RE: Desi Sex Kahani मेरी प्रेमिका
मैने देखा कि उसकी चूत ने अपना मुँह खोला और उनका लंड धीरे
धीरे अंदर गायब होने लगा.
"ऑश पिटाअजी मुज्ज़झे बहूओत दर्द हो रहा है, ये मेरी चूत को
फाड़ देगा ओह आआअँ." सुजाता दर्द मे कराही.
दर्द उसके चेहरे पर सॉफ दिखाई दे रहा था, उसने अपने होठ दांतो
मे दबाए और दर्द सहन करते हुए उनके लंड को अपनी चूत मे लेने
लगी. प्रियंका आँखे फाड़ अपनी बेहन की चूत देख रही जो उसके
पिताजी की विशाल लंड को निगल रही थी. वो मेरा लंड भी चूसना
भूल गयी थी.
जब पिताजी का पूरा लंड उसकी चूत मे घुस चुका था उसके चेहरे पर
थोड़ी राहत नज़र आई, "हे भागवान कितना अच्छा लग रहा है,
आज तक मुझे अपनी चूत इतनी भरी हुई कभी नही लगी."
"हाआँ डार्लिंग बेटा मुझे भी बहूत अच्छा लग रहा है, तुम्हारी
चूत कितनी कसी हुई है. तुम्हारी चूत का दबाब अपने लंड
पर कितना अच्छा लग रहा है." उसके पिताजी ने कहा.
"आअब चूऊदिए मुझे पित्त्टाआजी जूऊर जूओर से चूओदिए,"
सुजाता ने कहा.
अब वे चुदाई करने लगे. सुजाता उछल उछल कर धक्के मार रही थी,
पर वो इस बात का ध्यान रख रही थी कि फिसल कर लंड उसकी कसी
चूत से बाहर ना निकल पड़े.
मैने भी ये नज़ारा देख कर काफ़ी गरम हो गया था, मैने तुरंत
अपने कपड़े उतारे और प्रियंका भी नंगी हो गयी. मैने प्रियंका को
घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत मे अपना लंड डाल अंदर बाहर
करने लगा.
मैने पीछे से प्रियंका को चोद्ते हुए सुजाता की चुदाई भी देख रहा
था. मैने उसकी चुचियों को पकड़ा और जोरों से मसल्ने लगा.
प्रियंका की चूत भी काफ़ी गीली और खुली हुई लग रही थी, अगर मे
उसकी चूत को अपने वीर्य से भर देता हूँ तो वो भी अपने पिताजी का
लंड आसानी से अपनी चूत के अंदर ले लगी.
एक तो सुजाता अपने पिताजी से चुदवा रही थी, उपर से उसकी बेहन की
गरम चूत मेरे लंड को ले रही थी, इस एहसास ने मेरे लंड को इतना
तन्ना दिया कि मेरा वीर्य नसों मे उबाल मारने लगा. इतना उत्तेजित
में अपनी जिंदगी मे कभी नही हुआ था.
"सुजाता बेटा, जब मेरा लंड तुम्हारी चूत मे झाडे में तुम्हारा
चेहरा देखना चाहता हूँ." उसके पिताजी ने कहा.
उत्तेजना मे उसके पिताजी का चेहरा लाल हो गया था. सुजाता उनके उपर
से उठी और बिस्तर पर लेट गयी. उसके पिताजी एक बच्चे की तरह
उछल कर उसकी टाँगो के बीच आ गये अपना लंड फिर से अपनी बेटी की
चूत मे जड़ तक घुसा दिया.
"ओह पिताजी मुझे आपके लंड से प्याअर हो गया है, ओह किस
तरह आअपका लंड मेरी चूओत को भर रहा है…..ओह छोड दीजिए
अपना पानी मेरी चूत मे, भर दीजिए आआअज इसे." सुजाता सिसक
रही थी.
"हां बेटा थोड़ाआ सा साआबरा कर लो मेरा छूटने ही वाअला है."
कहकर उसके पिताजी ने अपने आप को इस अंदाज़ मे किया कि सुजाता ने
अपनी टाँगे उनके कंधों पर रख दी.
अब उनका लंड उसकी चूत की गहराइयों को और अच्छी तरह नाप रहा
था, "ओह अहह पिताआआआआजी मेरा चूऊऊथने
वाला है" सुजाता जोरों से सिसक रही थी.
सुजाता के पिताजी ने अपनी बेटी का साथ दिया और उसकी चूत मे अपना
वीर्य छोड़ने लगे. सुजाता की चूत वीर्य से भर गयी थी, उसी वीर्य
से जिसकी बदौलत वो इस संसार मे आई थी.
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