XXX Hindi Kahani किस्मत का फेर
08-24-2018, 12:13 PM,
#6
RE: XXX Hindi Kahani किस्मत का फेर
रिया के कहे अनुसार बिना कुछ बोले अजनबी ने आँचल के कन्धों को सहलाना शरू किया । आँचल ने उसके मज़बूत हाथ अपनी बांहों और कन्धों पर घूमते महसूस किये । एक ऐसा आदमी उसके शरीर पर हाथ फिरा रहा है जिसको उसने पहले कभी नहीं देखा । इस ख्याल से उसके बदन में झुरझुरी सी दौड़ गयी और उसका दिल और ज़ोर से धड़कने लगा ।

अजनबी के हाथ उसकी बांहों की मुलायम त्वचा पर रेंगने लगे। फिर अजनबी के होठों ने उसकी गरदन पर चुम्बन लिया और उसके कानो के निचले हिस्से को अपने होठों में दबाया । फिर उसके कन्धों और गरदन के जोड़ को हल्का जीभ से चाटा । आँचल के मुंह से हलकी सिसकारी निकल गयी । अब उसकी घबराहट की जगह बढ़ती उत्तेजना ने ले ली थी ।

फिर अचानक से उसने आँचल के दोनों हाथों को पकड़कर उसको खड़ा कर दिया और अपनी तरफ घुमा लिया । उसने आँचल को अपने आलिंगन में भर लिया और अपने चेहरे को झुकाकर धीरे से उसका चुम्बन लिया । आँचल ने अपने कांपते हाथ उसकी छाती पर रख दिये । उसने अपने एक हाथ से आँचल के चेहरे को थोड़ा ऊपर उठाकर अपने होठ आँचल के नरम और रसीले होठों पर रख दिए फिर अपना हाथ पीछे ले जाकर उसकी गर्दन पर रख दिया। आँचल ने अपने होठों के बीच उसकी जीभ महसूस की और अपने होंठ थोड़ा खोल दिए । अब उसने अपनी जीभ आँचल के मुंह में डाल दी और आँचल ने अपनी बांहे उसके गले में डाल दीं । उसकी मज़बूत बाँहों में आँचल ने अपने को बहुत नाजुक सा महसूस किया ।

उसने अपने होंठ अलग किये और एक झटके में अपनी कमीज सर के ऊपर से उतार दी । फिर उसने आँचल को अपनी ओर खींचा और चुम्बन लेते हुए फिर से आँचल के मुंह में अपनी जीभ डाल दी । आँचल ने भी चुम्बन में उसका पूरा साथ दिया और उसकी नग्न छाती से जा लगी। उसके हाथ आँचल की पीठ सहलाते हुए नीचे को बढ़े ओर उसके नितम्बों को पकड़कर उसको अपने और नज़दीक खींचा । आँचल को उसके लंड का बढ़ता कड़ापन अपने पेट पर महसूस हुआ । उसके चुम्बन प्रगाड़ होते गए और आँचल को साँस लेने में दिक्कत होने लगी ।

आँचल ने अपने होंठ अलग किये और उसके गालों को चूमा , फिर गले और कन्धों को चूमा । उसने अजनबी के बदन से आती कुछ पहचानी सी मरदाना गंध को लम्बी सांस लेकर अपने में भर लिया । वह आँचल के पूरे बदन पर अंगुलियां फिरा रहा था और उसकी तेज होती सांसे आँचल को साफ़ सुनाई दे रही थी । आँचल उसके सीने को चूमते हुए धीरे धीरे नीचे को बढ़ी । उसके पेट पर चुम्बन लिया और घुटनों के बल बैठके अजनबी के पैंट की बेल्ट खोलने लगी । फिर पैंट के साथ अंडरवियर नीचे उतार कर उसका खड़ा लंड आज़ाद कर दिया ।आँचल ने एक हाथ से लंड को पकड़कर सुपाड़े को जीभ से हल्का सा चाटा , अजनबी के मुंह से हलकी सिसकी निकली । आँचल ने फिर से सुपाड़े को चाटा और फिर अपने मुंह में भर लिया ।वो आँचल के बालों में अपनी उँगलियाँ फिराने लगा ।

