Antarvasna फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है
08-12-2018, 12:27 PM,
#45
RE: Antarvasna फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है
फारिघ् होने के बाद हम सब ऐक दूसरे से अलग बे सुध हो कर लेट गये. मैं ने अम्मी से पूछा नेलु कहा है तो अम्मी ने बताया वो शायद ज़ारा की तरफ गई हे. फिर हम सब बारी बारी वॉशरूम से फारिघ् होने के बाद बाहर इकट्ठे बैठ कर बातें करनी लगे. मेरी नज़र अपी के बूब्स पर टिक कर रह गई थी. ऑर अपी के बूब्स के मुतलिक सोच सोच कर मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया था. अम्मी ने मेरी नज़रों का पीछा किया तो मुस्करा कर बोली नसीर बेटा क्या सोच रहे हो.मे चोंक गया ओर बोला "कुछ नही अम्मी जान" "कोई तो बात है क्या अपनी अपी का दूध पीने को दिल कर रहा है??" मे जवाब मे सिर्फ़ मुस्करा दिया मेरी मुस्कराहट को देखती ही अपी भी बोल पड़ी " बेचारा मेरा भाई इतनी मेहनत तो करता है, अगर उस का दिल कर रहा है तो पिला देना चाहिए, पियेगा नही तो जान कैसे आएगी ,ऑर जान नही हो गी तो फिर हमे मज़ा कॉन दे गा" अपी का इतना कहना था कि हॉल हमारी हँसी से गूँज उठा, इतनी मे दरवाज़े पे दस्तक हुई तो मे ने दरवाज़ा खोला सामने नीलू ही खड़ी थी.जानी क्यू मे चाह कर भी अपनी छोटी बहेन से नज़रें नही मिला पा रहा था, शायद अपनी उस दिन की हरकत की वजह से. खैर दोपहर का खाना तैयार हुआ ऑर हम सब ने मिल कर खाना खाया ऑर इधेर उधर की बातों मे मसरूफ़ हो गये .बातों बातों मे मैं ने अपी से रात के मुतलिक पूछा तो उन्होने ने आज के लिया मना कर दिया. मे भी यही चाहता था.रोज़ रोज़ की चुदाई से सेहत बिगड़ने का भी ख़तरा होता है. ईद ऐसे ही गुज़र गई ऑर मेरी जॉब फिर से स्टार्ट हो गई.जॉब पे जाते ही सफदार ने पकड़ लिया ऑर ईद पे ना मिलने का शिकवा करने लगा . मगर मे तो दिल ही दिल मे मुस्करा रहा था कि दोस्त जब 2 2 फुद्दियाँ सामने हों तो दुनिया वालो को कॉन पूछता है .उस वक़्त तो अपनी भी बेगानी हो जाती हैं.दिन तेज़ी से गुज़रने लगे ऑर सारा दिन जॉब पर होने की वजह से अपी ऑर अम्मी की फुद्दि लिए काफ़ी दिन गुज़र गये .सनडे को अबू भी घर होते तो हफ्ते की रात भी कुछ करना मुश्किल होता, ऑर बाकी दिनो मे मजे जॉब से फ़ुर्सत नही मिलती थी.इक रात मे जल्दी ही जॉब से घर वापिस आ गया तो अम्मी ने दरवाज़ा खोला . .

"अच्छा हुआ तुम आ गये नसीर"अम्मी ने मुझे देखती ही मुस्करा कर कहा

"क्यू ख़ैरियत क्या चल रहा है" मे ने सवालिया नजरो से पूछा

"कुछ भी नही ब्स प्यार की होली खेली जा रही हे"

"अबू घर नही हैं क्या " मे ने जल्दी जल्दी मे पूछा

"नही, हों भी तो क्या फ़र्क पड़ता है, नींद की गोलिया उनकी मोजूदगि का हल है ना" अम्मी ने आँख मारते हुए कहा

मे मुस्करा कर अम्मी से लिपट गया ऑर दरवाज़े पर ही उनके कपड़े उतारने लगा

"इतनी भी जल्दी क्या है , अभी आए हो, फ्रेश तो हो जाओ"

