गतान्क से आगे........... अब कामिनी अपने घुटनो पर बैठी खिड़की की सिल पे वैसे ही हाथो पे चेहरे को रखे बाहर देख रही थी & उस बड़े से सोफे पे चंद्रा साहब भी अपना पाजामा उतार कर उसके पीछे वैसे ही घुटनो पे आ बैठे थे.सारी मे कसी गंद पे लंड मुहसूस होते ही कामिनी ने पीछे मुड़ना चाहा मगर चंद्रा साहब ने उसे ऐसा नही करने दिया & 1 बार फिर उसकी कमर को पकड़ के उसके गालो को चूमने लगे.उनके हाथ कमर से नीचे फिसल कर उसकी सारी को उपर खींचने लगे.कामिनी ने भी अपने घुटने थोड़ा सा उठाके इस काम मे उनकी मदद की.
सारी कमर तक उठा के उन्होने अपने हाथ अंदर घुसा के उसकी मखमली जंघे सहलाते हुए उसकी गर्दन के नीचे चूमना शुरू किया तो कामिनी भी अपने हाथ पीछे ले जाके उनके सर & उनके बदन पे हाथ फेरने लगी.चंद्रा साहब ने गर्दन से नीचे आ उसकी पीठ पे चूमते हुए अपना दाया हाथ उसकी दाई जाँघ से हटाया & उसके ब्लाउस की गाँठ खींच दी,"..हा..!..",कामिनी ने आह भरी,"..जल्दी कीजिए,सर..कही आंटी ना आ जाएँ."
ब्लाउस की गाँठ खुलते ही सामने लाल रंग की ब्रा पतली सी पट्टी उसकी पीठ पे दिखाई दी,ब्रा मे बस 1 हुक था.चंद्रा साहब ने उसे खोल ब्रा को ढीला किया & उसके कप्स को उपर कर उसकी चूचियो को मसलना शुरू कर दिया,"..ऊओवव....ऊओ...!",कामिनी आहे भरने लगी,चंद्रा साहब वैसे ही उसकी चूचिओ मसल्ते हुए उसे चूमते रहे.उनके हाथो का मज़ा लेते हुए कामिनी ने बाहर निगाह डाली.माली काफ़ी काम निपटा चुका था,"..आअननह..जल्दी करिए...प्लेअसस्सीए...!"
"चंद्रा साहब फ़ौरन झुके & उसकी पॅंटी निकाल दी.पॅंटी उतरवाने के लिए कामिनी थोड़ा उठी & फिर पहले की ही तरह घुटनो पे बैठ गयी.उसने सोचा की अब चंद्रा साहब उसे चोदेन्गे मगर नही चंदर साहब ने उसे फिर हैरान कर दिया,"..आआआआअहह....!",उन्होने झुक के पीछे से कामिनी की चूत मे अपना मुँह घुसा दिया था & उसे चाटने लगे थे.कोई 3-4 मिनिट तक उनकी लपलपाति जीभ उसकी चूत की गहराइयो मे उतरी रही & फिर उसके दाने को छेड़ती रही.कामिनी बहाल हो गयी थी & उसकी चूत से पानी रिसे जा रहा था,"..अब और मत तडपा...इए...ऊओवव्व....अब आ जा...इए....नाआ..!",उसने तड़प के सर घुमाया & दाए हाथ से अपनी चूत चाटते चंद्रा साहब के बाल पकड़ के खींचा.
अपनी शिष्या की बात मानते हुए चंद्रा साहब फ़ौरन उसके पीछे घुटनो के बल सोफे पे आ गये & उसकी गीली चूत मे अपना 7 इंच का लंड घुसा दिया.कामिनी की 36 इंच की चौड़ी कसी गंद को दबोचते हुए उन्होने गहरे धक्के लगाने शुरू कर दिए,चंद्रा साहब उसके हुस्न के दीवाने थे मगर उसकी गंद के लिए उनके दिल मे कुच्छ खास ही जगह थी.कामिनी भी ये बात जानती थी & जब वो उसकी गंद से खेलते तो उसकी मस्ती भी दुगुनी हो जाती.लंड अंदर जाते ही उसकी चूत मे पटाखे छूटने लगे थे.ये शिद्दत..ये गर्मी..उसे अब शत्रुजित के साथ महसूस नही होती थी..उसे हैरत भी हो रही थी की 1 बूढ़े इंसान के साथ उसे ऐसी खुमारी का एहसास होता था.
उसे चंद्रा साहब पे बहुत प्यार आया & सिल को पकड़े हुए उसना अपना सर उठा के पीछे कर होंठ गोल कर उन्हे चूमने का इशारा किया.चंद्रा साहब उसकी इस अदा पे और जोश मे आ गये,उन्होने 1 नज़र अपनी बीवी पे डाली..उसका काम बस पूरा ही हो गया था..वो आगे झुके & कामिनी की मस्त 38द साइज़ की छातियो को मसलते हुए उसकी पीठ से बुल्कुल सॅट उसके घूमे हुए चेहरे पे किस्सस कीझड़ी लगा दी.कामिनी भी मस्ती मे आहे भरती हुई कमर हिलाते हुए बाए हाथ से सहारे के लिए सिल को पकड़े दाए हाथ को पीछे ले जाके उनके बालो को पकड़ कर उनके होंठो को अपने गुलाबी होंठो से सटा लिया.चंद्रा साहब बहुत तेज़ धक्के लगा रहे थे,उनकी 1 निगाह अपनी बीवी पे थी & दूसरी अपनी शिष्या के मदहोश चेहरे पे.
तभी उन्होने देखा की माली अपने औज़ार & खाद वग़ैरह समेट रहा है.उन्होने उसकी चूचियो को ज़ोर से दबाया & अपने लंड को पूरी तरह से बाहर खींच कर फिर से अंदर पेला.कामिनी के होंठ तो चंद्रा साहब के होंठो से सिले हुए थे मगर फिर भी उसके गले से ऊन आँह की आवाज़े आ रही थी..उसकी मस्ती भी अब उसके सर पे सवार हो गयी थी..और फिर वो मक़ाम आ गया जिसका दोनो प्रेमियो को बेसब्री से इंतेज़ार था..कामिनी की चूत अपनेआप सिकुड़ने फैलने लगी & उसने सोफे की बॅक को कस के भींच लिया.उसकी चूत की हर्कतो ने कमाल दिखाया & चंद्रा साहब का बदन भी झटके खाने लगा.अपनी प्रेमिका के झाड़ते ही उन्होने भी अपना पानी उसकी चूत मे छ्चोड़ दिया था.
माली जा रहा था & मिसेज़.चंद्रा वापस अंदर आ रही थी.चंद्रा साहब ने हौले से लंड बाहर खींचा,अपना पाजामा पहना & सहारा देके कामिनी को सोफे से उतार के खड़ा किया & उसके चेहरे को चूम लिया.जवाब मे कामिनी ने भी उनके होंठो को चूमा & अपने कपड़े संभालती बाथरूम की ओर चली गयी.उसके जाते ही मिसेज़.चंद्रा ड्रॉयिंग रूम मे दाखिल हुई & तभी चंद्रा साहब की निगाह सोफे के पास फर्श पे पड़ी कामिनी की गीली,लाल पॅंटी पे पड़ी.उन्होने उसे फ़ौरन उठा के अपने कुर्ते की जेब के हवाले किया..वो बाल-2 बचे थे!