आँचल लंड को चूमती और चाटती है और अपने मुंह में लंड को अंदर बाहर करती है । वो जितना हो सके उतना उस बड़े और मोटे लंड को मुंह में भरने की कोशिश करती है । कुछ देर बाद वो आँचल का सर अपने हाथों में पकड़ लेता है और उसके मुंह में लंड को अंदर बाहर करने लगता है ।थोड़ी देर ऐसे ही उसका मुंह चोदने के बाद वो आँचल को खड़ा कर लेता है और फिर उसे बेड पर लिटा देता है । उसके होंठ आँचल की गर्दन और गले को चूमने लगते हैं ।अपने गले में उसकी जीभ के स्पर्श से आँचल की सांसे और तेज हो गयीं । आँचल अपने बांहे उसके चौड़े कन्धों पर डाल देती है और अपनी कोमल उँगलियों से उसकी मांसपेशियों को महसूस करती है । अजनबी उसकी ड्रेस को ऊपर करने की कोशिश करता है ।आँचल बेड पर बैठ जाती है और ड्रेस को अपने सर के ऊपर से निकाल देती है। फिर हाथ पीछे ले जाकर अपनी ब्रा के हुक खोलकर, ड्रेस और ब्रा को फर्श पर डाल देती है । और फिर से लेट जाती है ।

वो आँचल के ऊपर झुककर उसके होठों का चुम्बन लेता है और फिर उसके मुंह में जीभ डालकर उसकी जीभ चाटने लगता है ।आँचल उसके चेहरे पर अपनी उँगलियाँ फिराती है ।अजनबी अपने हाथ उसके चिकने सपाट पेट पर फिरते हुए ऊपर को बढ़ाता हैं । उसकी नरम चूचियों की गोलाई को महसूस करता हैं और चूचियों को अपने हाथों से हल्का सा दबाता है । फिर एक ऊँगली और अंगूठे के बीच निप्पल को दबाकर थोड़ा घुमाने लगता है । आँचल के निप्पल उत्तेजना से तन जाते हैं । उसके हाथों के अपने नग्न बदन पर स्पर्श से उसकी उत्तेजना बहुत बाद जाती है । उसकी हलकी सिसकारियां निकलने लगी और उसे अपनी टांगों के बीच गीलापन मह्सूस हुआ । अब उसे और देर बर्दाश्त नहीं हो रही थी । उसकी चूत लंड को लेने के लिए बेताब हो रही थी ।वो अपना हाथ बढ़ाकर उसका लंड पकड़ लेती है और आगे पीछे हिलाने लगती है । अजनबी समझ जाता है और उसकी गीली हो चुकी पैंटी को उतारकर फर्श पर फ़ेंक देता है ।आँचल पीठ के बल लेती हुई घुटने मोड़कर अपनी टाँगें थोड़ा फैला लेती है और उसका इंतज़ार करती है । वो महसूस करती है कि ये कुछ अलग मिज़ाज़ का आदमी है और बिलकुल भी चोदने की जल्दबाज़ी नहीं कर रहा है । जैसा वो समझ रही थी कि औरों की तरह झट से चूत पर टूट पड़ेगा और चुदाई हो जाएगी वैसा कुछ भी नहीं हो रहा था ।उसे समझ आ गया कि इस अजनबी के साथ सेक्स लम्बा खिंचने वाला है ।

वो अजनबी उसके घुटनो के अंदर वाले हिस्से को चूमता है । फिर चिकनी मांसल जांघों को चूमते हुए और अपने हाथ उसकी नरम टांगों पर फिराते हुए ऊपर को बढ़ता है। और फिर अपनी उँगलियों से उसकी प्यासी चूत का स्पर्श करता है । अपनी एक ऊँगली चूत के अंदर डालकर अंदर की गर्मी और गीलेपन को महसूस करता है । आँचल के बदन में कंकापी दौड़ जाती है और उसकी चूत सिकुड़कर उस ऊँगली को जकड लेती है । वो धीरे धीरे ऊँगली चूत में अंदर बाहर करने लगता है । उत्तेजना से आँचल भी अपने नितम्बों को उसी लय में ऊपर को उछालती है । आँचल को महसूस होता है कि वो अब झड़ने ही वाली है । तभी वो अपनी ऊँगली बाहर निकल लेता है और अपने गरम होठों को आँचल के नाजुक अंग पर रख देता है । आँचल को अपनी चूत पर उसकी गरम सांसो का स्पर्श मह्सूस हुआ। तभी उसकी जीभ clitoris को छेड़ने लगती है । आँचल के मुंह से एक लम्बी सिसकारी निकल गयी । वो clitoris को जीभ से बार बार चाटने लगा और फिर जीभ चूत के अंदर डालकर अंदर बाहर करने लगा । आँचल की उत्तेजना बर्दाश्त से बाहर हो गयी और वो अपने नितम्बों को हिलाते हुए छटपटाने लगी ।
फिर उसके मुंह से एक चीख निकली और वो कामतृप्त हो गयी । आह …. कितना आनंद …. कितना सुख ।