मे जल्दी से अपनी रूम मे गया ऑर नहा के सीधा अम्मी के रूम मे चला.रूम मे दाखिल होते ही मे हक्का बक्का रह गया क्यू कि आज मेरी जगह मामू ने ले ली थी. अली ऑर मामू दोनो अपी ऑर अम्मी को जम के चोद रहे थे. मतलब मेरी गैर मोजोदगि का भरपूर फ़ायदा उठाया जा रहा था.सब नंगे ही बेड ऑर सोफे पर ऐक दूसरे के लंड ऑर फुद्दि से खैल रहे थे. इतने दिन चुदाई ना करने की वजाह से मे तो पहली ही बहुत एग्ज़ाइट था ,ऑर मेरा लंड फुल हार्ड था. मगर कमरे का नज़ारा देख और तन गया.अम्मी मामू की टाँगो के दरम्यान बैठी उसके लॅंड को कभी अपने होंटो से टच करती ऑर कभी होंटो से लगाती, ऑर साथ साथ कहती मेरा शायरर्र्ररर . . . अभी तुम ने मुझे बोह्त मज़ा देना है. ऑर अपना जूस भी पिलाना है .बचपन की यादें ताज़ा करनी हैं . . .

अपी की नज़र मुझ पर पड़ी जो अपनी फुद्दि मे अली का लंड लिए इर्द गिर्द से बे खबर अपनी चुदाई मे मसरूफ़ थी ,अब फारिघ् हो कर ऐक तरफ लेट गई थी.

"भाई क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हैं,पहले कभी नही देखा क्या हमे ?? "

नही अपी, मे सोच रहा हूँ मेरे लॅंड की प्यास इस वक़्त कोन बेहतर भुजा सकता है" मे ने आँख मारते हुए कहा

अपी मुस्करा दी" अभी आपकी अपी मे इतना दम है कि आप के शोनी मोनी शायर की प्यास को अपनी फुददी से ख़तम कर सके"

अभी मे ने खुशी मे मेरा अपना ऐक कदम अपनी अपी की तरफ बढ़ाया ही था कि दरवाज़े पर दस्तक की आवाज़ आई,ऑर हम सब परेशान हो गये कि इस वक़्त कॉन आ सकता है!!!!

अम्मी जो मामू का लॅंड फुद्दि मे डाल चुकी थी, फॉरन से उछल पड़ी ऑर मुझे कहा " नसीर देखना इस वक़्त कॉन आगया है कही तुम्हारे अबू ही ना आ गये हों" ऑर हम ने जल्दी जल्दी कपड़े पहन'ने लगे.मामू को मे ने अपने कमरे मे अली के साथ भेज दिया ऑर अपी अपनी कमरे मे चली गई.मे जल्दी से दरवाज़े की तरफ दौड़ा ,दरवाज़ा खोला तो अबू ही थे.शूकर कि हम ने दरवाज़े की कुण्डी भी लगा रखी थी वरना गेट की चाबी तो अबू के पास मोजूद थी.

"आज बहुत जल्दी आ गये आप"मे ने सलाम का जवाब देते हुए पूछा

"हाँ बेटा, आज काम कुछ ज़्यादा नही था,जल्दी छुट्टी हो गई"

मे मायूस अपने कमरे मे वापिस आ गया. मंज़िल के बहुत करीब आकर मंज़िल को खो देने का कितना दुख होता है आज इस बात का ठीक से अंदाज़ा हो रहा था.अबू के डर की वजह से ऑर आने वेल ख़तरे के डर से मेरा उठा हुआ लंड भी बैठ चुका था ऑर दिल की धड़कन जो तेज हो चुकी थी अब काफ़ी हद तक नॉर्मल हो चुकी थी.

अबू आते ही रूम की तरफ चले गये और मैं डोर को लॉक कर के अपने रूम मे आ गया और अबू को कोसने लगा कि आख़िर थोड़ा और लेट नही आ सकते थे क्या

कुछ देर के बाद अपी मेरे रूम मे खाना ले के आ गई तो मैने कहा अपी मेरा कुछ सोचो प्लज़्ज़्ज़

अपी ने मुस्कुराते हुए कहा मेरे भाई क्या हो गया है मैं हूँ ना

मैने कहा अपी अब हम कैसे करेंगे क्योकि अबू भी घर पे ही हैं अब तो

अपी ने कहा भाई वो अपने रूम मे ही रहेंगे रात को मेरे रूम मे नही

अपी की बात सुन कर मैं खुश हो गया और बोला लेकिन अपी नेलु भी तो हो गी ना वहाँ

अपी ने कहा तो क्या हुआ मेरी जान अम्मी के पास नींद की गोलियाँ जो पड़ी हैं वो कब काम आएँगी

