Antarvasna kahani बाली उमर का चस्का
08-29-2018, 08:58 PM,
#3
RE: Antarvasna kahani बाली उमर का चस्का
मैं घबरा गयी थी और गांड मरवाने का शोक मेरे दिमाग से उतर चुका था। राज ने भी मोके की नजाकत को समझते हुए मुझे छोड़ दिया। मैं उस टॉयलेट से बाहर निकली और अपने घर चली गयी। पर सारी रात राज की अशलील हरकतें बार बार याद आती रही और डॉली के कारनामे भी नींद उड़ाते रहे उस रात मुझे नींद नही आई। सारी रात करवट बदल बदल कर निकली। सुबह हुई तो मैं स्कूल को तयार हो के चल दी। दोपहर लंच ब्रेक में राज मेरे पास आया और हँसते हुए पुछा कल दर्द हुआ था क्या। मेने सर हिला के इशारे से हाँ कहा। वोह बोला शुरू में दर्द होता हे फिर बाद में मज्जा आयेगा जेसे ललिता लेती हे। मैंने सर हिल के हाँ कहा और फिर पुछा कि डॉली दीदी को भी पहली बार दर्द हुआ था। इस्पे राज हस के बोला की ललिता की जिसने फर्स्ट टाइम ली होगी उसको पता होगा हम तो उसके शिष्य हैं और उस्सी ने हमें यह सब सिखाया। मैं इस बात पे हस दी और राज भी मेरे साथ खूब हँसा। 
फिर राज मुझे स्कूल कैन्टीन ले गया और चिप्स पेप्सी वगेरा मंगवा दी। तभी वहां जय और डॉली भी आ गये। राज ने उठ के पहले जय फिर डॉली को हग किया ओर हम चारो बेठ गये। राज बोला चलो आज बंक मार के फिल्म देखने चलते हैं। मैंने मना किया तो राज ने कहा ललिता और जय तुम दोनों चलोगे क्या। वह तयार हो गये। फिर तीनो स्कूल के पिछले गेट पे गये और राज ने वहां खड़े दरबान को 50 रूपए दिए तो उसने गेट खोल दिया। तभी डॉली ने मुझे आने का इशारा किया। मेरी कुछ समज में आये उससे पहले राज मेरे पास आया और हाथ पकड़ के साथ चल पड़ा। मैं कोई विरोध नहीं कर पाई और हम चारो स्कूल से बाहर आ गये।
हम सब सिनेमा पोहंच गये और राज ने 4 टिकेट खरीदे। हम अंदर पोहंचे तो फिल्म स्टार्ट हो गयी थी। इमरान हाश्मी और उदिता गोस्वामी की अक्सर में खूब गरमा गरम सीन थे और जब तक हम सीट पे बेठें तब तक इमरान ने उदिता को चूमना चाटना शुरू कर दिया था। मैं और डॉली बीच में बेठे और जय राज हमारे साइड पे। राज मेरी और था इसलिए मैं उसकी शरारतों के लिए मन ही मन तैयार थी।
और उसने भी समय बर्बाद नही किया। सीधे अपने हाथ को मेरी जाँघ पे रख के हलके हलके मसलने दबाने लगा। मैं उस समय उतेजना से भर गयी और अपने सर को उसके कंधे पे टिक्का के उसको ग्रीन सिग्नल देदी। वोह बायें हाथ से जाँघो को मसलने में लगा था और दायें हाथ को मेरे कंधो से होते हुए मेरे उरोजों को मसलने लगा। पहली बार मुझे अपने मम्मों पे किसी मर्द के स्पर्श का असर महसूस होने लगा । इतना मज़्ज़ा आता होगा मम्मे दबवाने में तो कब की शुरू हो गयी होती। 
उधर जय ने ललिता की स्कर्ट के अंदर हाथ दाल के उसकी हालत खराब कर दी थी। साथ ही वोह उसके मम्मों को बारी बारी से निचोड़ रहा था। मैं उसकी हरकतों को देख रही थी की तभी जय ने मेरी और देख के गन्दा इशारा किया। मैं नाक मरोड़ के उसके इशारे को अनदेखा कर दिया। तभी उसने ललिता की शर्ट के उपर वाले 2 बटन खोल के उसमे अपना हाथ घुसा दिया। मेरी तो आंखें फटी की फटीरह गयी पर ललिता उसका पूरा साथ देती हुई मुस्कुराती हुई मम्मे दबवाती रही। यहाँ राज ने भी अपनी हरकत तेज़ करते हुए मेरी शर्ट के 2 बटन खोल दिए और हाथ अंदर दाल दिया। मेरी चीख निकल गयी पर उसनेदुसरे हाथ से मेरा मुह दबा दिया। जय डॉली और राज तीनो मुझे घूर के देखने लग्गे। मैं भी शर्मिंदा महसूस करती हुई सोरी सोरी कहने लगी। ललिता ने मुझे डांट लगाते हुए कहा की अब मैं बच्ची नही रह गयी हूँ। मैं भी शर्म से लाल हो गयी थी और उसको भरोसा देते हुए बोली की आगे से ऐसा नही होगा।
मैं शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी। राज का हाथ मेरी शर्ट के अंदर था और मेरे नग्न उरोजों के साथ जी भर के खेल रहा था। मैं अपनी कक्षा की उन गिनी चुनी लड़कियों में से थी जो ब्रा पेहेन के आती थी। ललिता मुझसे 2 कक्षा आगे थी परन्तु मेरे उरोज उसके उरोजो को अभी से टक्कर देरहे थे।
राज ने मेरी ब्रा में हाथ डाला हुआ था और मेरे चिकने मम्मे कस कस से निचोड़ने में लगा हुआ था। मेरी हालत खराब होती जा रही थी। चुनमूनियाँ से रस बह बह केपेंटी को गीली कर चूका था। सांसें उखाड़ने लगी थी हवस के सैलाब में। उधर मेरी दाएँ ओर बेठी ललिता की हालत मुझसे भी खराब थी। जय कभी डॉली के होंठ चूसता तो कभी अपना मूंह उसके मम्मों पे रख देता जिन्हें वोह ब्रा से बाहर निकाल चूका था। ललिता के निप्पल मूंह में लेके वोह चूसे जा रहा था और ललिता के चेहरे पे हवस के रंग साफ़ झलक रहे थे।
हमारे आस पास भी येही सब चल रहा था। जवान जोड़े अपनी रंग रलियों में बेखबर योंन सुख का आनंद ले रहे थे। अब जय ने अपनी अगली चाल चलते हुए ज़िप खोल के अपने लिंग को बाहर निकाल लिया। ललिता ने भी झट से उसके चार इंची लिंग को थाम के मसलना शुरू कर दिया। उनको देख राज केसे पीछे रहता। उसने भी ज़िप खोली और अपना लंड बाहर निकाल लिया। उफ्फ्फ में उसका लंड देखते ही परेशान हो गई क्युकी वह जय के लिंग से दो इंच लम्बा ओर दो गुना मोटा था। उसका लंड अभी से कॉलेज के लडको के साइज़ का हो गया था। मैंने अपने कांपते हुए हाथ उसके लंड पे रख के महसूस किया की उसके लंड में आग जेसी गर्मी और दिल जेसी धड़कन थी। मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही राज का लंड उछल उछल के हिलने लगा।
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani बाली उमर का चस्का - by sexstories - 08-29-2018, 08:58 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,646,712 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 561,390 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,295,539 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 978,995 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,736,886 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,149,728 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,071,229 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,469,725 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,164,275 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 298,845 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)