अब वो अजनबी उसके बदन को चूमता हुआ ऊपर को बढ़ने लगा । उसकी नरम गोल चूचियों को चूमते हुए उनके ऊपर के निप्पल को अपनी जीभ से छेड़ दिया । फिर उसके गाल , होठ और उसकी पलकों का चुम्बन लिया और एक हाथ से उसके बालों को सहलाने लगा । आँचल ने अपने घुटने थोड़े ऊपर को मोड़ लिए । उसने अपने लंड को चूत के छेद पर लगाया। और एक धक्का देकर सुपाड़ा अंदर घुसा दिया । आँचल ने अपनी फूली हुई चूत की फांकों के बीच छेद में उसके मोटे लंड को अपनी कसी चूत को फैलाते हुए अपने लिए जगह बनाकर अंदर घुसते हुए महसूस किया और उसके मुंह से फिर सिसकारियां निकलने लगी। वो अजनबी आँचल का चुम्बन लेते हुए ही अपना लंड उसकी चूत में तेजी से अंदर बाहर करने लगा । उसके धक्के इतनी तेज होते गये कि आँचल का पूरा बदन बुरी तरह से हिल जा रहा था और उसकी चीखें निकलने लगी । अब वो एक और कामतृप्ति की ओर बढ़ रही थी। चूत की गहराईयों तक घुसते लंड के धक्कों से उसे लगा कि वो अब किसी भी समय झड़ जाएगी ।



कुछ समय तक ऐसे ही चुदाई चलती रही । जब आँचल को लगा कि बस अब उसका पानी निकलने ही वाला है । तभी उसे अपनी चूत में निकलता उसका वीर्य महसूस हुआ वो झड़ चुका था । कुछ पल आँचल के बदन पर ऐसे ही पड़े रहने के बाद उसने अपना लंड चूत के बाहर निकाल लिया । आँचल ने अपने हाथों से उसकी कमर को पकड़कर फिर से अपने से चिपकाना चाहा वह उससे अलग नहीं होना चाहती थी उसकी कामतृप्ति अधूरी रह गयी थी । वो समझ गया , हल्का सा हँसते हुए उसने उसकी उत्तेजना से काँपती चिकनी जांघों पर एक चपत लगायी ओर उसको घुमाकर घुटनो के बल बिठाने लगा । आँचल समझ गयी वो अब डौगी पोज़ में चोदना चाह रहा है वो झटपट कुतिया बन गयी ।

वो एक हाथ उसके नितम्ब पर रखकर दूसरा हाथ उसकी पीठ में स्पाइन के ऊपर फिराता है । फिर दोनों हाथों को उसके हवा में उठे हुए बड़े बड़े गोल नितम्बों पर फिराने लगता है। फिर उसके नितम्बों को चूमकर , चूतरस से भीगे हुए लंड को आँचल की चूत में डाल देता है । फिर उसने आँचल के बालों में अपनी अंगुलियां फंसाकर उसके सर को पीछे खींचा और चूत में धक्के लगाने लगा । आँचल दर्द और आनंद के मिले जुले सागर में गोते लगाने लगी । उसने एक हाथ से आँचल का नितम्ब पकड़ा और दूसरे हाथ से उसके सर के बाल पकड़कर आँचल को पूरी तरह से अपने काबू में करके चूत पर तेज तेज धक्के लगाने लगा । आँचल को महसूस हुआ कि अब वो उसके साथ पहले जैसी नरमी से पेश नहीं आ रहा है । वो अजनबी अब उसके साथ सख्ती से रफ़ सेक्स कर रहा था । तेज तेज धक्कों से उसकी जाँघे आँचल की जांघों से टकरा रही थीं । आँचल फिर से उत्तेजना की चरम सीमा की ओर बढ़ने लगी और फिर दूसरी बार कामतृप्त हो गयी । जबरदस्त ओर्गास्म से उसके घुटने कमज़ोर पड़ गए । उसका बदन काँप उठा ओर उसकी चूत की मसल्स ने लंड को बुरी तरह जकड लिया ।