मैं खुश हो गया और उठ कर अपी से लिपट गया और उन्हे किस करने लगा तो अपी ने मुझे पीछे धकेल दिया और बोली अभी नही रात को 11 बजे के बाद मेरे रूम मेफारिघ् होने के बाद हम सब ऐक दूसरे से अलग बे सुध हो कर लेट गये. मैं ने अम्मी से पूछा नेलु कहा है तो अम्मी ने बताया वो शायद ज़ारा की तरफ गई हे. फिर हम सब बारी बारी वॉशरूम से फारिघ् होने के बाद बाहर इकट्ठे बैठ कर बातें करनी लगे. मेरी नज़र अपी के बूब्स पर टिक कर रह गई थी. ऑर अपी के बूब्स के मुतलिक सोच सोच कर मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया था. अम्मी ने मेरी नज़रों का पीछा किया तो मुस्करा कर बोली नसीर बेटा क्या सोच रहे हो.मे चोंक गया ओर बोला "कुछ नही अम्मी जान" "कोई तो बात है क्या अपनी अपी का दूध पीने को दिल कर रहा है??" मे जवाब मे सिर्फ़ मुस्करा दिया मेरी मुस्कराहट को देखती ही अपी भी बोल पड़ी " बेचारा मेरा भाई इतनी मेहनत तो करता है, अगर उस का दिल कर रहा है तो पिला देना चाहिए, पियेगा नही तो जान कैसे आएगी ,ऑर जान नही हो गी तो फिर हमे मज़ा कॉन दे गा" अपी का इतना कहना था कि हॉल हमारी हँसी से गूँज उठा, इतनी मे दरवाज़े पे दस्तक हुई तो मे ने दरवाज़ा खोला सामने नीलू ही खड़ी थी.जानी क्यू मे चाह कर भी अपनी छोटी बहेन से नज़रें नही मिला पा रहा था, शायद अपनी उस दिन की हरकत की वजह से. खैर दोपहर का खाना तैयार हुआ ऑर हम सब ने मिल कर खाना खाया ऑर इधेर उधर की बातों मे मसरूफ़ हो गये .बातों बातों मे मैं ने अपी से रात के मुतलिक पूछा तो उन्होने ने आज के लिया मना कर दिया. मे भी यही चाहता था.रोज़ रोज़ की चुदाई से सेहत बिगड़ने का भी ख़तरा होता है. ईद ऐसे ही गुज़र गई ऑर मेरी जॉब फिर से स्टार्ट हो गई.जॉब पे जाते ही सफदार ने पकड़ लिया ऑर ईद पे ना मिलने का शिकवा करने लगा . मगर मे तो दिल ही दिल मे मुस्करा रहा था कि दोस्त जब 2 2 फुद्दियाँ सामने हों तो दुनिया वालो को कॉन पूछता है .उस वक़्त तो अपनी भी बेगानी हो जाती हैं.दिन तेज़ी से गुज़रने लगे ऑर सारा दिन जॉब पर होने की वजह से अपी ऑर अम्मी की फुद्दि लिए काफ़ी दिन गुज़र गये .सनडे को अबू भी घर होते तो हफ्ते की रात भी कुछ करना मुश्किल होता, ऑर बाकी दिनो मे मजे जॉब से फ़ुर्सत नही मिलती थी.इक रात मे जल्दी ही जॉब से घर वापिस आ गया तो अम्मी ने दरवाज़ा खोला . .


"अच्छा हुआ तुम आ गये नसीर"अम्मी ने मुझे देखती ही मुस्करा कर कहा

"क्यू ख़ैरियत क्या चल रहा है" मे ने सवालिया नजरो से पूछा

"कुछ भी नही ब्स प्यार की होली खेली जा रही हे"

"अबू घर नही हैं क्या " मे ने जल्दी जल्दी मे पूछा

"नही, हों भी तो क्या फ़र्क पड़ता है, नींद की गोलिया उनकी मोजूदगि का हल है ना" अम्मी ने आँख मारते हुए कहा

मे मुस्करा कर अम्मी से लिपट गया ऑर दरवाज़े पर ही उनके कपड़े उतारने लगा

"इतनी भी जल्दी क्या है , अभी आए हो, फ्रेश तो हो जाओ"

मे जल्दी से अपनी रूम मे गया ऑर नहा के सीधा अम्मी के रूम मे चला.रूम मे दाखिल होते ही मे हक्का बक्का रह गया क्यू कि आज मेरी जगह मामू ने ले ली थी. अली ऑर मामू दोनो अपी ऑर अम्मी को जम के चोद रहे थे. मतलब मेरी गैर मोजोदगि का भरपूर फ़ायदा उठाया जा रहा था.सब नंगे ही बेड ऑर सोफे पर ऐक दूसरे के लंड ऑर फुद्दि से खैल रहे थे. इतने दिन चुदाई ना करने की वजाह से मे तो पहली ही बहुत एग्ज़ाइट था ,ऑर मेरा लंड फुल हार्ड था. मगर कमरे का नज़ारा देख और तन गया.अम्मी मामू की टाँगो के दरम्यान बैठी उसके लॅंड को कभी अपने होंटो से टच करती ऑर कभी होंटो से लगाती, ऑर साथ साथ कहती मेरा शायरर्र्ररर . . . अभी तुम ने मुझे बोह्त मज़ा देना है. ऑर अपना जूस भी पिलाना है .बचपन की यादें ताज़ा करनी हैं . . .

