़ी है....लेकिन उस मनचली का कोई ठिकाना नहीं पता नहीं कैसी कसी बाते करने लग जाती है...उसने हां में सिर हिला दिया...!!!!!!ओके माँ...
गोशी और उमैर दोनो ही कार में बैठे और चले गये......जाते हुए दोनो को फ़िज़ा ने देखा और अचानक उसे रोना आ गया....
कि ओह तो ये थी उमैर की गर्ल फ्रेंड...कहीं उमैर कोँमिटेड तो नहीं...और उसने अपनी उम्मीदे छ्चोड़ दी ...........लेकिन प्यार कभी भुलाया नहीं जा सकता ......और आख़िर वो सच्चा प्यार करने लगी थी...अपने उमैर से..........
गोशी:-उमैर>.........!!!!!!!!!!!!!!!
तुम ऐसे क्यूँ छ्चोड़ कर आ गये थे वहाँ.........?
उमैर:- तुम जा नहीं रहीं थी तो में ही आगया ...!!!!!!
कार ड्राइव करते उमैर का हाथ पकड़ लिया ...उमैर का फिर दिमाग़ खराब हो चुका था.....
गोशी:-अरे उसमे भागने वाली क्या बात थी.....
गोशी ने उसका हाथ पकड़ लिया था....और उससे कहा...के यार एक बात तो है...
उमैर:-क्या
गोशी:-तुम्हारी आँखों में शरारत.....(मुस्कुरकर)..!!!!!
उमैर:-तुम्हारा घर कहाँ है गोशी...???????
गोशी:- वैसे मुझे तो कयि लोगो ने प्रपोज़ किया है लेकिन आज लगता है कि बसस्स..
उमैर:- सोचते हुए..क्या मतलब औरो ने भी तुम्हे???
गोशी:-हां लेकिन में मना कर देती थी उन्हे..
उमैर ने हां में सिर हिलाया और मन ही मन बोहोत खुश हुआ कि उसकी चाय्स ग़लत नहीं हैं....
घर आ चुका था....अंदर आ जाओ और हां तुम्हारी कॉफी मुझ पर गिर गयी थी ना...आ जाओ अंदर आ जाओ कॉफी पी कर जाना....
उमैर थोड़ा सकुचाया फिर अंदर आ गया...गोशी के पिताजी नहीं थे ...उनका देहांत हो चुका था...अंदर आते ही गोशी ने उसे सोफे पर बैठने को कहा और खुद अंदर चली गई ..... नहा धोकेर फ्रेश होके जब वो बाहर निकली ही थी कि उमैर ने उसे पुन: एक टक देखना शुरू कर दिया वो भी बिना पालक झपकाए..
ऐसे क्या देख रहे हो..और वह कॉफी बनाने चली गई....कॉफी लेके उसके सामने आई और झुकी तो उसने ध्यान दिया कि उमैर का ध्यान उसकी लटकती चूचियो पर ही अटका हुआ है...
जान्भुजकर वह थोड़ी सी कॉफी उमैर क़ी शर्ट पर गिरा देती है...उमैर एक दम हड़बड़ा गया...
उमैर:-ये क्या मज़ाक है...........
गोशी:-वही......!!!!जो तुमने कोर्रडौर में मेरे साथ करा था...
उमैर:-मेने जानबूज कर नहीं करा था गोशी........
गोशी:-अर्रे तो मेने भी कहाँ जानबूझकेर करा है...
जाओ तुम भी नहा धोलो अब ....हे हे
उमैर:-लेकिन मैं चेंज क्या करूँगा और मुझे घर भी जाना हैं...
गोशी:-चले जाना ...लेकिन ऐसे गंदे होके जाओगे तो सब हासेंगे....अब जाओ भी ना...........
उमैर उठा और बाथरूम में जा कर फ्रेश होके बाहर आता है...
उसकी ली कूपेर की शर्ट खराब हो चुकी होती है .....तो बाहर अपने कॉरगो में निकलता है उपेर टवल लपेट कर.....मसकुलर बॉडी देखते ही गोशी की जवानी अंगड़ाई लेती है...उमैर का मर्दाना जिस्म और चेहरे पेर चमक देख कर उसमे वासना सॉफ सॉफ देखाई दे देती हैं......
उमैर...!!!!!एक बात कहूँ...गोशी ने कहा..
हा बोलो गोशी....
दोनो सोफे पर आमने सामने बैठे रहते हैं...
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