RE: Desi Sex Kahani मेरी प्रेमिका
"में जानता हूँ डार्लिंग, पर मुझे वापस आने मे तो अभी एक महीना
बाकी है. तुम ऐसा करो अपनी बेहन से उसका नक़ली लंड उधार माँग
लो, वैसे भी तुम्हे उससे मज़ा आ रहा था उस दिन." मेने मज़ाक
करते हुए कहा.
"हां आया तो था, पर वो नकली लंड तुम्हारे असली लंड जैसा मज़ा
थोड़ी देगा." सोनाली ने कहा.
"मेने जानता हूँ, पर इतनी दूर बैठा में इससे ज़्यादा कुछ कर भी
नही सकता. वैसे भी मेरे ना होने पर और कई लोग तो हैं जो तुम्हारी
प्यास बुझा सकते है." में थोड़ा झल्लाते हुए बोला.
"तुम कहना क्या चाहते हो?" सोनाली ने पूछा.
"देखो ना में वहाँ पर नही हूँ तो भी तुम अपने परिवार के साथ
चुदाई के मज़े ले रही हो. में यहाँ पर अकेला तड़प रहा हूँ.
जैसे तुमने बताया उस दिन तुमने प्रियंका के साथ सेक्स का मज़ा लिया
और अब ये ना कहना कि विजय तुम्हारी मदद करने को तय्यार नही है."
मेने कहा.
"राज अब तुम हद से बाहर जा रहे हो?" सोनाली ने कहा.
"मेने तो तुम्हे सच कहा है और तुम्हे बुरा लग रहा है." मेने भी
गुस्से मे जवाब दिया.
"तो तुम्हारे कहने का मतलब ये है कि में अपनी बेहन और भाई से ये
जाकर कहूँ कि मेरी चूत की प्यास बुझा दो? क्या ये तुम्हे अच्छा
लगेगा?" सोनाली भी गुस्से मे बोली.
मुझे भी गुस्सा आ रहा था, और में इतना थका हुआ था कि उसकी इस
बकवास सुनने का मन नही था. "हां मेरा कहने का मतलब यही है,
क्यों ना तुम और प्रियंका साथ मे विजय के लंड से चुदवा लेती हो?"
सोनाली भी जोरों से गुस्से मे बोली, "हां अब मे यही करूँगी, और
शायद पिताजी भी हम लोगों को चुदाई करते देखें. तुम्हे तो मुझसे
या मेरी परेशानी से कोई मतलब है नही? है ना!"
"हां!" मेने कहा और गुस्से मे फोन पटक दिया. अपने गुस्से को
शांत करने के लिए मे बाथरूम मे ठंडे पानी के नीचे नहाने लगा.
जब मेरा गुस्सा थोडा शांत हुआ तो मुझे लगा कि मेने ग़लती की है,
मुझे सोनाली से इस तरह बात नही करनी चाहिए थी. आख़िर वो
मुझसे प्यार करती है. शायद काम के बोझ ने मेरे दिमाग़ को
खराब कर दिया था.
मेरा काम बहोत ही अच्छा चल रहा था. डाइरेक्टर मेरे काम से काफ़ी
खुश था, पर मेरे सामने दो समस्याएँ थी. एक तो में और गायत्री
करीब करीब हर वक़्त साथ होते थे. वो फिर से हमारे पुराने
रिश्तों को जगाना चाहती थी. में भी उसकी और आकर्षित होता जा
रहा था.
दूसरी समस्या सोनाली और उसके परिवार को लेकर थी. उनके परिवार की
चुदाई की दास्तान मुझे परेशान कर रही थी. अपने भाई विजय से
भूल से एक बार चुदवाना अलग बात है, पर फिर हम दोनो ने उसे
साथ साथ चोदा. वो अपनी बेहन के साथ सोती है, और अब उसने अपने
पिताजी को नौकरानी से लंड चूस्वाते देखा. उसके परिवार मे ये क्या
हो रहा है? क्या सब के सब चुदक्कड है.
|