अपी की नज़र मुझ पर पड़ी जो अपनी फुद्दि मे अली का लंड लिए इर्द गिर्द से बे खबर अपनी चुदाई मे मसरूफ़ थी ,अब फारिघ् हो कर ऐक तरफ लेट गई थी.

"भाई क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हैं,पहले कभी नही देखा क्या हमे ?? "

नही अपी, मे सोच रहा हूँ मेरे लॅंड की प्यास इस वक़्त कोन बेहतर भुजा सकता है" मे ने आँख मारते हुए कहा

अपी मुस्करा दी" अभी आपकी अपी मे इतना दम है कि आप के शोनी मोनी शायर की प्यास को अपनी फुददी से ख़तम कर सके"

अभी मे ने खुशी मे मेरा अपना ऐक कदम अपनी अपी की तरफ बढ़ाया ही था कि दरवाज़े पर दस्तक की आवाज़ आई,ऑर हम सब परेशान हो गये कि इस वक़्त कॉन आ सकता है!!!!

अम्मी जो मामू का लॅंड फुद्दि मे डाल चुकी थी, फॉरन से उछल पड़ी ऑर मुझे कहा " नसीर देखना इस वक़्त कॉन आगया है कही तुम्हारे अबू ही ना आ गये हों" ऑर हम ने जल्दी जल्दी कपड़े पहन'ने लगे.मामू को मे ने अपने कमरे मे अली के साथ भेज दिया ऑर अपी अपनी कमरे मे चली गई.मे जल्दी से दरवाज़े की तरफ दौड़ा ,दरवाज़ा खोला तो अबू ही थे.शूकर कि हम ने दरवाज़े की कुण्डी भी लगा रखी थी वरना गेट की चाबी तो अबू के पास मोजूद थी.

"आज बहुत जल्दी आ गये आप"मे ने सलाम का जवाब देते हुए पूछा

"हाँ बेटा, आज काम कुछ ज़्यादा नही था,जल्दी छुट्टी हो गई"

मे मायूस अपने कमरे मे वापिस आ गया. मंज़िल के बहुत करीब आकर मंज़िल को खो देने का कितना दुख होता है आज इस बात का ठीक से अंदाज़ा हो रहा था.अबू के डर की वजह से ऑर आने वेल ख़तरे के डर से मेरा उठा हुआ लंड भी बैठ चुका था ऑर दिल की धड़कन जो तेज हो चुकी थी अब काफ़ी हद तक नॉर्मल हो चुकी थी.

अबू आते ही रूम की तरफ चले गये और मैं डोर को लॉक कर के अपने रूम मे आ गया और अबू को कोसने लगा कि आख़िर थोड़ा और लेट नही आ सकते थे क्या

कुछ देर के बाद अपी मेरे रूम मे खाना ले के आ गई तो मैने कहा अपी मेरा कुछ सोचो प्लज़्ज़्ज़

अपी ने मुस्कुराते हुए कहा मेरे भाई क्या हो गया है मैं हूँ ना

मैने कहा अपी अब हम कैसे करेंगे क्योकि अबू भी घर पे ही हैं अब तो

अपी ने कहा भाई वो अपने रूम मे ही रहेंगे रात को मेरे रूम मे नही

अपी की बात सुन कर मैं खुश हो गया और बोला लेकिन अपी नेलु भी तो हो गी ना वहाँ

अपी ने कहा तो क्या हुआ मेरी जान अम्मी के पास नींद की गोलियाँ जो पड़ी हैं वो कब काम आएँगी

मैं खुश हो गया और उठ कर अपी से लिपट गया और उन्हे किस करने लगा तो अपी ने मुझे पीछे धकेल दिया और बोली अभी नही रात को 11 बजे के बाद मेरे रूम मे
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है - by sexstories - 08-12-2018, 12:27 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,645,296 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 561,226 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,295,045 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 978,645 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,735,939 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,148,895 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,069,903 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,466,328 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,163,081 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 298,716 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)