Behen ki Chudai मेरी बहन कविता
08-26-2018, 09:49 PM,
#10
RE: Behen ki Chudai मेरी बहन कविता
उनके माथे पर पसीने की बुँदे छलछला आई थी. मैंने चूची का निप्पल को दीदी के चेहरे को अपने दोनों हाथो से पकड़ कर उनका माथा चूमने लगा और जीभ निकल का उनके माथे के पसीने को चाटते हुए उनकी आँखों को चुमते हुए नाक पर जीभ फिरते हुए चाटा दीदी अपनी गांड अब नहीं चला रही थी वो पूरा लण्ड घुसा कर वैसे ही मेरे ऊपर लेटी हुई अपनी चूची दबवा और निप्पल चुसवा रही थी. उनके माथे पर पसीने की बुँदे छलछला आई थी. मैंने चूची का निप्पल को दीदी के चेहरे को अपने दोनों हाथो से पकड़ कर उनका माथा चूमने लगा और जीभ निकल का उनके माथे के पसीने को चाटते हुए उनकी आँखों को चुमते हुए नाक और उसके निचे होंठो के ऊपर जो पसीने की छोटी छोटी बुँदे जमा हो गई थी उसके नमकीन पानी को पर जीभ फिराते हुए चाटा और फिर होंठो को अपने होंठो से दबोच कर चूसने लगा. दीदी भी इस काम में मेरा पूरा सहयोग कर रही थी और अपने जीभ को मेरे मुंह में पेल कर घुमा रही थी. कुछ देर में मुझे लगा की मेरे लण्ड पर दीदी की चुत का कसाव थोड़ा ढीला पर गया है. लगा जैसे एक बार फिर से दीदी की चुत से पानी रिसने लगा है. दीदी भी अपनी गांड उचकाने लगी थी और चुत्तर उछालने लगी थी. ये इस बात का सिग्नल था का दीदी की चुत में अब मेरा लण्ड एडजस्ट कर चूका है. धीरे-धीरे उनके कमर हिलाने की गति में तेजी आने लगी. थप-थप आवाज़ करते हुए उनकी जान्घे मेरी जांघो से टकराने लगी और मेरा लण्ड सटासट अन्दर बाहर होने लगा. मुझे लग रहा था जैसे चुत दीवारें मेरे लण्ड को जकड़े हुए मेरे लण्ड की चमरी को सुपाड़े से पूरा निचे उतार कर रागड़ती हुई अपने अन्दर ले रही है. मेरा लण्ड शायद उनकी चुत की अंतिम छोर तक पहुच जाता था. दीदी पूरा लण्ड सुपाड़े तक बाहर खींच कर निकाल लेती फिर अन्दर ले लेती थी. दीदी की चुत वाकई में बहुत टाइट लग रही थी. मुझे अनुभव तो नहीं था मगर फिर भी गजब का आनंद आ रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे किसी बोत्तल में मेरा लौड़ा एक कॉर्क के जैसे फंसा हुआ अन्दर बाहर हो रहा है. दीदी को अब बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था ये बात उनके मुंह से फूटने वाली सिस्कारियां बता रही थी. वो सीसियते हुए बोल रही थी “आआआ…….सीईईईइ…..भाईबहुतअच्छालौड़ाहैतेरा…..हायएकदमटाइटजारहाहै…….सीईईइहायमेरी….चुत…..ओहहो….ऊउउऊ….बहुतअच्छासेजारहाहै…हाय….गरमलोहेकेरोडजैसाहै….हाय….कितनातगड़ालौड़ाहै….. हायराजूमेरेप्यारे…तुमकोमजाआरहाहै….