Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
08-17-2018, 02:22 PM,
#87
RE: Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता
फिर रीमा ने मेरा नाडा खोल दिया और बोली खबरदार जो लंड से खेला और झडने की कोशिश की अभी कमरे से निकाल दूंगी तुझे वह भी नंगा फिर मत कहना मुझे कुछ समझ गया मादरचोद हाँ माँ बिल्कुल। नाडा खुलने से मेरे लंड में जैसे जान आ गयी हो मेरा लंड का सुपाडा टमाटर जैसा लाल हो गया था। अपने सुपाडे को देख कर मन किया अभी मुठ मार लूँ मैंने बडी मुशकिल से अपने आप को रोका। फिर मैंने रीमा के गाल कर एक बार चुम्बन लिया और बाथरूम मे पानी भरने चला गया। मैंने जाकर गर्म और ठंडा पानी मिला कर बाथटब भर दिया। मुझे पानी मिलाने मे थोडा टाईम लगा क्योकी मैंने इससे पहले कभी टब मे नहाया नंही था तो मुझे पता नंही था की कैसे क्या करना है। मैं पानी मिला कर रीमा के आने का इंतजार करने लगा। फिर रीमा दरवाजा खोल कर अपने भारी बदन को मटकाते हुये आयी। जब वह चल रही थी उसकी मोटी मख्खन मालाईदार चूचीया उसकी मस्तानी चाल की वजह से हिल रही थी और उसका कुल्हे मटक रहे थे। मैंने अपने मन मे कल्पना की इस वक्त उसके मोटे चूतड किस मतवाले ढंग से मटक रहे होंगे वह सोच कर ही मेरे बदन मस्ती की एक लहर दौड गयी।

रीमा ने मुझे मुस्कुराते हुये देखा और टॉयलट पॉट की सीट को खोला। मैं समझ गया की रीमा क्या करने जा रही थी। एक दम से मेरे विकृत दिमाग की बत्ती जल उठी। मैंने न जाने कितनी कहानीयो के इस बारे मे पढा था और उसको पढ कर न जाने कितनी बार मुठ मारी थी और बार बार कहानी की उस हिस्से को पढता था। यहाँ तक की रीमा के साथ भी चाट पर बात करते वक्त मैंने न जाने कितनी बार यह कार्य किया था अब मेरा लंड भी मस्त खडा था और मस्ती मे मेरा दिमाग सिर्फ मेरे लंड की सुनता था। और लंड कह रहा था कि कह दे रीमा से और जो सपना तूने दिन रात देखा है वह पूरा कर ले। कर ले अपने मन की अभीलाषा पूरी और पता नंही कही मेरा मन भी कह रहा था कि रीमा भी यही चाहाती है। और वह पूरे जोश के साथ मेरा साथ देगी और उसे खुद यह करने में बहुत उत्तेजना होगी। मैं अपने आप को बिल्कुल भी नंही रोक पा रहा था मेरे लंड ने मेरे तन मन सब पर काबू कर लिया था मैंने भी मस्ती में मस्त होकर लंड की बात मानने की सोची।

मैंने रीमा से कहा माँ तुम क्या करने जा रही हो अरे बेटा इसमे पूछने की क्या बात है तुझे दिख नंही रहा रीमा ने पीछे मुड कर कहा। पर माँ मैं सोच रहा था कि पर आगे मैं कह नंही पाया क्या सोच रहा था बेटा क्या हुया एक दम से तेरे को कुछ बात है तो बता अपनी माँ को बोल रे न। वह मैं सोच रहा था माँ की हमने कितनी बार इस बारे में बात कि है क्यो न आज इसको करके भी देखे बात करने में तो कितनी उत्तेजना होती थी श्याद करने में भी उतना ही मजा आयेगा। किसमे बेटा क्या मजा आयेगा फिर एक दम से रीमा को समझ मे आया की मैं क्या कहने की कोशिश कर रहा हूँ ये सोच कर रीमा मेरी तरफ पल्टी उसकी आँखो मे एक अजीब सी चमक थी जैसे उसे कोई नायाब हीरा मिल गया हो। क्या कह रहा है सच में बेटा क्या तू वही चाहाता है जो मैं सोच रही हूँ सच बता मजाक तो नंही कर रहा नंही माँ मैंने न जाने कितनी बार तुम्को ये मेरे साथ करते सोच कर मुठ मारी है और आज मुझे जब मौका मिला है तो मैं मजाक क्यो करूंगा माँ। मैं बिल्कुल सच कह रहा हूँ माँ।

