RE: Desi Sex Kahani मेरी प्रेमिका
स्क्रीन पर सोनाली उस नकली लंड को मेरी गान्ड पर रगड़ रही थी जब
में उसकी बेहन प्रियंका को चोद रहा था.
"क्या सही में सोनाली ने वो लंड तुम्हारी गान्ड मे घुसा दिया था?'
विजय ने पूछा.
"नही उसने सिर्फ़ थोड़ा सा अंदर घुसाया था और तभी मेरे लंड ने
पानी छोड़ दिया था." मैने जवाब दिया.
जब टेप ख़त्म हो गयी विजय मेरी तरफ घूम कर मुझसे पूछा, "राज
तुमने कभी सोचा है कि अगर एक लड़का दूसरे लड़के को चोदे तो कैसा
लगेगा?"
"हां कई बार मैने इस पर सोचा है, ख़ास तौर पर जब चुदवाते
वक़्त जब सोनाली मेरी गान्ड में अपनी उंगली घुसाती है, तब मेरे
मन मे आता था कि काश कोई मेरी गान्ड में लंड डाल दे." मैने
कहा.
"मुझे भी कई बार ऐसा ही लगा, एक राज की बात बताऊ?" विजय ने
कहा.
मैने अपना लंड रगड़ना बंद किया और उसकी तरफ देखने लगा कि वो
क्या कहना चाहता है." मैने अपनी गर्दन हां मे हिला दी.
"मूठ मारना बंद मत करो, अच्छा लगता है." विजय ने कहा.
विजय ने बताया कि किस तरह उसकी एक गर्लफ्रेंड ने नकली लंड अपनी
कमर पर बाँध उसकी गान्ड मारी थी. उसकी ये बात सुनकर में और
उत्तेजित हो गया और अपने लंड जोरों से रगड़ने लगा.
"सही मे उसने ऐसा किया, तुम्हे कैसा महसूस हुआ उस वक़्त?" मैने
पूछा.
"पहले तो बड़ा अजीब सा लगा पर मज़ा भी बहुत आया. हमेशा
चुदाई के वक़्त मुझे सब चीज़ अपने हाथों मे रखना अच्छा लगता
है, पर पहली बार उस दिन मुझे लगा कि में किसी और के हाथों मे
हूँ." विजय ने कहा.
"मुझे पता है." सही मे उस वक़्त का नज़ारा सोच रहा था जब
बाथरूम के बाहर विजय ने अपनी बेहन सोनाली को चोदा था.
"तुम्हे मेरे और सोनाली के बारे मे जान कर बुरा तो नही लगा ना
राज?" विजय ने थोड़ी चिंता दिखाते हुए पूछा.
"नही बिल्कुल बुरा नही लगा पर में तो कहूँगा जिस तरह सोनाली ने
मुझे बताया, में जब भी उस वाकये को याद करता हूँ मेरा लंड
तूरंत खड़ा हो जाता है." मैने कहा.
"सोनाली बहुत अच्छी लड़की है, में तो कहूँगा कि उस जैसी चूत
मैने आज तक नही चोदि." विजय ने कहा.
फिर विजय ने मेरी तरफ देखा और मेरे लंड पर से मेरा हाथ हटा
दिया. उसने सीधे मेरी आँखों मे देखा और अचानक मेरे लंड को
मसल्ने लगा. पहले वो धीरे धीरे करता रहा फिर अपनी रफ़्तार
बढ़ाते हुए मुझे ज़ोर से मुठियाने लगा. आज किसी लड़के के हाथों
लंड मुठियाने मे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मेरे लंड को मूठ मारते हुए उसने पूछा, "राज क्या इसके पहले कभी
किसी लड़के से मूठ मरवाई है?"
"हां स्कूल के दिनो मे, मेरा एक दोस्त था. हम अक्सर एक दूसरे के
लंड को मुठियाते थे." मैने जवाब दिया.
"बात सिर्फ़ मूठ मारने तक ही रही या इससे भी आगे बढ़ी थी?" उसने
पूछा.
"नही इसके आगे कुछ नही हुआ." मैने कहा.
विजय ने अपने हाथों की गिरफ़्त मेरे लंड पर बढ़ा दी और ज़ोर ज़ोर से
रगड़ने लगा. मेरा पानी छूटने वाला था. उसने मेरी तरफ देखा
जैसे उसे मेरी हालत का पता हो, "राज तुम्हे पता है में क्या करना
चाहता हूँ?"
"कयय्याअ?" मेरी साँसे तेज हो रही थी जिससे मुझे कहा नही जा रहा
था. विजय मेरे पास आ गया उसकी गरम साँसे मेरी सांसो से टकरा
रही थी.
"में एक बार फिर सोनाली को चोदना चाहूँगा. मेरे इस मोटे लंड से
उसकी चूत फाड़ना चाहता हू. अगर तुम चाहो तो हम दोनो मिलकर उसकी
चुदाई कर सकते है." उसने कहा, उसकी आँखों मे खुमारी भरी हुई
थी, और अपने बाँये हाथ से मेरे लंड को और जोरों से मुठियाने लगा.
दाएँ हाथ से वो मेरे लंड की गोलाईयों को मसल्ने लगा और उसी वक़्त
मेरा पानी छूट गया.
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