हायअपनीदीदीकीटाइटचुतकोचोदनेमें…हायभाईबताना….कैसालगरहाहैमेरेराजा….क्यातुम्हेअपनीदीदीकीबूरकीफांकोकेबीचलौड़ादालकरचोदनेमेंमजाआरहाहै…..हायमेरेचोदु….अपनीबहनकोचोदनेमेंकैसालगरहाहै….बताना….अपनीबहनको….सालेमजाआरहा…सीईईई….ऊऊऊऊ….” दीदी गांड को हवा में लहराते हुए जोर जोर से मेरे लण्ड पर पटक रही थी. दीदी की चुत में ज्यादा से ज्यादा लौड़ा अन्दर डालने के इरादे से मैं भी निचे से गांड उचका-उचका कर धक्का मार रहा था. कच कच बूर में लण्ड पलते हुए मैं भी सिसयाते हुए बोला “ओहसीईईइ….दीदी….आजतकतरसता….ओहबहुतमजा…..ओहआई……ईईईइ….मजाआरहाहैदीदी….उफ्फ्फ्फ्फ़…बहुतगरमहैआपकीचुत….ओहबहुतकसीहुई….है…बापरे….मेरेलण्डकोछिल….देगीआपकीचुत….उफ्फ्फ्फ्फ़….एकदमगद्देदारहै….” चुतहैदीदीआपकी…हायटाइटहै….हायदीदीआपकीचुतमेंमेरापूरालण्डजारहाहै….सीईईइ…..मैंनेकभीसोचानहींथाकीमैंआपकीचुतमेंअपनालौड़ापेलपाउँगा….हाय….. उफ्फ्फ्फ्फ़… कितनीगरमहै….. मेरीसुन्दर…प्यारीदीदी….ओहबहुतमजाआरहाहै….ओहआप….ऐसेहीचोदतीरहो…ओह….सीईईई….हायसचमुझेआपनेजन्नतदिखादिया….सीईईई… चोददोअपनेभाईको….” मैं सिसिया रहा था और दीदी ऊपर से लगातार धक्के पर धक्का लगाए जा रही थी. अब चुत से फच फच की आवाज़ भी आने लगी थी और मेरा लण्ड सटा-सट बूर के अन्दर जा रहा था. पुरे सुपाड़े तक बाहर निकल कर फिर अन्दर घुस जा रहा था. मैंने गर्दन उठा कर देखा की चुत के पानी में मेरा चमकता हुआ लौड़ा लप से बाहर निकलता और बूर के दीवारों को कुचलता हुआ अन्दर घुस जाता. दीदी की गांड हवा लहराती हुई थिरक रही थी और वो अब अपनी चुत्तरों को नचाती हुई निचे की तरफ लाती थी और लण्ड पर जोर से पटक देती थी फिर पेट अन्दर खींच कर चुत को कसती हुई लण्ड के सुपाड़े तक बाहर निकाल कर फिर से गांड नचाती निचे की तरफ धक्का लगाती थी. बीच बीच में मेरे होंठो और गालो को चूमती और गालो को दांत से काट लेती थी. मैं भी दीदी के दोनों चुत्तरों को दोनों हाथ की हथेली से मसलते हुए चुदाई का मजा लूट रहा था. दीदी गांड नचाती धक्का मारती बोली “राजू….मजाआरहाहै….हाय….बोलना….दीदीकोचोदनेमेंकैसालगरहाहैभाई….हायबहनचोद….बहुतमजादेरहाहैतेरालौड़ा…..मेरीचुतमेंएकदमटाइटजारहाहै….सीईईइ….माधरचोद….इतनीदूरतकआजतक…..मेरीचुतमेंलौड़ानहींगया….हाय…खूबमजादेरहाहै…. बड़ाबूरफारुलौड़ाहैरे…तेरा….हायमेरेराजा….तूभीनिचेसेगांडउछालना….हाय….अपनीदीदीकीमददकर….सीईईईइ…..मेरेसैयां…..जोरलगाकेधक्कामार…हायबहनचोद….चोददेअपनीदीदीको….चोददे….साले…चोद, चोद….