RE: Desi Sex Kahani मेरी प्रेमिका
सोनाली अपनी कुर्सी से उठी और लिविंग रूम मे चली गयी. वो आपस
आई तो उसके हाथ मे एक 12'इंची नकली लंड था, जो दिखने मे एकदम
असली लंड जैसा लग रहा था. वही सुपाडे का आकार बना हुआ था और
नसे भी वैसे ही तनती दिखाई दे रही थी.
"सोनाली अब इस नकली लंड को अपनी चूत मे घुसाओ और खुद की चुदाई
करो?" प्रियंका ने कहा.
सोनाली वापस कुर्सी पर बैठ गयी और मेरी तरफ देखने लगी, वो
ऐसे मेरी तरफ देख रही थी जैसे मुझसे इज़ाज़त माँग रही हो.
मैने मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखा.
सोनाली अब उस नकली लंड को अपनी चूत मे घुसाने लगी, "हाआँ
सोनाली और अंदर तक घुसाओ हाआँ." प्रियंका चिल्ला रही थी.
सोनाली ने अपनी दोनो टाँगे उठा कर कुर्सी के हत्थे पर रख दी जिससे
उसकी चूत और फैल गयी. अब वो उस डिल्डो को जोरों से अपनी चूत के
अंदर बाहर कर रही थी.
"सोनाली अब थोड़ी देर व्यस्त रहेगी." कहकर प्रियंका ने मेरे लंड को
अपने मुँह मे ले लिया. मुझे ऐसा लगा कि में जन्नत मे पहुँच गया
हू. वैसे वो लंड चूसने मे इतनी माहिर नही थी, फिर भी उसकी जीब
का स्पर्श मुझे पागल किए जा रहा था.
में पिछले दिनो की बातें याद करने लगा, अच्छा ही हुआ कि प्रियंका
ने सोनाली और विजय को चुदाई करते देख लिया, तभी तो मुझे
प्रियंका की चूत चोदने को मिल रही थी.
मेरा लंड चूसने के बाद प्रियंका मुझसे बोली, "राज अब नही रहा
जाता जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मे डाल मुझे चोदो. में तुम्हारे
वीर्य को अपनी चूत मे महसूस करना चाहती हूँ."
प्रियंका अब घोड़ी बन गयी, मुझे उसके मोटे और भरे कूल्हे अच्छे
लग रहे थे. उसकी गान्ड की गोलाइयाँ सोनाली की गान्ड से बड़ी
थी. "क्या सोच रहे हो राज, जल्दी से मेरी इस गीली और गरम छूट मे
अपना लंड दल दो, डालो ना." प्रियंका अपनी छूट पर हाथ फेरते हुए
बोली.
मैने अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रखा और धीरे धीरे
अंदर घुसाने लगा. में इस मौके का पूरा लुफ्ट उठाना चाहता था
कारण मुझे मालूम था कि सिर्फ़ आज ही में प्रियंका की चूत चोद
सकता हूँ भविश्य मे मुझे ये मौका नही मिलने वाला.
में उसके चुतडो को सहलाते हुए इंच दर इंच अपना लंड उसकी चूत
मे घुसा रहा था. जब मेरा पूरा लंड उसकी चूत मे घुस गया तो
मैने अपने आपको वैसे ही रहने दिया और उसकी चूत की गहराइयों को
मापने लगा.
जब मैने सोनाली को ज़ोर से सिसकते सुना तो उसकी बेहन की चूत मे
धक्के मारने लगा. अब में पागलों की तरह प्रियंका की चूत मे अपना
लंड अंदर बाहर कर रहा था.
प्रियंका भी जोरों से सिसक रही थी, उसकी चिल्लाहट पूरे कमरे मे
गूँज रही थी, "हाां राआज फाड़ दो मेर्र्रिई चूऊओट को
आाज, ऑश अयाया चूओडू कस के चूओड़ो ऑश और जूऊओरों से."
में पूरी ताक़त से जानवरों की तरह उसकी चूत की धुनाई कर रहा
था, "ओह्ह्ह राज सोनाली को देख रहे हो या मेरी चूत मार रहे हो,
जोरों से मारो ना?" प्रियंका ने कहा.
मैने उसकी बात का जवाब तो नही दिया पर उसकी चूतर्डों पर थप्पड़
मारने लगा. में थप्पड़ मारते हुए उसे चोद रहा थे. उसके चुतड
मार से लाल हो गये थे. शायद उसे भी अच्छा लग रहा था, वो मेरे
हर धक्के का साथ अपने चुतड पीछे कर दे रही थी.
"हाआँ राआज चूऊओददूऊव" वो सिसक रही थी, "ओह हाआँ
चूओद दो अपना पानी आअज मेरी चूऊत की प्याअस बुझा दो."
हमारी हालात देख सोनाली ज़्यादा ही गरमा गयी थी, वो जोरों से नकली
लंड को अपनी चूत मे अंदर बाहर कर रही थी, उसे अब कोई फरक
नही पड़ता था कि उसका प्रेमी उसकी बेहन को चोद रहा है, या उसकी
बेहन ने उसे ब्लॅकमेल किया है.
सोनाली अपनी कुर्सी से उठ कर हमारे बिस्तर के पास आकर खड़ी हो
गयी, वो बेहन को चुदते पास से देखना चाहती थी शायद.
"मेरी प्यारी छोटी बहना, क्या तुम नही चाहोगी कि तुम्हारा प्रेमी मेरी
चूत मे अपना पानी छोड़े, ठीक उसी तरह जिस तरह विजय ने तुम्हारी
चूत मे पानी छोड़ा था."
सोनाली अपनी गर्दन हिलाते हुए मेरे पीछे आ गयी और मेरे चूतर्डो
पर थप्पड़ मारने लगी, "हाां चूऊड़ो इसस्सस्स और चूऊओद दो अपने
वीर्य की पिचकारी इसस्सकी चूऊत मे."
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