RE: Desi Chudai Kahani कमसिन जवानी
बाहर जाकेर उमैर को बस उसके उभारों का मुलायम स्पर्श ही पागल बनायें जा रहा था......उसके हाथों में कॉफी थी और दोस्तो क साथ खड़ा खड़ा गौसिप्स में लगा हुआ था...........वहाँ से किसी ने चिल्ला कर पुकारा उमैर कोई बुला रहा है तुम्हे ...........वहाँ कोरीदौर में...उमैर फ्र्न्ड्स को थोड़ी देर बाद आने का बोलकर चला गया...........गया तो कोर्रडौर में कोई नहीं था.............
हाथ में कॉफी लिए हुए था .....किसी को नहीं देखकेर अचानक मुड़ा और टकरा गया...और सारी की सारी कॉफी सामने खड़ी गोशी पे जा गिरी ...कॉफी थोड़ी ठंडी हो चुकी थी वरना गोशी जल ही जाती....कॉफी गिरते ही उसके उभारो से होती हुई उसके पेट तक को गीला कर डाला.............उमैर उसे देख कर वैसे ही पागल था और ये सब हो गया.....
उमैर:- ओह आइ एम सॉरी मेने देखा नहीं आपको और में अचानक मूड गया..
गोशी :-खैर कोई बात नहीं ....अब देख लो....गोशी की आँखों वासना थी और सिफ्फ वासना....आख़िर वो औलाद तो कलसूम माँ की ही थी ना..............
उमैर ने देखा कि उसकी टॉप उसके शरीर से चिपक गयी है....और अब फिगेर और शानदार दिख रहा था...फॉरन उसने अपनी निगाहों को फेर दिया...क्यूकी उसे वह उन नज़रों से नहीं देख सकता था...आख़िर उसे प्यार का भूत सवार जो हो गया था....
उमैर:- गोशी जाओ और चेंज करके आओ देखो तुम पूरी गीली हो चुकी हो प्लज़्ज़्ज़्ज़......
गोशी:- ह्म्म.....तुमने ही गिराया है इसे सॉफ कर दो ना...
उमैर:- तुम प्लज़्ज़्ज़ जाओ यहाँ से खुद को सॉफ करो प्ल्ज़...कोई देखेगा तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा....वो भी ऐसे..उमैर उसे दुनिया से छुपा कर रखना चाहता था...बट उसे क्या पता था कि वह तो है ही ऐसी ...................
गोशी:-अर्रे तो क्या हुआ कर लूँगी बाद में सॉफ....और अगर इतना ही अफ़सोस है गिरा देने का तो खुद ही अपने इन हाथों से कर दो ना ..प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
गोशी ने उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया और हँसने लगी..
उमैर का हाथ झुरजुरा गया...और नीचे से उपेर उसकी मर्दानगी ने अंगड़ाई ले डाली...
उसे आज क्या हो गया.....जिसने फ़िज़ा को उठा कर उसने इतने दूर तक ले जाके रखा आज सिर्फ़ गोशी के च्छू देने से उसे क्या हो रहा है...
उसने अपना हाथ छुड़ा लिया ...और वहाँ से जाकेर फिर से हॉल में आ गया..............
क्रमशः.............................
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