RE: Desi Sex Kahani मेरी प्रेमिका
विजय पागलों की तरह उसे चोदे जा रहा था. सोनाली ने अपनी टाँगे
और फैला दी और कूल्हे उछाल उसके लंड को और अंदर लेने लगी. फिर
उसने अपनी टाँगे उठा कर विजय के कंधों पर रख दी. विजय उसकी
टाँगो को पकड़ ढके पर धक्के मार रहा था.
"ओह बहहाना माआज़ एयाया गया, आअज मीईईं तुम्हारी
चूत का भोसड़ा बना दूँगा फाड़ दूँगा आअज इसे." विजय
धक्के लगाते हुए बड़बड़ा रहा था.
"हाां फाड़ दो मेरी चूऊत को ओह हाां और जूऊऊर सीई
ओह विजया और कस के माररो नाआअ." सोनाली भी सिसक रही थी.
सोनाली काफ़ी जोरों से सिसक रही थी. विजय का लंड जब उसकी चूत की
गहराइयों तक जाता तो वो मनाने लगी आज विजय रुके ही नही बस उसे
चोद्ता जाय. जब वो उसके लंड को अपनी चूत मे गायब होते देखती और
जब उसके रस से लसा हुआ बाहर आता तो उसे बहुत अच्छा लग रहा था.
आज उसे अपने भाई पर बहुत प्यार आ रहा था.
विजय ने अब उसके निपल को मुँह ले चूसना शुरू कर दिया था और
दूसरे को अपनी उंगलियों से भींच रहा था.
"ओह विजय खा जाओ मेरी चुचियो को ओह आआआः ओःःः
हाआँ." सोनाली की चूत ना जाने कितनी बार पानी छोड़ चुकी थी. एक
बार छूटता और दूसरा तय्यारी पर होता.
सोनाली ये सुनते हुए मेरे लंड पर उछल उछल कर चोद रही थी.
उसके मम्मे हर धक्के पर उछल रहे थे, मेरा भी झड़ने का समय
करीब ही था. सिर्फ़ इस ख़याल ने कि इसके भाई ने इसकी चूत को
चोदा था मेरे शरीर मे और उत्तेजना बढ़ने लगी.
"ऑश राज्ज्जज आआअज तुम मुझहीईई विजय की तरह जोर्र्र्र से
चोदो ओह."
मेने उसे कमर से पकड़ा और सोफे पर लिटा दिया. फिर उसकी टाँगो को
पूरी तरह फैला अपने लंड को एक ही धक्के मे पूरा घुसा दिया. में
उछल उछल कर जोरों के धक्के मारने लगा था. वो आज उसी तरह लेटी
थी जिस तरह उस रात अपने भाई से चुदवाते वक़्त लेती थी.
मेरी भयंकर चुदाई से उसके मुँह से शब्द नही निकल पा रहे थे,
कारण मेरे हर धक्के से उसका शरीर हिल रहा था फिर भी किसी तरह
उसने अपनी कहानी पूरी की.
विजय उसके निपल को बुरी तरह चबा रहा था जिसने सोनाली को
उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँचा दिया था. उसकी चूत कई बार
पानी छोड़ चुकी थी.
आख़िर मे विजय भी सिसक पड़ा, "ओह सूऊनाअली मेरााा छूटने
वाला हाऐी ओह."
"हाां विजाआआ चूऊद डूऊ अपनाअ पनई मेरिइइ चूऊत मे."
और वही हुआ विजय ने अपना वीर्य उसकी चूओत मे छोड़ दिया. शायद
आज से ज़यादा पानी उसके लंड ने कभी नही छोड़ा था.
"ओह भगवान माआज़ा एयेए गय्ाआ इतनी भयाअंकर चुदाइ
मईएईने आज से पहले कभी नही की." विजय उसके बगल मे निढाल
गिरते हुए बोला.
"विजय इससे पहले कि तुम्हारा वीर्य मेरी चूत से बह जाय, अपना
कॅमरा ले आओ और तस्वीरें खींच लो." सोनाली ने कहा.
विजय अपना कॅमरा ले आया और फिर उसकी वीर्य से भरी चूत की
तस्वीरें ली. जब मेने ये सुना तो मेने भी मन बना लिया कि एक
दिन उसका आल्बम और सोनाली की फोटोस ज़रूर देखूँगा.
विजय जब तस्वीरे खींच रहा था तब सोनाली ने कमरे के बाहर कुछ
आहट सुनी थी. उसने महेसुस किया कि कोई उन्हे देख रहा है पर उसे
अपना भरम समझ उसे उस ख़याल को अपने दिमाग़ से झटक दिया.
विजय ने तस्वीरे खींचने के बाद अपनी बेहन को चूम लिया. सोनाली
ने उसके मुरझाए लंड को देखा, उसका मन तो एक बार फिर मचल उठा
पर नही अब ऐसा नही करूँगी कह उसने अपने भावनाओं को वहीं दबा
लिया.
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