RE: Porn Hindi Kahani नये पड़ोसी
नए पड़ोसी पार्ट--6
गतान्क से आगे.........
बबिता अब अविनाश के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल अपने हाथो से उसे मसल रही थी. पर वो खुद छूटने की कगार पर थी सो वो खड़ी हो गयी और प्रीति के चेहरे पर अपनी दोनो टाँगे चौड़ी कर अपनी चूत उसके मुँह पर रख दी, "जो तुमने शुरू किया है उसे तुम्हे ही ख़त्म करना पड़ेगा. मेरी चूत जोरो से चूसो और मेरा पानी छुड़ा दो."
प्रीति अपनी जीभ का तीकोण बना उसे चोद रही थी. बबिता और थोड़ा झुकते हुए अपनी चूत को और दबा देती. उसका चेहरा पीछे की और था और उसके बाल प्रशांत के पेट को छू रहे थे. "ःआआआआआआआआआण चूऊऊऊओसे ओह अहह ह्बीयेयेयान जूऊर्रर्र्र्र्र्र्ररर सीईईईईई हूऊऊओ" कहकर बबिता की चूत ने प्रीति के मुँह मे पानी छोड़ दिया. प्रीति गटक गटक कर उसका पानी पी रही थी. जब एक एक बूँद उसकी चूत से छूट चुकी थी तो वो निढाल हो बिस्तर पर गिर गयी.
प्रशांत अभी तक उसी तरह अपना लंड प्रीति की गंद मे घुसाए लेटा था. फिर उसने अपनी आखरी चाल चली, "अविनाश मेरा तो पानी अब छूटने वाला है ऐसा द्रिश्य देख कर. क्यों नही तुम अपना लंड इसकी चूत मे डाल देते हो."
अब मेरे और अविनाश के समझ मे आया कि प्रशांत क्या चाहता था. अविनाश उछल कर प्रीति की टाँगो के बीच आ गया. उसने अपना हाथ प्रीति की चूत मे फँसे डिल्डो पर रखा. पर उसे बाहर निकालने की बजाय वो उसे अंदर बाहर करने लगा.
थोड़ी देर बाद अविनाश ने अपने लंड को प्रीति की चूत के मुँह पे लगा धीरे धीरे अंदर करने लगा और साथ ही डिल्डो को बाहर खींचने लगा. जितना उसका लंड अंदर जाता उतना ही वो डिल्डो को बाहर खींच लेता. मेने देखा कि डिल्डो पूरी तरह से प्रीति की चूत के पानी से लसा हुआ था और चमक रहा था. जब अविनाश का पूरा लंड उसकी चूत मे घुस गया तो उसने डिल्डो बाहर निकाल कर मेरे हाथ मे पकड़ा दिया.
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