RE: Desi Sex Kahani मेरी प्रेमिका
सोनाली के पिताजी सोनाली के कमरे की ओर बढ़ रहे थे. वो अपने कमरे
मे नही थी, उसके कपड़े चारों ओर कमरे मे फैले हुए थे. "सोनाली
कहाँ हो तुम?" वो ज़ोर से चिल्लाए.
"में बाथरूम मे हूँ." सोनाली ने जवाब दिया.
उसके पिताजी ने बाथरूम मे कदम रखा, जो उसके कमरे के पास मे
था. सोनाली टाय्लेट सीट पर बैठी अपने पौन के नाख़ून काट रही
थी. सोनाली अभी अभी नहा कर नकली थी, उसने सिर्फ़ अपनी पैंटी
पहन रखी थी.
"पिताजी मैने कपड़े नही पहन रखे," सोनाली ने शरमाते हुए कहा.
"तुमने मुझसे वादा किया थी कि मेरी पीठ की मालिश करोगी. मेरे
कंधे और पीठ आज बुरी तरह दुख रहे है." उसके पिताजी ने कहा.
"पिताजी सिर्फ़ थोड़ी देर रुक जाइए फिर मे मालिश कर देती हूँ."
सोनाली ने कहा.
"बेटा बहोत दर्द हो रहा है, मुझसे सहा नही जा रहा. थोड़ी सी
मालिश कर दोगि तो दर्द चला जाएगा. अब करो ना तुम्हारी माँ भी
बराबर कर देती थी, और आज तो उमा भी नही आई. कपड़े पहनने की
चिंता मत करो. मैने तुम्हारी चुचियाँ पहले भी देख चुका हूँ,
याद है ना तुम्हे."
इतना कह कर सोनाली के पिताजी बेडरूम की ओर बढ़ गये, उम्मीद कर
रहे थे कि सोनाली उनके पीछे पीछे आ रही होगी. पिताजी बिस्तर पर
जाकर लेट गये और कमरे का दरवाज़ा खुला रहने दिया, "तुम आ रही
हो कि नही?"
सोनाली ने ज़ोर की गहरी साँस ली. उसके पिताजी किसी भी बात का थोड़ा
भी इंतेज़ार नही कर सकते थे, वो ये बात जानती थी. अच्छा है कि
वो वहाँ चली जाए वरना वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते रहेंगे.
सोनाली बाथरूम से अपने कमरे की ओर बढ़ी. वो नंगी रहकर अपने
पिताजी की पीठ की मालिश नही करना चाहती थी, इसलिए वो पहनने के
लिए कोई शर्ट देखने लगी. उसने ज़मीन पर पड़ी एक टी-शर्ट उठाकर
पहन ली. उसने ब्रा पहनने की कोशिश नही की आख़िर वो उसके पिताजी
थे, क्या फरक पड़ता है.
सोनाली बेडरूम मे पहुँची तो देखा कि पिताजी पेट के बल पीठ उपर
किए लेटे थे. वो अपने कंधों और पीठ की मालिश करने को तय्यार
थे. पिताजी ने सिर्फ़ अंडरवेर पहन रखी थी. तेल की बॉटल देब के
साइड मे रखी हुई थी.
सोनाली झुक कर तेल की शीशी उठाने लगी, उसकी चुचियाँ उसके
पिताजी के चेहरे से कुछ ही दूरी पर थी. पर उसे इसकी परवाह नही
थी, वो पिताजी के बगल मे बैठ कर उनकी पीठ पर तेल मलने लगी.
"ज़रा ज़ोर से मसलो बेटी, मुझे कुछ महसूस ही नही हो रहा है."
पिताजी बोले.
"ठीक है बुड्ढे में और ज़ोर से मसल्ति हूँ," सोनाली ने मन ही मन
कहा और जोरों से तेल मसल्ने लगी.
"हां अब मुझे अच्छा लग रहा है, ऐसा लग रहा है कि मेरा दर्द
गायब होता जा रहा है." पिताजी बोले.
सोनाली मालिश करती रही. पर उसे पिताजी के कंधों की मालिश
करने मे तकलीफ़ हो रही थी, कारण कि कंधों तक उसके हाथ नही
पहुँच रहे थे और ऐसा करने के लिए उसे अपनी छाती पिताजी की
पीठ से रगड़नी पड़ रही थी.
"क्या हुआ सोनाली तुम रुक क्यों गयी?" पिताजी ने पूछा.
"मेरा हाथ आपके कंधों तक नही पहुँच रहा है." सोनाली ने
जवाब दिया.
"मेरी पीठ पर बैठ कर मेरे कंधों की मालिश करो, तुम्हारी माँ
ऐसे ही किया करती थी." पिताजी थोड़ा मुस्कुरा कर बोले.
सोनाली एक गहरी साँस लेकर पिताजी की पीठ पर बैठ गयी. उसके
कूल्हे पिताही के कुल्हों पर थे, और दोनो टाँगे उनके बदन के अगल
बगल रखी हुई. सोनाली उनके कंधों पर तेल मसल्ने लगी.
"हां बहोत अच्छा लग रहा है, थोड़ा नीचे की ओर मसलो?" पिताजी
ने कहा.
सोनाली उनकी पीठ की पूरी तरह से करीब 15 मिनिट तक मालिश करने
लगी. सोनाली को उसके पिताजी की पीठ अच्छी लग रही थी, चौड़े और
मजबूत कंधे उसे आकार्षित कर रहे थे. उनके गतीले शरीर को
देख कोई कह नही सकता था कि वो 50 साल के हो गये थे. वो थोड़ा
नीचे की और मालिश करने लगी.
"हां यही, थोड़ा और नीचे. पाज ज़रा संभलकर, मेरी अंडरवेर पर
तेल ना लगने पाए, उसकी बदबू मुझे अच्छी नही लगती."
सोनाली ने पिताजी की अंडरवेर को थोड़ा नीचे खिसकाने की कोशिश की
पर वो ऐसा कर नही पाई, कारण उसके हाथ तेल से भरे पड़े थे इस
वजह से उनकी अंडरवेर पर तेल लग सकता था.
"पिताजी मेरी थोड़ी मदद करिए ना." सोनाली ने कहा.
पिताजी ने साइड से अपनी अंडरवेर पकड़ी और थोड़ा नीचे की ओर खिसका
दी. उनकी अंडरवेर अब उनकी गान्ड से थोड़ा नीचे को हो गयी थी.
सोनाली अपने पिताजी की बालों से भरी गान्ड को देख रही थी, उसकी
समझ मे नही आ रहा था कि कैसे शुरू करे.
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