केमेरीचुतसेपसीनानिकालदे…भोसड़ीवाले…. ओहआई……ईईईइ…” दीदी एकदम पसीने से लथपथ हो रही थी और धक्का मारे जा रही थी. लौड़ा गचा-गच उसकी चुत के अन्दर बाहर हो रहा था और अनाप शनाप बकते हुए दाँत पिसते हुए पूरा गांड तक का जोर लगा कर धक्का लगाये जा रही थी. कमरे में फच-फच…गच-गच…थप-थप की आवाज़ गूँज रही थी. दीदी के पसीने की मादक गंध का अहसास भी मुझे हो रहा था. तभी हांफते हुए दीदी मेरे बदन पर पसर गई.“हाय…थकादियातुनेतो…..मेरीतोएकबारनिकलभीगई सालेतेराएकबारभीनहींनिकला…।हाय…।अबसालेमुझेनिचेलिटाकरचोद…जैसेमैंनेचोदाथावैसेही….पूरालौड़ाडालकर….मेरीचुतले….ओह….” कहते हुए मेरे ऊपर से निचे उतर गई. मेरा लण्ड सटाक से पुच्च की आवाज़ करते हुए बाहर निकल गया. दीदी अपनी दोनों टांगो को उठा कर बिस्तर पर लेट गई और जांघो को फैला दिया. चुदाई के कारण उनकी चुत गुलाबी से लाल हो गई थी. दीदी ने अपनी जांघो के बीच आने का इशारा किया. मेरा लपलपाता हुआ खड़ा लण्ड दीदी की चुत के पानी में गीला हो कर चमचमा रहा था. मैं दोनों जांघो के बीच पंहुचा तो मुझे रोकते हुए दीदी ने पास में परे अपने पेटिकोट के कपड़े से मेरा लण्ड पोछ दिया और उसी से अपनी चुत भी पोछ ली फिर मुझे डालने का इशारा किया. ये बात मुझे बाद में समझ में आई की उन्होंने ऐसा क्यों किया. उस समय तो मैं जल्दी से जल्दी उनकी चुत के अन्दर घुस जाना चाहता था. दोनों जांघो के बीच बैठ कर मैंने अपना लौड़ा चुत के गुलाबी छेद पर लगा कर कमर का जोर लगाया. सट से मेरा सुपाड़ा अन्दर घुसा. बूर एक दम गरम थी. तमतमाए लौड़े को एक और जोर दार झटका दे कर पूरा पूरा चुत में उतारता चला गया. लण्ड सुखा था चुत भी सूखी थी. सुपाड़े की चमरी फिर से उलट गई और मुंह से आह निकल गई मगर मजा आ गया. चुत जो अभी दो मिनट पहले थोरी ढीली लग रही थी फिर से किसी बोतल के जैसे टाइट लगने लगी. एक ही झटके से लण्ड पेलने पर दीदी कोकियाने लगी थी. मगर मैंने इस बात कोई ध्यान नहीं दिया और तरातर लौड़े को ऊपर खींचते हुए सटासट चार-पॉँच धक्के लगा दिए. दीदी चिल्लाते हुए बोली“माधरचोद…सालेदिखाईनहींदेताकीचुतकोपोछकेसुखादियाथा…भोसड़ीकेसुखालौड़ाडालकरदुखादिया…॥तेरीबहनकोचोदु….हरामी…. साले…अभीभी….चोदनानहींआया…ऊपरचढ़केसिखायाथा….फिरसालेतुने….” मैं रुक कर दीदी का मुंह देखने लगा तो फिर बोली “अबमुंहक्यादेखरहाहै….मारना….धक्का….जोरलगाकेमार…हायमेरेराजा…मजाआगया…इसलिएतोपोछदियाथा….