RE: Desi Sex Kahani मेरी प्रेमिका
"बड़ा नही काफ़ी बड़ा है. मेने इतना बड़ा लंड अपनी जिंदगी मे कभी
नही देखा. मुझे नही लगता कि वो लंड मेरे छोटे हाथों की मुट्ठी
मे भी आ पाएगा क्या?" सोनाली ने कहा.
"तुम कहीं ये तो नही कहना चाहती हो कि तुम उस लंड को अपने हाथों
मे लेना चाहती हो?" प्रियंका ने पूछा.
सोनाली उसकी बात सुनकर शरमा गयी. "बेशर्म कहीं की! तभी
हमारी प्यारी नौकरानी उमा जो तीस साल की है कमरे मे आई और
बिना कुछ कहे पिताजी के सामने ज़मीन पर बैठ गयी. फिर उसने
पिताजी के लंड को मुँह मे लिया और चूसने लगी. उनके लंड को अपने
मुँहे मे भींच वो इस कदर चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपोप चूस
रही हो."
क्या बताऊ प्रियंका उसे देख ऐसा लग रहा था कि उसे भी काफ़ी मज़ा
रहा है. "उमा का मुँह उपर नीचे होते हुए जोरों से पिताजी का लंड
चूस रही थी. तभी पिताजी ने उसके सिर को अपने हाथों मे पकड़ कर
स्थिर कर दिया. में उस नज़ारे को देख नही पा रही थी पर कसम
से उस मोटे लंड को देख कर मेरी चूत तभी गीली हो गयी थी."
"सोनाली तू बड़ी कुत्ति है, पिताजी का लंड देखने से तुम्हारी चूत
गीली हो गयी." प्रियंका ने हंसते हुए कहा.
"हां में जानती हूँ कि ये ग़लत है, पर में इसमे क्या कर सकती
थी." सोनाली ने अपने मन की बात बताई.
प्रियंका ने अपना एक हाथ सोनाली की जांघों पर रख दिया और
बोली, "चिंता मत करो. जब मेने पहली बार उमा को पिताजी का लंड
चूस्ते देखा था तो मेरी भी ऐसी ही हालत हो गयी थी. में इतना
गरमा गयी थी कि घंटो में अपनी उंगली चूत के अंदर बाहर करती
रही."
"हां मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था. बाल्कनी मे पिताजी से कुछ देर
के फ़ासले पर में अपनी चूत को मसल रही थी. मेरा पानी छूटने
ही वाला था कि मेने देखा कि पिताजी उमा के मुँह को जोरों से चोद
रहे थे. उनका भी छूटने वाला है ये उनके चेहरे के भावों से
पता चल रहा था."
प्रियंका सच कहूँ उमा को देख कर भी यही लग रहा था कि उसे भी
मज़ा आ रहा था. इतनी देर तक लंड चूसने से उसके भी जबड़े दुखने
लगे होंगे पर वो उसकी रफ़्तार से लंड को चूसे जा रही थी.
"तभी पिताजी ने अपने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और अपने वीर्य की
पिचकारी उसके मुँह मे छोड़ने लगे. उमा बड़ी मुश्किल से उस वीर्य को
निगल पाई, कुछ वीर्य उसके मुँहे के किनारों से बहने लगा. उसकी
गर्दन से होते हुए उसकी कमीज़ पर गिर रहा था."
"प्रियंका एक बार तो मे घबडा गयी थी, हुआ ये कि जब पिताजी का
पानी छूट रहा था उस वक़्त उनकी निगाहें मेरी ओर थी और मुझे
लगा कि वो मुझे ही देख रहे है. में ज़मीन पर झुक गयी."
"पिताजी ने जब अपना पूरा वीर्य उसके मुँह मे उगल दिया तो उमा उनके
लंड को अपने मुँह के बाहर निकाल इस तरह चाटने लगी जैसे वो कोई
आइस्क्रीम कोन हो. मेने अपने आपको संभाला और दौड़ते हुए अपने
कमरे मे आ गयी. बिस्तर पर गिर कर मेने अपना गाउन उतारा और अपनी
पैंटी को नीचे खिसकाते हुए अपनी तीन उंगलियाँ अपनी चूत मे डाल
अंदर बाहर करने लगी."
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