RE: Desi Sex Kahani मेरी प्रेमिका
"राज मैने देखा कि में प्रियंका जहाँ काम करती है, उस दुकान की
और बढ़ रही हूँ. मैं उसे वहाँ से तुम्हारे पास लाना चाहती थी
जिससे तुम उसे चोद सको. जब में दुकान में घुसी तो मुझे दुकान एक
दम सुनसान दिखाई पड़ी, पर एक शेल्फ के पीछे से कुछ आवाज़ें आ
रही थी. जब में उस शेल्फ के पास पहुँची तो देखती हूँ कि तुम
वहाँ घोड़ी बनी प्रियंका को पीछे से चोद रहे हो." सोनाली ने कहा.
"अच्छा…………फिर क्या देखा तुमने?" मैने पूछा.
"तभी मैने देखा कि दो हाथों ने पीछे से मेरे मम्मो को पकड़ लिया
है. फिर उन हाथों ने मेरी शर्ट खोल दी. मैने घूम कर पीछे
देखा तो पाया राकेश मेर पीछे खड़ा है और जैसे कह रहा हो कि वो
आज मुझे चोद के छोड़ेगा." सोनाली थोड़ी सांस लेते हुए बोली.
"मैने उसके हाथों से अपने मम्मे छुड़ाए और वहाँ से भाग ली. दौड़ते
वक़्त मेरी चुचियों मेरे नंगे सीने पर उछल रही थी. पर पता
नही इससे पहले कि में दुकान के दरवाज़े तक पहुँचती राकेश फिर
मेरे सामने था." सोनाली ने बताया.
"फिर क्या हुआ?' मैने उसके बदन को सहलाते हुए पूछा.
"मैने देखा कि राकेश मेरे सामने मदरजात नंगा खड़ा है. उसका
काला हबशी लंड जो करीब 10' इंच का होगा मेरे सामने था. उसके
खड़े लंड को देख मेरी चूत भी गीली हो गयी थी, पर में उसके
लंड को अपनी चूत मे नही लेना चाहती थी. मैने फिर वहाँ से
भागने की कोशिश की पर राकेश ने मुझे पकड़ मेरे गाल पर एक ज़ोर
का थप्पड़ मार दिया." सोनाली बोली.
"उसने तुम्हे थप्पड़ मारा, फिर?" मैने पूछा.
"फिर क्या, उसका थप्पड़ खाते ही में ज़मीन पर गिर पड़ी. उसने मेरी
टाँगे पकड़ मेरी स्कर्ट और पैंटी उतार दी. फिर मेरी दोनो टाँगे
फैला दी और मेरी गीली चूत के सामने अपना लंड कर दिया."
"फिर क्या हुआ."
"फिर उसने तुम्हे और प्रियंका को अपनी मदद के लिए आवाज़ दी. तुम
दोनो हमारे पास आए और तुम्हे कहा, "हां हम ज़रूर तुम्हारी मदद
करेंगे."
"तुम्हारा इतना कहते ही प्रियंका ने मेरा दायां पाओ पकड़ लिया और
तुमने बाया. अब तुम दोनो मेरे पैरों को फैलाने लगे, इतनी ज़ोर से तुम
दोनो ने मेरी टाँगो को फैलाया कि मेरी चूत भी फैल गयी." इतना
कहकर सोनाली थोड़ी देर के लिए रुक गयी और मेरी पयज़ामा मे बने
तंबू की ओर देखने लगी.
"सही मे, फिर क्या हुआ?" मैने पूछा.
"फिर राकेश मेरे उपर लेट गया और अपने लंड को मेरी चूत पर
रगड़ने लगा. शायद वो अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के रस से
गीला कर रहा था. मेरा शरीर काँप रहा था. फिर राकेश ने अपने
लंड को मेरी चूत पे रख अंदर घुसाने की कोशिश की. उसका लंड
सही मे बहुत मोटा था, मेरे ख़याल से तुम्हारे लंड से भी ज़्यादा
मोटा था. में उसे जोरों से थप्पड़ मारना चाहती थी पर हिम्मत नही
जुटा पाई." सोनाली ने कहा.
"उसने फिर अपने लंड के सुपाडे को अंदर घुसाने की कोशिश की पर
नाकामयाब रहा, शायद मेरी चूत इतनी गीली नही हुई थी कि उसके
भारी भयंकर लंड को अंदर ले सके."
"मैने अपने लंड को तुम्हारी चूत क्यों घुसा नही पा रहा हूँ
कुतिया?" राकेश ज़ोर से चिल्लाया. तभी तुमने एक क्रीम की शीशी उसके
हाथों मे पकड़ा दी. फिर उसने थोड़ी क्रीम अपनी उंगलियों मे ली और
मेरी चूत के अंदर मलने लगा. फिर क्रीम अपने लंड पर लगा उसने
एक ही धक्के मे अपना लंड मेरी चूत मे डाल दिया." सोनाली ने कहा.
"राकेश ने जब मुझे जोरों से चोदना शुरू किया तो में दर्द से
तड़प रही थी, चिल्ला रही थी, मैने उसे रुकने के लिए कहा पर वो
था कि मुझे जानवर की तरह जोरों से चोदे ही जा रहा था. मैने
सहयता के लिए तुम्हे पुकारा पर तुम तो मेरी टाँगो फैलाने मे खोए
हुए थे." सोनाली ने कहा.
"राकेश चोदो इसे और ज़ोर से चोदो. इसकी छोटी सी चूत को
फाड़ दो आअज. तुम्हारा कााला लंड जब इसकी गोरी चूत के
अंदर बाहर हो रहा है तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. फाड़
दो इसकी चूत को खून निकलना चहािए इसकी चूत से."
प्रियंका जोरों से बोल कर राकेश को और उत्तेजित कर रही थी.
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