हायदेखक्याटाइटजारहाहै…इस्स्स्स्स….” मैं समझ गया अब फुल स्पीड में चालू हो जाना चाहिए. फिर क्या था मैंने गांड उछाल उछाल कर कमर नचा कर जब धक्का मरना शुरू किया तो दीदी की चीखे निकालनी शुरू हो गई. चुत फच फच कर पानी फेंकने लगी. गांड हवा में लहरा कर लण्ड लीलने लगी “ हायपेलदे…॥भाईऐसेहीबेदर्दीसे….. चोदअपनीकवितादीदीकीचुतको….ओहमाँ….कैसाबेदर्दीभाईहै….हायकैसेचोदरहाहै….अपनीबड़ीबहनको….हायमाँदेखो….मैंनेमुठमारनेसेमनाकियातोसालेनेमुझेचोदडाला……चोदाइसकेलिएकोईबातनहीं….मगरकमीनेकोऐसेबेदर्दीसेचोदनेमेंपतानहींक्यामजामिलरहाहैउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़…….मरगई….हायबड़ामजाआरहाहै…..सीईईईई…..मेरेचोदुसैयां…मेरेबालम….हायमेरेचोदुभाई…..बहनकेलौड़े…चोददेअपनीचुदक्कड़बहनको…सीईईईई….” मैं लगातार धक्के पर धक्का लगता जा रहा था. मेरा जोश भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच चूका था और मैं अपनी गांड तक का जोर लगा कर कमर नचाते हुए धक्का मार रहा था. दीदी की चूची को मुठ्ठी में दबोच दबाते हुए गच गच धक्का मारते हुए मैं भी जोश में सिसिया हुए बोला ” ओहमेरीप्यारीबहनओह….सीईईईइ….कितनीमस्तहोतुम….हाय…सीईईईतुमनहींहोतीतो…मैंऐसेहीमुठमारता…होसीईई…दीदीबहुतमजाआरहाहै…हायसचमेंदीदीआपकीगद्देदारचुतमेंलौड़ाडालकरऐसालगरहाहैजैसे…..जन्नत….हाय…पुच्च..पुच्चओहदीदीमजाआगया….ओहदीदीतुमगालीभीदेतीहोतोमजाआताहै….हाय…मैंनहींजानताथाकीमेरीदीदीइतनीबड़ीचुदक्कड़है….हायमेरीचुदैलबहना….सीईईईईहमेशाअपनेभाईकोऐसेहीमजादेतीरहना….ऊऊऊऊउ….दीदीमेरीजान….हाय….मेरालण्डहमेशातुम्हारेलियाखड़ारहताथा….हायआज….मनकीमुराद…..सीईईई….” मेरा जोश अब अपने चरम सीमा पर पहुँच चूका था और मुझे लग रहा था की मेरा पानी निकल जायेगा दीदी भी अब बेतहाशा अंट-शंट बक रही थी और गांड उचकाते हुए दांत पिसते बोली “हायसाले….चोदनेदेरहीहूँतभीखूबसूरतलगरहीहूँ….माधरचोदमुझेसबपताहै…..चुदैलबोलताहै….सालेचुदक्कड़नहींहोती…मुठमारतारहजाता…..हायजोर….अक्क्क्क्क…..जोरसेमारतारहमाधरचोद…. मेराअबनिकलेगा…हायभाईमैंझरनेवालीहूँ….सीईईईई….औरजोरसेपेल….चोदचोद….चोदचोद…. राजू….बहनचोद….बहनकेलौड़े…..” कहते हुए मुझे छिपकिली की तरह से चिपक गई. उनकी चुत से छलछला कर पानी बहने लगा और मेरे लण्ड को भिगोने लगा. तीन-चार तगड़े धक्के मारने के बाद मेरा लण्ड भी झरने लगा और वीर्य का एक तेज फौव्वारा दीदी की चुत में गिरने लगा. दीदी ने मुझे अपने बदन से कस कर चिपका लिया और आंखे बंद करके अपनी दोनों टांगो को मेरे चुत्तरों पर लपेट मुझे बाँध लिया. जिन्दगी में पहली बार किसी चुत के अन्दर लण्ड को झारा था.
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