RE: Free Sex Kahani कौन सच्चा कौन झूठा
बाहर से हवलदार ने बोला साहेब इसकी मा आई है कोर्ट का ऑर्डर साथ मे लाई है इसको मिलने के लिए . जैसे ही इंदु ने दीपक को देखा दोनो की आँखों मे आँसू थे पोलीस के साइरन ने दीपक को नींद के आगोश से जगा दिया . सिर उठा के उपर आसमान की तरफ देखा तो सूरज बिल्कुल सिर के उपर था गली के पीछे भी उपर जाने का रास्ता था . जैसे ही दीपक सीडिया चढ़ा उपर बैठे कुत्ते ने भोकना शुरू कर दिया. दीपक जानता था के अगर ये कुत्ता चुप ना हुआ तो कोई ना कोई यहा देखने पहुच जाएगा .दीपक ने पास मे पड़े मोटे से पत्थर को उठाया और उपर सीडियो पर चल दिया .उपर पहुचते ही देखा कुत्ता चैन से बँधा हुआ था दीपक ने ज़ोर से पत्थर को कुत्ते के सिर पर मार दिया सब कुछ शांत हो चुका था. धीरे से दीपक ने रस्सी पर से कपड़े लिए और बदल लिए वो जानता था कि अगर वो जैल के कपड़ो मे रहेगा तो कोई ना कोई उसे पहचान लेगा . आगे बढ़ते ही दीपक को घर जाने का ख़याल आया पर वो जानता था कि उसके भागने की खबर सुनते ही पोलीस उसके घर की घेराबंदी कर चुकी होगी. ट्रिन्न्न ट्रिन्न हेलो इनस्पेक्टर राणे हियर क्या कब. तुम एक काम करो उसे वही ढुंढ़ो मे उसके घर जा कर दबिश देता हू. राणे ने अपनी टोपी पहनी गाड़ी मे चल दिए दीपक सोच रहा था कहाँ जाए उसे अपने पिता और बेहन के खूनी से बदला भी तो लेना था .घर जा नही सकता था पड़ोसियो मे शर्मा अंकल पर उसे भरोसा था मगर किसी ने पोलीस को बता दिया तो .दीपक के दिमाग़ मे कुछ सूझा वो आगे बढ़ गया . दीपक अपने घर की नौकरानी चंपा के घर पर जा रहा था घरवालो के बाद एक वही थी जो पिछले6साल से उनके घर मे काम कर रही थी उसे उस पर भरोसा था. जैसे ही दीपक चंपा के घर के बाहर पहुचा अंडर से आवाज़्ज़्ज़ आई "आह दीपक हैरान हुआ और छुप गया .चंपा की खोली बहुत छोटी थी दीपक ने अंदर झाँकने की कौशिश की उसको एक छेद मिला जो अंदर का नज़ारा बयान कर रहा था. दो जिस्म चिपके हुए थे एक के उपर एक. चंपा को तो दीपक ने पहचान लिया पर वो आदमी कौन था दीपक को नही पता था .
चंपा: डाल ना क्यू तड़पाता है जागया. दीपक को उस शक्स का नाम तो पता चल गया था. अंदर से फिर आवाज़ "आई आह " चंपा: साले हरामी तडपा मत डाल ना जागया: अभी नही तुझे तड़पाने मे मुझे बहुत मज़ा आता है. चंपा: आछा ! तुझे बताती हू अभी दीपक को बड़ी हैरानी हो रही थी के शरीफ से दिखने वाली चंपा बिस्तर पे ऐसा भी करती है. चंपा: ये ले .(चंपा ने नीचे हाथ ले जा कर ज़ोर से लंड को दबा दिया )
जागया : साआआअल्ल्ल्ल्ल्ल� �ईई आह !
चंपा: चिल्लाता क्यू है तड़पाने मे मज़ा आता हे ह्म्*म्म्म.... चंपा हस पड़ी. जागया गुस्से मे था अपने एक हाथ से चंपा के दोनो हाथो को पकड़ लिया .अपने लंड को चॅंप के पिंक चूत के मूह पर रखा .लंड के एहसास से ही चंपा आहे भरने लगी . एक हल्का सा दबाव लंड पर और चंपा की चूत के द्वार खुलते हुए .