हाय रे मैं मर जाउं तेरे साथ बाते करते वक्त मैं पूरी गर्म हो जाती पर मैंने सोचा था कि ये तो बस कहने के लिये है हम लोग कभी भी ये नंही करेगें मैं सिर्फ कहानियो मैं ही पढा था पर आज तो तूंने मुझे मस्त ही कर दिया आज मुझे मेरे औरत होने पर गर्व है और इस बात पर भी कि मैं तुझे अपना बेटा मानती हूँ क्योकी ऐसा करने के लिये दो लोगो के बीच बहुत प्यार होना जरूरी है हाँ माँ मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। रीमा मेरे पास आयी और मुझे गले से लगा लिया और बोली सच बता तैयार है हाँ माँ मैं तैयार हूँ तो एक बार अपने मुँह से बोल न तुझे क्या चाहिये मैं तेरे मुँह से एक बार सुनना चाहाती हूँ कि तुझे क्या चाहिये वैसे भी ये इतनी किमती चीज है तू अपने मुँह से माँगेगा तभी दूगी। मैं समझ गया कि रीमा बहुत उत्तेजित हो गयी है और मेरे मुँह से सुनाना चाहाती है कि मैं उससे क्या चाहाता हूँ ताकि वह कार्य करने से पहले वह पूर्ण रूप से उत्तेजित हो सके और पूरा मजा ले सके। मैंने रीमा की आँखो के आँखे डाल कर देखा और उसके गदराये हुये कुल्हो पर अपने एक हाथ रख कर उसके नंगे बदन को अपने पास लाकर अपने लंड को रीमा की चिकनी गोरी माँसल जाँघो से चिपका कर उसकी मस्ती मैं तक कर खडी चूचीयो को अपने सीने से लगा कर और अपने दूसरे हाथ से रीमा के पहाड जैसे उंचे और मोटे चूतड को सहलाते हुये कहा।

माँ तुम्हारा ये मादरचोद बैटा तुम्हारे चूत से निकलने वाले शरबत को पीना चाहाता है तुम्हारे ये चूत जो शरबत रूपी मूत बनाती है मैं उसको पीना चाहाता हूँ तुम्हारे मूत का स्वाद लेना चाहाता हूँ तुम्हारे मूत का सेवन करना चाहाता हूँ। तुम्हारी चूत का ये पीला शरबत मेरे लिये तो किसी अमृत से कम नंही है। मैं तुम्हारे इस अमृत को पीकर हमारा ये वासाना से भरपूर माँ बेटे का ये नापाक रिश्ता और भी मजबूत बना देना चाहाता हूँ। तुम्हारा ये मूत पीकर मैं तुम्को ये दिखला देना चाहाता हूँ कि तुम्हारा ये बेटा जो आज तुम्हारी इसी चूत को चोद कर मादरचोद बना है तुम्को और तुम्हारी चूत को कितना प्यार करता है कि इस चूत से निकलने वाली मूत को भी ग्रहण करने को तैयार है। और मेरा ये लंड तन कर अपनी माँ का मूत पीकर और भी मोटा होकर अपनी माँ को भरपूर मजा देगा। जब मैं रीमा से यह कह रहा था रीमा के चेहरे पर मस्ती के भाव थे और उसकी आँखो मे एक गहरी चमक। और मेरे हाथ बराबर रीमा के कुल्हो और उसके चूतडो को सहला रहे थे। और मेरा लंड वासना मैं अंधा होकर कुछ भी करने को मजबूर कर रहा था।
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