RE: Kamukta Kahani महँगी चूत सस्ता पानी
थोड़ी देर बाद चूमने चाटने का सिलसिला कम हुआ ....एक शुरुआती आँधी आई थी ..जैसे बाँध टूट ता है ..पानी की धारा
एक दम से फूट पड़ती है..वैसे ही हम दोनों के अंदर से भावनाओं की धारा फूट पड़ी थी ....अब कुछ शांत हुई थी ..
मैं उनके बगल लेटा था ..दोनों की साँसें तेज़ थी .... हम दोनों टाँगें फैलाए अगल बगल लेटे थे ....
कोई कुछ बोल नहीं रहा था ... कमरे में सिर्फ़ साँसों की आवाज़ थी ...
फिर उन्होने चुप्पी तोड़ी " किशू ....तुम्हें दर्द हुआ क्या ......??" और मेरा गाल जहाँ थप्पड़ लगा था ..सहलाने लगी ...." "मैं भी कैसी पागल हूँ .."
" आप भी ना दीदी ..चलो कुछ नहीं ... आप का थप्पड़ भी कितना सही वक़्त पे था ..वरना कुछ भी मैं नहीं कर पाता .."
" हां रे मैं जानती थी ना ..तू है ना भोले बाबा "
" पर दीदी एक बात मेरी समझ में नहीं आ रहै ..इस एक दिन में ही अचानक क्या हो गया हम दोनों को ..??? "
" मैं अपने बारे तो बता सकती हूँ ..पर तुम्हें क्या हुआ ..???"
" पहले आप बताइए दीदी ..फिर मैं बताऊँगा .."
"नहीं पहले तू बता ..."
" दीदी जब मैने आपकी शादी की बात सूनी ..मुझे आपका दूसरा रूप , किसी की बीबी का रूप भी दिखा ...और जब उस रूप में मैने आपको देखा ...आप मुझे कितनी अच्छी लगीं .....कितनी सुन्दर ...और उसी वक़्त मेरा दिल किया आप को प्यार करूँ..."
" ह्म्म्म्म ..मेरा क्या अच्छा लगा रे ..??''
" सब कुछ ...दीदी आप की हर चीज़ इतनी अच्छी है.... चलिए अब आप बताइए ना .."
" ठीक है तो सुन....किशू ...जब माँ ने मुझे शादी पक्की होने की बात बताई...मेरे दिमाग़ में पहली बात ये आई के मैं तुम से दूर चली जाऊंगी..मुझे एक अजीब धक्का सा लगा...... और मैं फूट फूट के रोने लगी.......तभी मैने सोचा के जब तक यहाँ रहूंगी तुझे कोई कमी नहीं होने दूँगी ..... और जब तुझे रोते वक़्त सीने से चिपकाया था ना ...मुझे भी बहुत अच्छा लगा था........ "
" ह्म्म्म्म..तो दीदी आप को मैं अच्छा लगा..?? क्या अच्छा लगा ..??'
" अरे क्यूँ मरा जा रहा है सुन ने को.... धीरे धीरे , सब पता चल जाएगा ...... " और उन्होने अपनी टाँग मेरी जांघों पर रख दिया , अपने हाथ मेरे सीने पर रखे हल्के हल्के सहलाना शुरू कर दिया
किसी भी औरत का मेरे इतना नज़दीक आना , मेरी शरीर से खेलना ..ये सब इतना नशीला ,इतना प्यारा होगा मैने कभी नहीं सोचा था .....मेरा पूरा बदन कांप रहा था ..मैं आँखें बंद किए आनेवाले सुख और मस्ती के सपनों में खोया थाअ ..........
क्रमशः……………………………….
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