चंपा: रहम कर आराम से डाल. आआहह.......साले चोद दे . जागया: साली आज तो तेरी फाड़ दूँगा जागया ने धक्को के स्पीड तेज कर दी .चंपा के मुम्मे उपर नीचे उछल रहे थे .जब जागया लंड और अंदर घुसा देता चंपा की सिसकी निकल जाती
चंपा: आज के बा आद तुउउउउझे घाररर मे आने नही दूँगी आआअहह .. जागया के धक्के जारी थे चंपा ठीक से बोल नही पा रही थी. जागया: ठीक है मत आने देना आहह. पर तेरी चूत के प्यास कौन मिटाएगा ह्म्म.. जागया धक्के बजा रहा था. आह...माआअ . जागया: मा तुझे बचाने नही आएगी हहा. चंपाने एक दम से जागया के कंधे ज़ोर से पकड़ लिए . जागया आगे पीछे नही हो पा रहा था . चंपा जागया के कान के पास अपना मून ले गयी और ज़ोर से उसका कान काट लिया
जागया : आआहह! क्या कर रही है इतना ज़ोर से . चंपा: आराम से कर मुझे भी दर्द हो रहा हे . जागया चंपा के मुँह के पास हुआ और अपनी जीब निकाल के चंपा के होंठो पर फिरा दी .
चंपा: आअहह ज़ालिम (मुस्कुरा दी) दोनो पूरे जोश मे आ चुके थे .जागया ने धक्के लगाने शुरू कर दिए बाहर दीपक ये सब नज़ारा देख गर्म था वो नही भी देखना चाहता था और देखना भी .
चंपा: मेरा निकलने वलाआआअ है.... जागया: हा (धक्को के स्पीड बढ़ा दी) चंपा शरीर की हवस मे पागल हो चुकी थी. चंपा ने अपनी टाँगो को थोड़ा फैलाया जागया के पीठ पर अपने नाख़ून गाढ दिए और झाड़ गयी...... जागया भी 5,6 धक्को के बाद चंपा की चूत मे ही पानी छोड़ दिया जागया खड़ा हुआ नीचे पड़े एक कपड़े अपना लंड सॉफ किया और कपड़े पहनने लगा.चंपा वही बिस्तर पर लेटी हुई उसे देख रही थी. अगया ने पॅंट के ज़िप्प बंद की तभी चंपा ने उसे अपनी तरफ खिचा जागया संभाल नही पाया सीधा चंपा के उपर गिरा . जागया की पॅंट की जेब से 1000 के नोटो के गद्दी गिरी . चंपा ने उठ के देखा तो जागया पैसे छुपा रहा था पर चंपा पहले ही नज़र मार चुकी थी.
चंपा: क्या रे तू क्या कर रहा है आज कल. जागया हड़बड़ा गया) कुछ नही वही जो पहले करता था.
चंपा: ज़यादा शान पॅंटी मत दिखा तेरे पास इतने पैसे कहा से आए.
जागया: एक सेठ का अपुन कुछ काम किया था उसी ने दिए थे.
चंपा: ऐसा कौन सा काम जो तुझे इतने पैसे मिले .कोई मर्डर किया क्या?
जागया: (घबरा गया) न ही नही तो .अरे तुझे पता है अपुन चोरी चाकरी वाले है अपुन लोग मर्डर कहा.
चंपा: पर चोरी के इतने पैसे.
जागया: ये अपुन के हाथ का कमाल है जिसके घर काम किए उसका ताला भी नही तोड़ा और काम हो गया. चंपा ने कपड़े पहन लिए थे जागया के पास आते ही उसने जागया का हाथ अपने हाथ मे लिया और बोली मेरे सिर की कसम खा के बोल तू कोई ऐसा काम नही करेगा जो हम दोनो को जुदा कर दे.
जागया: हां तेरे कसम. इनस्पेक्टर राणे दीपक के घर के बाहर खड़ा था मेन रोड से आने जाने वाले रास्ते पर नज़र डाल रहा था . हवलदार को इशारा करके बुलाया पूछा कुछ समझे .हवलदार असमंजस मे पड़ गया के साहेब किस बारे मे बात कर रहे है . राणे: अरे बताइए समझे कुछ.
हवलदार: गर्देन हिलाते हुए ना मे हामी भरी.
राणे: आप का समझेगे अगर समझते होते तो आप हमारे साहेब होते . जीप मे बैठा हवलदार हस पड़ा . राणे ने गर्देन घुमा के उसकी तरफ देखा जीप मे बैठे हवलदार की सिट्टी पिटी गुल हो गयी थी .
राणे: 4 स्पेशल ओफीसर को बुलाओ 24 घंटे घर के पास निगरानी रखनी पड़ेगी. टिग्टॉंग घर की बेल बजते ही इंदु ने दरवाज़ा खोला राणे गेट पे खड़ा था .
|