Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
08-17-2018, 02:28 PM,
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
मन तो मेरा भी नंही कर रहा था पर क्या करूं अरे तुम दोनो को चुम्बन लेते देख कर तो मेरी हालत भी खराब है देखो कैसे मेरी चूत गीली हो चुकी है लगता है आज तो ये सोफा मेरे रस से भर जायेगा रीमा ने मचलते हुये कहा। चिंता मत करो माँ अगर ये सोफ आपके रस से गीला हो जायेगा तो इस सोफे को चूस कर मैं इसमे से सारा रस पी जाऊंगा। चलो तुम दोनो अपना खेल जारी रखो मैं भी तुम दोनो का मिलन देखने के लिये बेताब हूँ। और तू जल्दी अपना मिलना खत्म करेगी तभी तो तुम दोनो के साथ मजा ले संकूगी चलो अपना खेल जारी रखो। मन तो मेरा बहुत था फिर से रजनी के रसीले होंठो को मुँह मे भर कर चूसू पर मैंने अपने आप को रोक लिया अब मैं रजनी को नंगा करना चाहाता था इसलिये मैं अपने हाथ रजनी की कमीज पर ले गया जिसमे से उसकी भारी मोटी चूचीयाँ झाँक रही थी और मुझसे विनती कर रही थी कपडो के कैद से आजाद करने के लिये। मैंने रजनी के चूचीयो पर हाथ फेरना शुरु कर दिया उसकी मोटी चूचीयो का ज्याजा लेने के बाद मैंने रजनी के कमीज के बटन खोलने शुरु कर दिये दो और बटन खुलने से रजनी के कमीज खुल गयी और उसकी सफेद रंग की ब्रा बिल्कुल साफ नजर आने लगी।

सफेद रंग की ब्रा मे रजनी की काली मोटी चूचीया कैद थी और बहुत ही कातिल सा कट बना रही थी। काला रंग और उस पर सफेद ब्रा बडा ही कातिल संगम था। ब्रा पेडड उन्डरवायर ब्रा थी जिससे उसकी चूचीयाँ और भी उभर कर उपर आ गयी थी और भी मोटी लग रही थी। ब्रा ३/४ कप वाली ब्रा थी। वैसे भी वह ब्रा रजनी की मोटी चूचीयो के लिये बहुत छोटी थी उस पर ३/४ कप होने की वजह से आधी से ज्यादा चूचीयाँ रजनी की ब्रा के बाहर थी। अधखुली कमीज के अंदर ब्रा में कैद चूचीयो का नजारा देख कर मेरा मन मचल उठा था वैसे भी रजनी ने अपने हाथो से मेरे लंड की मुठ मार कर मेरी हालत खराब कर रखी थी। फिर मैंने रजनी की चूची के नंगी भाग को अपने हाथ से छुया और अपनी उंगलियाँ उस पर फिराने लगा। मेरे उंगलियाँ फिराने से रजनी के बदन मे एक सिरहन दौड गयी और बोली ओह्ह क्या कर रहा है बेटा माँसी की चूचीयो को छू कर देख रहा है। हाँ माँसी देख रहा हू की कैसी चूचीयाँ है मुलायम की कडी। अरी मेरे प्यारे बेटे मैं कोई जवान तो हूँ नंही की एक दम कडी होंगी मेरी उम्र के साथ थोडी ढीली हो गयी है पर तेरे जैसे जवान मर्दो के वीर्य की मालिश करती हूँ न इसलिये एक दम ढीली नंही पडी है अभी। लेकिन थोडी ढीली तो पड ही गयी है और मुझे तेरी माँ जैसे रोज रोज लोटे भर वीर्य तो मिलता नंही है चूचीयो के मालिश के लिये नंही तो और भी कडी होती।

अरे माँसी मैं तो बस पूछ रहा था मैं तो बस बडी चूचीयो के दिवाना हूँ वह कडी हो या ढीली इससे मुझे कोई भी फर्क नंही पडता और तुम्हारी बहुत मोटी है और तुम माँ से भी मोटी औरत हो तो मुझे तुम क्यों पंसद नंही आओगी। ओह मेरे लाल तू कितना प्यारा है दीदी बडी बांते बनाता है तेरा ये लाडला किसी भी औरत को अपने प्यार के जाल मे फंसा लेगा हाँ री वह तो मैं जानती ही हूँ वैसे भी इसके जैसे लडको को ये कला तो आती ही है। मैंने थोडी देर रजनी की चूचीयो कर अपनी उंग्लीयाँ और चलायी रजनी धीरे धीरे गर्म होने लगी थी। बडा ही जादू है रे तेरी उंगलियो मे सिर्फ स्पर्श से ही इतनी आग लगा रहा है मेरे बदन मैं तो चूची मर्दन करेगा तो क्या होगा मेरा। माँसी तुम तो बस मजा लो तुम बहुत ही मस्त मोटा माल हो जरा मुझे तुम्हारे इस बदन से प्यार से मिल तो लेने दो। ठीक है कर ले अपने मन की रिश्ता हि ऐसा है तेरा मेरा। मना भी नंही कर सकती तुझको अपनी चूचीयाँ छूने से। रजनी की चूचीयो पर थोडी देर उंगलीयाँ फिराने के बाद मैंने रजनी की कमीज का आखरी बटन भी खोल दिया। ऐसा करने से उसकी ब्रा मैं कैद चूचीयाँ बिल्कुल मेरे सामने आ गयी। सफेद ब्रा मे काली चूचीयाँ बहुत ही गजब ढा रही थी। मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे दो सफेद प्लेट मे दो बडे बडे रसीले तरबूज रखे हों।

और उन दो तरबूजो के बीच सफेद मोतियो के वह माला इस र्दश्य को और भी लुभावना बना रही थी। मैंने रजनी को थोडी देर ऐसे ही निहारा और फिर रजनी की आँखो मे आँखे डाल कर बोला माँसी उठी अब मैं तुम्हारा ये कमीज उतार देता हूँ यह मेरे काम मे बहुत रुकावट डालेगी नंही तो। मैंने कब मना किया उतारने से कह कर रजनी खडी हो गयी और मैंने रजनी की कमीज उतार दी कमीज उतारने पर मुझे रजनी की काँख के बालो के दर्शन हुये। रजनी के काँख के बहुत घने काले बाल थे पर वह थोडे छोटे छोटे काटे हुये थे श्याद क्योकी वह होटल मे काम करती थी और हर कोई काँख के बाल पंसद न करता हो। कमीज उतार कर मैंने दूसरे सोफे पर फेंक दी। रजनी अभी भी मेरे सामने खडी थी खडे होने के वजह से उसकी तंग स्कर्ट थोडी नीचे खिसक गयी थी पर उसकी काली जाँघे अभी भी नंगी थी। मैंने रजनी की चूचीयो पर हाथ रख कर उसे प्यार से सहलाने लगा। रजनी चुप चाप खडी सब कुछ देख रही थी। अब मेरे लिये बर्दाश्त करना बिल्कुल मुश्किल था अब मुझे रजनी की नंगी चूचीयाँ देखनी थी। रजनी की ब्रा का हुक आगे की तरफ था।
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