RE: Desi Chudai Kahani कमसिन जवानी
गोशी बोली..:- क्या हुआ कभी लड़की नही देखी क्या और ज़ोर ज़ोर से हस्ने लगी.....!!!!!
उमैर हड़बरकार अर्र्ररे नहीं...हाइ...होस यू..कुछ बोल नहीं पा रहा था..
उसे खुद पर यकीन नहीं हो रहा था ..की वह प्यार का एहसास हुआ है या सिर्फ़ इठलाते यौवन को देखकर उसका मन काबू में नहीं रहा....
कलसूम माँ..:- अरे मेरे बेटे ऐसे क्या देखे जा रहा है..ये मेरी बेटी हैं....इंजीनियरिंग की स्टूडेंट है....आज ही आई है बॉमबे से अब यहीं रहेगी...कलसूम माँ को उसका उसी की बेटी को ऐसे देखना अच्छा नहीं लग रहा था........
गोशी बेटी जाओ औरो से मिल लो...
गोशी का दिल भी उस हॅंडसम को देखकर पागल हुआ जा रहा था बेमन से वो वहाँ से चलीगई.....
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फंक्षन में कॅट वॉक स्टार्ट हुआ...जहाँ पर सेलेक्टेड गॅल्स को रम्पिन्ग करनी थी.....
उमैर भी उस लड़कियो को देखे जा रहा था ..कि अचानक रॅंप पर उची सैंडल होने की वजेह से एक लड़की की सैंडल मूडी और लड़खड़केर वह वहीं गिर गयी......उमैर स्टेज के पास खड़ा हुआ था अचानक...भागते हुए गया और अपनी आगोश में लेकर उसे उठाया ...सब हँसने लगे ....लड़की को चोट जो लग गयी थी आर वो रोने लगी..मासूम सा चेहरा था...और एक हाथ उसकी पीठ पे और दूसरा उसकी टाँगो के नीचे था वह उठाने की कोशिश कर रहा था...बेचारी के पैर में मोच्च आई थी और चल नहीं पा रही थी.....उमैर को अच्चानक उसकी दाई चेस्ट पर कुछ अजीब सा मुलायम एहसास सा हुआ ....और उसका दिमाग़ खराब हो गया....एक तो पहली बार एक लड़की ज़ात का इतना करीब से स्पर्श पाया ...
ओ बोला .."हे भगवान आज ये क्या हो रहा है मेरे साथ"
और ले जा के उसने वहाँ लड़की को टेबल पर बैठा दिया ...कोई नहीं नहीं था वहाँ सिफ्र उमैर और उस लड़की के...वह उसकी जूनियर थी....
उमैर उसे छ्चोड़ कर जाने लगा ................सर्ररर.......
अहह...!!!सुनिए तो.........
आवाज़ आई...उसने उमैर का हाथ पकड़ लिया था और बोली .......थॅंक्स सर आप नहीं आते तो शायद सब मेरा मज़ाक ही बना चुके होते.....
उमैर का हाथ उसके हाथों में था उसकी मासूम सी आँखों में देखते हुए बोला .......अरे तो क्या हुआ...वैसे काफ़ी भारी हो....दोनो हँसने लगे..
उमैर:- नाम क्या है तुम्हारा?
लड़की:-जी फ़िज़ा.......!!
उमैर:- अगली बार ज़्यादा उँची मत पहेनना वरना कोई तुम्हे उठा नहीं पाएगा हहेहहे....
फ़िज़ा:- उसकी बात सुनकर शर्मा सी गयी ..झेप गयी....उसका दिल जो आगया था उस पर ..........कैसे उसने उसे भागते हुए आके अपनी बाहों में समेत लिया था था....और कैसे उसके हाथ उसके शरीर से टच हो रहे थे..
उमैर:- क्या हुआ बताओ ज़्यादा तो नहीं लगी ना...?
उमैर ने उसके पैर के घुटने पर हाथ रखा और धीरे से उठाया .....
थोड़ा हिलाया ही था कि अचानक फ़िज़ा ने ज़ोर से चिल्ला दिया...........आआआआआआवउूऊचह.................मुम्मय्ययययी
और वह रोने लगी....उमैर घबरा गया हे भगवान ये रोने क्यूँ लगी.....उसने उसका पैर छ्चोड़ दिया उसे चुप कराने लगा......
अरे थोड़ा तो दर्द होगा ही ना ,...चलो चुप हो जाओ वरना कोई आ जाएगा और कहेगा की अचानक लड़के के साथ रोने लगी ....उसके दर्द को देख ना सका और अपनी आगोश में उसे समा लिया....फ़िज़ा उसके सीने से लगी और फिर चुप हो गयी....वह समझ गयी थी उसे प्यार हो गया है अपने ही सीनीयार से जो सबसे अलग है....सबसे अच्छा और हॅंडसम..बाहर कुछ लोगो के आने की आवाज़ आई और उमैर ठीक ठाक हो गया....
कलसूम माँ और माँ के साथ आई थी गोशी.वहाँ उमैर और फ़िज़ा को देख कर तो जैसे उसे साँप सूंघ गया ...उमैर बाहर जाओ तुम यहीं खड़े रहोगे क्या....आख़िर अपने आशिक को देख कर कोई भी बोखला जाएगा.........................................
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