RE: XXX Chudai Kahani प्यारी मौसी
मैने अपने लंड को बिना हिलाए डुलाए मौसी का ध्यान टालने के लिए उसके पेट और
आर्म्पाइट्स पर चूमना और चाटना शुरू कर दिया और मेरा लंड उसकी गंद की गहराई
में पूरा समाया हुआ था लेकिन मौसी को अभी उसका अहसास नही कराना चाहता था.
मौसी पेट और बूब्स के बल चित लेटी हुई और उसके चूचिया बेड पर चिपकी
हुई सी थी मैने धीरे धीरे एक हाथ से उसके चूचो पर भी दबाव बना
शुरू कर दिया और पूरी स्पीड से उसकी बॅक, नेक, आर्म्पाइट और उसके बूब्स की जध
पर भी होंठों (लिप्स) से चुम्मा ले लेता था.
मैने उसकी बॉडी के उपर के पूरे हिस्से पर अपनी जीभ, होंठो और कभी
कभी ज़्यादा मस्ती के लिए हल्का सा काट भी लेता था और उसको फूलटो मस्त करने
की पूरी कोशिश कर रहा था.
अब जब मौसी की गंद मस्ती में बिल्कुल मस्त हो गयी तो वो मस्ती में अपने पैर
पटक कर और अपने चूचे उठाकर मुझे अपने बूब्स दबवाने और गंद ठोकने के
लिए और एग्ज़ाइट कर रही थी.
दोस्तों/सहेलियों में भी उसकी मस्ती का पूरा ख़याल रखते हुए उसके सर से
पैरों तक हर पार्ट को पूरा एग्ज़ाइट करने में लगा था यहाँ तक की मैं अपने
दोनो पैरो से उसकी टाँगों, पैरों और फुट फिंगर पर भी मसाज करके उसकी
प्यास को बढ़ाने की कोशिश कर रहा था.
अब तो वह गंद मस्ती में अपने चूतड़ उठा उठा कर अपनी गंद के रास्ते को और
खोलकर गंद मस्ती का सिग्नल दे रही थी.
जब मुझे पूरा विश्वास हो गया कि वो पूरी तरह मस्त हो गयी है तो मैने धीरे
धीरे अपने लंड को उसकी गंद में लेफ्ट राइट अंदर ही घुमाना सुरू कर दिया
जिससे उसको परेशानी भी ना हो और मुझे भी मेहनत कम करनी पड़े.
मैं गंद मस्ती के लिए केवल उसकी गंद पर ही कॉन्सेंट्रेट ना करके उसकी पूरी
बॉडी को एग्ज़ाइट कर रहा था.
मेरे ऐसा करने से वो अपनी गंद और चूतड़ और ज़ोर से उपर नीचे करने लगी
और मस्ती में में मोन करने लगी अहह, कुउहह, एम्म, ऊऊहह,
माआज़्ज़ा आआ गययायाअ कुउस्स्स्स्सह आौर ज्ज्ज्जॉर्र्र्सस्ससी ढाका लागाऊव
आअज्जजज टू फछद के ही राआआआख दूवग़ग्गीई,
फॅट जाए साली पर ऐसा मज़्ज़्ज़्ज़्ज़ म कुउुउउस्स्स्शह.
मुझहह्े तो पााात्ताआआ हीईीई नहियीईई त्ााअ गंदड़ मसत्त्तिईइ
कककककाा म्माज़्ज़ाआ आअहह. मौसी की सी चीख पुकार से पायल जाग गयी थी या
वो पहले ही जागी हुई थी और अब कंबल से मूह बाहर निकाल कर चुपचाप हमे
देख रही थी पर वो शायद नींद और नंगे होने की वजह से चुप थी.
इससे मुझे बड़ी राहत मिली क्योंकि मेरा अगला टारगेट तो उसी की गंद थी और फाइनल
टारगेट उसकी चुदाई.
