RE: kamukta kahani शादी सुहागरात और हनीमून
शादी सुहागरात और हनीमून--12
गतान्क से आगे…………………………………..
नीरा और उसके बाद नीतू दोनो उन की गोद मे बैठी और दोनो का काफ़ी देर नाप जोख के बाद उन्होने साइज़ भी बताया, 32-सी और 30-डी. और दोनो एकदम सही था.
उसके बाद चाची बोली हे अच्छा अब कुछ रस्म भी होने दे ना, बहुत देर तक चढ़ ली जीजा की गोद मे और उन्होने बाटी मिलाने के लिए भाभी को बुलाया. ये रसम सलहज ही करती है.
"बोलो भैया नेग मे क्या चाहिए"मम्मी ने मुस्करा के पूछा.
"माँग लीजिए, माँग लीजिए जीजा जी"अब उनकी सालिया उनके साथ थी.
"मुझे बाटी मिलाने वाली. "मुस्करा के उन्होने भाभी की ओर इशारा कर के कहा.
"मुझे कोई ऐतराज नही है, पर पहले अपनी बीबी से पूछ लो. "बाटी मिलावती भाभी, मुस्करा के बोली.
मेने घूँघट मे से ही सर हिला के इशारा किया कि मुझे कोई ऐतराज नही है.
बाटी मिलने के साथ ही बाटी मिलने की गाली शुरू हो गई, मम्मी चाची और मौसी ने गाना शुरू किया,
हमारी बाटी मे बाटी मिला लो,
अपनी अम्मा को,
हमर्रे सैयाँ के संग सुवा दो.
नीचे तुम्हारी अम्मा उपर हमर्रे सेया,
चुदाये तुम्हारी अम्मा, अर्रे चोदे हमर्रे सेया,
रश्मि और भाभियो ने भी गाने आगे बढ़ाया,
अर्रे अपनी बहने को हमर्रे भैया के संग सुवा दो,
नीचे तुम्हारी बहने उपर हमर्रे भैया,
चुदवामे तुम्हारी बहने, अर्रे चोदे हमर्रे भैया,
चुदवावे अंजलि छिनारो, अर्रे चोदे संजय भैया , अर्रे चोदे सोनू भैया ,
और तब तक अंजलि आ गई, बसंती के साथ, थोड़ी हैरान परेशान. एक छोटी सी फ्रॉक मे.
"अर्रे अभी तुम्हारा ही नाम ले रहे थे, सब लोग. सही समय पे आए. अये लड़कियो एक बार फिर से सुनाओ, "भाभी बोली. इस बार सबने, रीमा और उस की सहेलियो ने भी मिल के गाया,
नीचे तुम्हारी बहने उपर हमर्रे भैया,
चुदावे तुम्हारी बहने, अर्रे चोदे हमर्रे भैया,
चुदावे अंजलि छिनारो, अर्रे चोदे संजय भैया , अर्रे चोदे सोनू भैया..
बेचारी अंजलि, उस की बोलती बंद थी. रश्मि और ज्योत्सना ने उसे खींच के अपने बीच मे बैठा लिया और कहा कि तुम कुहबार मे अपने भैया के पास रहना चाहती थी ना, इसलिए हमने कहा कि तुम्हे बुला लेते है जिससे तुम भी देख लो कि कुहबार मे क्या क्या होता है. तब तक कोई औरत बोल उठी, अर्रे लड़कियो ज़रा इनकी बहनो का 'स्वागत' तो करो गाने से, तो मेरी गाव से आई एक भाभी ने अपनी ननदो,मेरी बहनो, सहेलियो को चैलेंज करते हुए कहा, कि अर्रे आज हमारी ननदे भी तो अपनी ननदो को सुनाए. रश्मि ने चैलेंज आक्सेप्ट कर लिया. ढोलक ले के अंजलि को सुनाते हुए वो चालू हो गई. उसके साथ मे रीमा, उसकी सहेलिया और मेरी बाकी कज़िन्स भी थी. अंजलि के गले मे पड़ी सोने की माला को देख के उन्होने शुरू किया,
"गले डार गये मोहन माला जी गले डार गये,
अर्रे हमर्रे जीजा की बहनी, अर्रे अंजलि रानी,
यू तो अँगने मे ठाडी,
हमर्रे द्वारे पे ताड़ी,
अपने यार को बुलावे,
लगवार को बुलावे.
कोई ताडे ताडे आवे,
कोई बैठे बैठे आवे,
कोई रुपैया ले आवे कोई पैसा ले आवे,
कोई लड्डू ले आवे,
कोई पेड़ा ले आवे,
कोई चोली ले आवे,
कोई पैंटी ले आवे.
कोई देवे आशीष,
कोई देवे बखसीश.
गले डार गये मोहन माला जी,
गाल डार गये अर्रे हमर्रे जीजा की बहनी,
अर्रे अंजलि चिनार,
अर्रे गुड़िया छिनार उ तो अँगने मे ठाडी,
हमर्रे द्वारे पे ताड़ी,
अपने यार को बुलावे,
लगवार को बुलावे,
कोई गाल सहलावे,
कोई चुचि दबावे,
कोई बुर मे घुसाए,
कोई पीछे से लगाए,
कोई मूह मे चुसाए कोई हाथ मे थमाए,
अर्रे कोई चोदे आधी रात कोई चोदे भीने सार,
गले डार गये मोहन माला जी गले डार गये
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