RE: Desi Sex Kahani मेरी प्रेमिका
में बड़ी मुश्किल से खुद को खड़ा रख पा रहा था. मेरी पॅंट मेरी
टाँगो मे फँसी हुई थी जिससे खड़े होने मे तकलीफ़ हो रही थी, में
करीब लड़खड़ा गया और मेने दीवार का सहारा लेने की कोशिश की
पर में ज़मीन पर गिर पड़ा. सोनाली ज़ोर से हँसने लगी. में ज़मीन
पर गिरा पड़ा था और मेरा लंड तन कर सीधा खड़ा था.
"चलो उठो और इन कपड़ो को उतार दो?" सोनाली ने हंसते हुए कहा.
में अपने बेडरूम मे गया और कपड़े उतारने लगा. मेरे कपड़े पसीने
से भीगे हुए थे. कपड़े उतार जब में नंगा हॉल मे पहुँचा तो
सोनाली किचन मे चाइ बना रही थी.
"तुम्हे नंगा देख कर मुझे अच्छा लग रहा है." सोनाली ने कहा.
"तुम चाइ बनाओ तब तक में नहा कर आता हूँ." मेने उसके गालों
को चूमते हुए कहा.
शवर की नीचे नहाते हुए ठंडा पानी बदन पर अच्छा लग रहा
था. मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे सारे पाप धूल रहे हैं पर ऐसा
नही था. माना सोनाली का मेरे पास होना मुझे अच्छा लग रहा था पर
में गायत्री और उसके प्यारे बदन को भी भुला नही पा रहा था.
हमारा साथ गुज़रा वक्त और वो चुदाई मुझे याद आ रही थी. और इस
ख़याल ने मेरे लंड को और गरमा दिया.
में अपने बेडरूम मे पहुँचा तो देखा कि सोनाली नंगी बिस्तर पर
लेटी हुई थी और उसकी दो उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर बाहर हो रही
थी.
"ऊवू तुम एयेए गये, जल्दी से आआओ. इस टवल को फैंको अओर मेरी
चूत मे अपना लंड डाल मुझे जोरों से चोदो." सोनाली सिसकते हुए
बोली.
में उछल कर उसकी टाँगो के बीच पहुँच गया. पर अपना लंड उसकी
चूत मे डालने के बजाय में पहले उसकी चूत चूसना था. में अपनी
जीब उसकी चूत के मुँह पर फिराने लगा. मेने दोनो हाथों से उसकी
चूत को थोड़ा फैलाया और अपनी जीब उसके अंदर बाहर करने लगा.
"ऑश हाां चहतो आईसससे ही बहूत अच्छा लग रहा हाऐी."
सोनाली सिसक पड़ी.
अब में उसकी चूत को मुँह ने भर चूस रहा था. साथ ही में अपनी
जीब उसकी चूत मे गोल गोल घूमा रहा था.
"ओह हााअ और चूऊवसूओ और जूऊओर सीई."
सोनाली की चूत बहोट ही प्यारी और रस भरी थी. में कस कर उसकी
चूत को चूस रहा था. उसकी चूत से बहते रस का स्वाद मुझे
बहोत ही अच्छा लग रहा.
उसकी चूत को चूस्ते हुए मेने अपनी एक उंगली उसकी गान्ड के छेद पर
घूमाने लगा. फिर मेने धीरे से उंगली को अंदर डाल दिया. फिर
धीरे से बाहर खींच फिर अंदर पेल दी. अब में अपनी उंगली को उसकी
गान्ड के अंदर बाहर कर रहा था.
"ओह राआाज तुम क्यूऊन चाले गाए थे…….मेने तुम्हे कितना
मिस्सस्स किया हाां चूवसो औरर्र जूऊओर सीए चूवस्सो और मेराअ
पानी चूऊड़ा दूओ." सोनाली उत्तेजना में अपने कूल्हे उठा सिसक रही
थी.
सोनाली की चूत पानी छोड़ने लगी. उसकी चूत ने इतना पानी छोड़ा की
रस बह कर उसकी गान्ड तक आ गया. मेरी उंगली और आसानी से अंदर
बाहर होने लगी. अब में उसकी चूत को चूस्ते हुए हल्के हल्के
दांतो से काटने लगा. सोनाली और उत्तेजित हो गयी, काम इच्छा मे वो
अपनी टाँगे इधर उधर हिला रही थी.
सोआंलि ने मेरे बालों को पकड़ा और मुझे अपने उपर खींच
लिया, "ओ राअज अब में नही रुक सकती. अपने मोटे और लंबे लंड
को मेरी चूत मे डालकर मुझे जोरो से चोदे."
जो वो चाहती मेने उसे देने का फ़ैसला कर लिया. मेने उसकी दोनो
चुचियों को पकड़ा और उसकी आँखों मे देखते हुए अपने लंड को उसकी
चूत पर रख दिया. मेने हल्के से ज़ोर लगाया तो मेरा लंड उसकी
चूत मे इस तरह घुस गया जैसा की छुरी माखन मे घुसती है.
मेने और थोड़ा ज़ोर लगाया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत मे घुस
गया.
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