मौसी की गंद मस्ती में आने के बाद मैं तो एक दम नॉर्मल और रिलॅक्स हो रहा
था क्योंकि मुझे बिल्कुल मेहनत नही करनी पड़ रही थी वो अपनी गंद और
चूतड़ उठा उठा कर अपनी गंद खुद मरवा रही थी,
मैं बस उसके चूचों और उपर की बॉडी पर अपने होंठों से अपना प्यार बरसा
रहा था.
इस समय सचमुच मैं और मौसी मस्ती की फाइनल स्टेज पर थे और दोनो दुनिया
से और बगल में लेटी पायल से बेख़बर गंद मस्ती का आनंद ले रहे थे और
मुझे भी पहली बार गांद मारने में इतना मज़्ज़ा आया.
जब मौसी कुच्छ थकने लगी तो मैने अपने लंड का ज़ोर दिखाना सुरू कर दिया और
अब मैं उसकी गांद में अपना लंड पूरी ताक़त से उपर नीचे पेलने लगा और
मौसी फिर मस्त हो गयी और घुटनो पर टिककर अपनी गंद को उपर कर लिया ताकि
उसकी गंद में मेरा लंड पूरी तरह समाता रहे.
बगल में लेटी पायल चुप दिखती थी पर शायद उसके अंदर भी मौसी की चुदाई
को देखकर वासना(सेक्षुयल डिज़ाइर) का तूफान ज़रूर उठ रहा होगा.
कुच्छ देर बाद मेरे लंड के अंदर हरकत होनी सुर हो गयी और मुझे लगा कि
मेरा माल बाहर आने वाला है तभी मौसी बोली कुश प्लीज़ अब मैं थक रही
हू थोड़ा रूको और इतना कहकर वह चित लेट गयी मैने भी उसके दोनो हाथों को
अपने हाथों से दबाकर अपना लंड पूरे दबाव के साथ उसकी गंद में ठोक दिया.
तभी मेरे लंड की पिचकारी उसकी गंद में छ्छूट गयी और वो कहने लगी कुश
लगता है तुम्हारे पिचकारी की बौछार हो गयी है.
इसके बाद मैं कुछ देर लंड उसकी गंद में डाले हुए ही शांति से उसके उपेर
लेटा रहा फिर मैने धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और वह
बिल्कुल मुनक्के की तरह सिकुड गया था.
जैसे ही मैने अपना लंड बाहर निकाला मौसी की नज़र बगल में लेटी पायल की
तरफ गयी और उसने मेरी नज़रें बचाते हुए पायल को आँख मारी
(जैसे की चुदवाने का राइट टाइम आ गया है).
फिर मौसी ने अपने ब्लाउस को पहना और पेटीकोट को बांधने लगी और मैने अब
पायल की ठुकाई करने की सोची.
जैसे ही मौसी अपनी सफाई के लिए बाहर गयी मैने एकदम कंबल उठाया और
पायल एकदम नंगी पीठ के बल लेटी थी.
मैं बिना देर लगाए पायल के पेट के उपेर बैठ गया और उसकी दोनो
चूचियो को दोनो हाथों से पकड़ लिया और अपना लंड उसकी दोनो चूचियों के
बीच में रखकर चुदाई वाली स्टाइल में रगड़ने लगा.
यह सब इतनी जल्दी हुआ की पायल कुछ समझ ही नही पाई.
इससे मेरा लंड सॉफ हो गया दूसरा मेरे लंड की रगड़ से मेरा लंड भी फिर से
टाइट होने लगा और पायल की ठुकाई की तय्यारी सुरू हो गयी.
इस बार जैसे ही पायल मस्ती में आने लगी और आ उूउउ म्म्म्ममममममम करने
लगी तो मैने मौका देखते ही अपना लंड उसके खुले मूह के अंदर डाल दिया.
ऐसा करके मैने अपने लंड का इंट्रोडक्षन पायल को करा दिया.
पायल मेरे से किसी भी तरह बच नही सकती थी और उसे मज़ा ज़रूर आ रहा
था क्योंकि वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे उसकी बेबी उसका चूचियों
से दूध पी रही हो.
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