RE: Holi Mai Chudai Kahani
मैंने भी जिस डब्बे में कल बिना भाँग वाली गुझिया रखी थी, उसमे से निकल के दो खा ली… (वो तो मुझे बाद में पता चला, जब मैं 3-4 निगल चुकी…..कि ननद ने रात में ही डिब्बे बदल दिये थे और उसमे Double Dose वाली भांग की गुझिया थी).
कुछ ही देर में उसका असर शुरू हो गया. जेठानी ने मुझे ललकारा, “अरे रुक क्यों गई.? अरे आज ही मौका है सास के ऊपर चढाई करने का….दिखा दे कि तुने भी अपनी माँ का दूध पिया है…”
और उन्होंने मेरे हाथ में गाढ़े लाल रंग का Pant दे दिया सासु को लगाने को…
“अरे किसके दूध की बात कर रही है.? इसकी पञ्च भतारी, छिनाल, रंडी, हराम चोदी माँ, मेरी समधन की… उसका दूध तो इसके मामा ने, इसके माँ के यारों ने चूस के सारा निकल दिया. एक चूची इसको चुसवाती थी, दूसरी इसके असली बाप, इसके मामा के मुँह में देती थी.”
सास ने गालियों के साथ मुझे चैलेंज किया. मैं क्यों रूकती.? पहले तो लाल रंग मैंने उनके गालों पे और मुँह पे लगाया. उनका आँचल ढलक गया था, चोली से छलकते उनके बड़े-बड़े स्तन….. मुझसे रहा न गया, होली का मौका, कुछ भाँग और उस शरबत का असर, मैंने चोली के अंदर हाथ डाल दिया.
वो क्यों रूकती.? उन्होंने जो मेरी चोली को पकड़ के कस के खिंचा तो आधे हुक टूट गए. मैंने भी कस के उनके स्तनों पे रंग लगाना और मसलना शुरू कर दिया. क्या जोबन थे.? इस उम्र में एकदम कड़े-तनक, गोरे और खूब बड़े-बड़े… कम से कम 38DD रहे होंगे.
मेरी जेठानी बोली, “अरे जरा कस के लगाओ, यही दूध पी के मेरा देवर इतना ताकतवर हो गया है…”
कि रंग लगाते दबाते मैंने भी बोला, “मेरी माँ के बारे में कह रही थी ना, मुझे तो लगता है की आप अभी भी दबवाती, चुसवाती है. मुझे तो लगता है की सिर्फ बचपन में ही नहीं जवानी में भी वो इस दूध को पीते, चूसते रहे है. क्यों है ना..?? मुझे ये शक तो पहले से था की उन्होंने अपनी बहनों के साथ अच्छी Trainning की है लेकिन आपके साथ भी…???”
मेरी बात काट के जेठानी बोली, “तू क्या कहना चाहती है की मेरा देवर माआआ..दर……..”
“जी…. जो आपने समझा कि वो सिर्फ बहनचोद ही नहीं मादरचोद भी है.” मैं अब पुरे मूड में आ गई थी..
“बताती हूँ तुझे…..” कह के मेरी सास ने एक झटके में मेरी चोली खिंच के नीचे फेंक दी और मेरे दोनों ऊरोज सीधे उनके हाथ में.
“बहोत रस है ना तेरी इन चुचियों में, तभी तो सिर्फ मेरा लड़का ही नहीं गाँव भर के मरद बेचारों की निगाह इनपे टिकी रहती है. जरा आज मैं भी तो मज़ा ले के देखूं…” और रंग लगाते-लगाते उन्होंने मेरा Nipple Pinch कर दिया.
“अरे सासु माँ, लगता है आपके लड़के ने कस के चूची मसलना आपसे ही सिखा है. बेकार में मैं अपनी ननदों को दोष दे रही थी. इतना दबवाने, चुसवाने के बाद भी इतनी मस्त है आपकी चूचियां…..” मैं भी उनकी चूची कस के दबाते बोली.
मेरी ननद ने रंग भरी बाल्टी उठा के मेरे ऊपर फेंकी. मैं झुकी तो वो मेरी चचेरी सास और छोटी ननद के ऊपर जा के पड़ी. फिर तो वो और आस-पास की दो-चार औरतें जो रिश्ते में सास लगती थी, मैदान में आ गई. सास का भी एक हाथ सीने से सीधे नीचे, उन्होंने मेरी साड़ी उठा दी तो मैं क्यों पीछे रहती..??? मैंने भी उनकी साड़ी आगे से उठा दी… अब सीधे देह से देह……… होली की मस्ती में चूर अब सास-बहु हम लोग भूल चुके थे. अब सिर्फ देह के रस में डूबे हम मस्ती में बेचैन……… मैं लेकिन अकेले नहीं थी.
जेठानी मेरा साथ देते बोली, “तू सासु जी के आगे का मज़ा ले और मैं पीछे से इनका मज़ा लेती हूँ. कितने मस्त चूतड़ है…? हाय…..”
कस कस के रंग लगाती, चूतड़ मसलती वो बोली, “अरे तो क्या मैं छोड़ दूंगी इस नए माल के मस्त चूतडो को…..??? बहोत मस्त गाण्ड है. एकदम गाण्ड मराने में अपनी छिनाल, रंडी माँ को गई है लगता है. ज़रा देखू गाण्ड के अंदर क्या माल है.??” ये कह के मेरी सास ने भी कस के मेरे चूतडो को भींचा और रंग लगाते, दबाते, सहलाते, एक साथ ही दो उंगलियां मेरी गाण्ड में गचाक से पेल दी.
“उईई माँ…..” मैं चीखी पर सास ने बिना रुके सीधे जड़ तक घुसेड़ के ही दम लिया. तब तक मेरी एक चचेरी सास ने एक गिलास मेरे मुँह में, वहीं तेज वैसी ही महक, वैसा ही रंग. लेकिन अब कुछ भी मेरे बस में नहीं था. दो सासुओं ने कस के दबा के मेरा मुँह खोल दिया और चचेरी सास ने पूरा गिलास खाली कर के दम लिया और बोली, “अरे मेरा खारा शरबत तो चख…”
फिर उसी तरह दो-तीन गिलास और…..
उधर मेरे सास के एक हाथ की दो उंगलियां गोल-गोल कस के मेरी गाण्ड में घुमती, अंदर-बाहर होती और दूसरे हाथ की दो उंगलियां मेरी बुर में…………. मैं कौनसी पीछे रहने वाली थी.? मैंने भी तीन उंगलियां उनकी बुर में…… वो अभी भी अच्छी-खासी Tight थी.
“मेरा लड़का बड़ा ख्याल रखता है तेरा बहु… पहले से ही तेरी पिछवाड़े की कुप्पी में मक्खन मलाई भर रखा है, जिससे मरवाने में तुझे कोई दिक्कत ना हो.” वो कस “मेरा लड़का बड़ा ख्याल रखता है तेरा बहु… पहले से ही तेरी पिछवाड़े की कुप्पी में मक्खन मलाई भर रखा है, जिससे मरवाने में तुझे कोई दिक्कत ना हो.” वो कस के गाण्ड में उँगली करती बोली.
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