उसने आँचल के ओर्गास्म को महसूस किया ओर अपने धक्के धीमे कर दिए । फिर जब वो शांत हो गयी तो उसने अपने अंगूठे को थूक से भिगोकर आँचल की गांड के छेद पर दबाया । आँचल के बदन में एक झटका सा लगा । सिकुड़े हुए छेद पर अंगूठा अंदर घुस गया ओर गांड की टाइट मसल्स ने उसके अंगूठे को जकड लिया । आँचल के बदन में सिहरन सी दौड़ गयी । उसने जोर से एक गहरी सांस ली । अब वो अपने अंगूठे को घुमाते हुए गांड में अंदर बाहर करने लगा । आँचल के होठों से एक दर्द भरी सिसकारी निकल गयी । उसने आँचल की गीली चूत से थोड़ा रस लेकर गांड के छेद को थोड़ा और गीला किया । फिर चुतरस से भीगे हुए लंड को चूत से निकलकर गांड के टाइट छेद पर लगा दिया । आँचल ने अपनी गांड के छेद पर उसका सुपाड़ा महसूस किया वो काँप उठी । उसने अपनी गांड को हटाने की कोशिश की लेकिन अजनबी के मजबूत हाथों ने उसको साइड्स पर दबाये रखा और उठने नहीं दिया । वो डरी हुई थी पर उसकी मजबूत पकड़ के कारण कुछ कर नहीं पा रही थी इसलिए वो जल्द ही शांत पड़ गयी ओर जो वो चाहता था उसको करने दिया ।

उसने धीरे धीरे अपने लंड के सुपाडे को उस गहरे रंग के टाइट छेद में घुसा दिया लेकिन लंड मोटा होने के कारण आँचल दर्द से कसमसाने लगी । आँचल का ध्यान दर्द से हटाने के लिए वो एक हाथ की उँगलियों से उसके clitoris को सहलाने लगा । धीरे धीरे उसने अपने लंड को आँचल की टाइट गांड की गहराइयों में जड़ तक घुसा दिया । बीच बीच में आँचल दर्द से कराहती रही । लेकिन उसने उसे नज़रअंदाज़ करते हुए धीरे धीरे पूरा लंड अंदर घुसाकर ही दम लिया। थोड़ी देर तक उसने अपना लंड ऐसे ही रखा ओर उसकी clitoris को सहलाते रहा । जब आँचल का दर्द से कसमसाना बंद हो गया । तब उसने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया । अचानक उसने सुपाड़े की टिप छोड़कर पूरा लंड बाहर निकाल लिया और फिर तेजी से अंदर धांस दिया । आँचल की चीख निकल गयी । वो ऐसे ही तेज तेज धक्के लगाता रहा ।आँचल दर्द और आनंद से सिसकारियां लेती रही । फिर दोनों नितम्बों को हाथ से कसके पकड़कर वो बुरी तरह से आँचल की गांड मारने लगा । आँचल के पूरे नंगे बदन में दर्द की लहरें सी उठने लगी । आँचल की टाइट गांड ने उसके मोटे लंड को ऐसे जकड़ रखा था कि उसे इतना अच्छा पहले कभी भी महसूस नहीं हुआ था , जितना मज़ा उसे आँचल की गांड मारने में मिल रहा था ।

वो इतनी जोर से और तेजी से धक्के लगाने लगा कि आँचल अपने घुटनो के बल टिक नहीं पायी और धीरे धीरे अपने पेट के बल गिर पड़ी । वो भी उसी के साथ आगे झुक गया और उसकी गांड मारते रहा । उत्तेजना में भरकर वो आँचल की टाइट गांड को चोदते रहा । आँचल बेड पर पड़ी रही , उसकी चीखें निकलती रही ।उसे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसको पीछे से चीर दिया हो ।पहले किसी ने भी उसके साथ इतना रफ़ सेक्स नहीं किया था , जितना इस समय ये अजनबी कर रहा था ।उसे अजनबी ने किसी रंडी की तरह मनमर्जी से रगड़ के चोद दिया था ।




धीरे धीरे उसकी कराहें सिसकारियों में बदलते गयीं और फिर उसका बदन अकड़ गया । उसको तीसरी बार जबरदस्त ओर्गास्म हुआ । तभी उस अजनबी को भी लगा कि वो झड़ने वाला है उसने अपना लंड गांड से बाहर निकाल लिया फिर उसने आँचल को पलटकर उसके मुंह में वीर्य की धार पर धार छोड़ दी । आँचल का मुंह उस गाड़े सफ़ेद वीर्य से भर गया और उसकी साँस गले में ही अटक गयी ।
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