RE: kamukta kahani शादी सुहागरात और हनीमून
बालो के बीच सितारो से जड़ा माँग टीका, मेरे गालो को छेड़ती सहलाती लटे,
खूब घनी कतर सी तिरछी भौहे, सपनिलि बड़ी आँखो मे हल्की सी काजल की रेखा, पलको पे हल्का सा मास्कारा, प्यारी सी आइ लॅशस, हल्के गुलाबी रूज से हाइ चीक बोन्स, मेरी लंबी सुतवा नाक मे एक छोटी सी नथ, जिसमे एक मोटी और दो छोटे छोटे घुंघरू,, मेरे नेतुरल गुलाबी होंठो पे हल्की सी वेट लुक वाली गुलाबी लिपस्टिक जो मेरे पंखुड़ी जैसे होंठो को और रसीला बना रही थी. मेरे गहरी चिबुक के ठीक भिच मे जो मेरा ब्यूटी स्पॉट, तिल था उन्होने उसे और गाढ़ा कर दिया था. और जब मेरी निगाह और नीचे गयी तो मेरे स्लेंडरर लंबी गर्दन के नीचे, मेरी चोली, वो तो वही जो उन्होने अपनी डिज़ाइनर सहेली को बोल के खास तौर से बनवाई थी. कुछ ज़्यादा ही लो कट, और सिर्फ़ एक स्ट्रिंग से मेरी पीठ पे बँधी. लेकिन थी बड़ी सुंदर, हल्की, गुलाबी प्याजी, और उस पर खूब खूबसूरत चाँदी का भारी काम, एक दम मेरे उभारो से चिपकी, और उनको और उभारती, और उन्ही के शेप के साथ बीच मे सन्करि. बस लग रहा था, दो अध खिले, कमल के फूल हो और उसमे मेरे उरोज. मेकप वालीयो ने मेरे क्लीवेज पे भी पूरा मेकप किया था जिससे उसका रंग मेरे बाकी मेकप की तरह ही हो जाय और उसे थोड़ा सा और डार्क कर के जिससे मेरे क्लीवेज की गहराई और खुल के और उसके कारण उरोजो के उभार भी. उसके अंदर हल्की सी बहुत पतली लेसी पुश अप पिंक ब्रा थी जो उभारो को और उभार रही थी. मेरे हाथो मे पूरी कुहनी तक भर भर के गुलाबी, लाल चूड़िया, हाथी दाँत का चूड़ा और जडाउ कंगन, बाहों मे बाजू बंद और हाथ मे हथ फूल, और हाथो मे लगी मेहंदी को उन्हे फ्रेश मेहंदी लगा के रेफ्रेश कर दिया था जिससे मेहदी की हल्की सी महक भी आ रही थी. लहंगा भी 24 कली का गुलाबी, चाँदी का भारी काम किया हुआ, और इतने नीचा कि बस किसी तरह मेरे कुल्हो के सहारे टिका था.
और मेरी पतली कमर मे सोने के घुंघरू जड़े पतली सी रूपहली करधन.
मेरी गहरी नाभि पे ना सिर्फ़ उन्होने हल्का सा मेकप किया था बल्कि मेहदी से वहाँ भी डिज़ाइन बना दी थी. लहँगे के अंदर एक खूब पतली सी मॅचिंग गुलाबी लेसी थान्ग सी पैंटी, बस मुश्किल से दो अंगुल आगे से चौड़ी और पीछे तो एक पतली सी पट्टी, जो शरारत मे पार्लर वालीयो ने मेरे पीछे की दरारो के बीच सेट कर दी थी. और इसमे एक खास बात ये भी थी कि इसमे एक छोटा सा गोल्डन हुक भी लगा था, और उसको खोलने से बिना सरकाय वो पैरो मे खूब घुंघरू लगी चाँदी की चौड़ी सी पायल और बिछुए. मुझे बहुत शर्म लग रही थी, लेकिन फिर ब्यूटी पारलर वालीयो ने मेरी गुलाबी बड़ी सी चुनर इस तरह ऊढा दिया कि ना सिर्फ़ मेरी देह अच्छी तरह से ढँक गयी बल्कि घूँघट भी थोड़ा सा क्लीवेज और चोली का उभार अभी भी दिख रहा था. फिर उन्होने मेरी चुनरी मेरी लहँगे और चोली मे ठीक से सेट भी कर दिया.
क्रमशः……………………….
शादी सुहागरात और हनीमून--13
|