RE: Hindi Porn Kahani बजाज का सफरनामा
बजाज का सफर
दोस्तों ये कहानी नाहु मेरा सच्चा और हॉट अनुभव है में आशा करता हूँ कि आप लोगों को मेरी यह स्टोरी भी पसंद आयेगी। अब मेरी कहानी शुरू होती है।
मेरा नाम संजय है, मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है।
मेरी अजमेर में गिफ्ट शॉप है तो उसी सिलसिले में कुछ सामान खरीदने अजमेर स्व मुंबई जा रहा था। मेरी टिकट एक लग्जरी स्लीपर बस में करवा दी थी, क्योंकि में ट्रेन से जाने के मूड में नहीं था। मैंने शाम को 5 बजे बस पकड़ी, बस में ज़्यादा लोग नहीं बैठे थे, उसमे आगे कुछ कपल बैठे थे और उनके पेरेंट्स थे और बीच में मैं और आख़री सीट में एक छोटी सी फेमिली थी। थोड़ी देर में अगला स्टेशन आया तो कुछ लोग चढ़ने लगे और एक कपल जिसमें एक आदमी, उसकी पत्नी और 2 बच्चे थे, एक लड़का जो 4 साल का था और बहुत ही खूबसूरत था और उसकी एक 3 साल की लड़की थी। उन लोगों की सीट मेरे बाज़ू में थी।
फिर बस स्टार्ट हुई और वो औरत झुककर अपने बैग को सीट के नीचे रख रही थी। उसका आदमी आराम से बैठ गया था और उसके दोनों बच्चे पीछे की सीट पर बैठे थे। फिर अचानक से मेरी नज़र उस पर पड़ी, उसका पल्लू नीचे गिरा था और उसके बूब्स मेरी आँखों में समा गये थे। मैंने एक पल के लिए भी उनसे अपनी निगाह नहीं हटाई, उसने मुझे नोटीस किया और एडजस्ट करते ही बैठ गयी। उसने काले कलर की साड़ी पहनी थी और क़यामत ढा रही थी, उसका फिगर 36-28-36 होगा, स्लिम बॉडी और बहुत गोरी थी और साड़ी भी उसने नाभी के नीचे बांध रखी थी। फिर हम सब बैठे हुए थे और में अपना मोबाईल निकाल कर गाने सुन रहा था। फिर धीरे-धीरे रात होने लगी और फिर रात के 10 बजे बस एक मस्त से ढाबे पर रुकी, में उतरकर वॉशरूम गया और फिर मैंने टाईम पास के लिए कुछ स्नेक्स और कोल्ड ड्रिंक्स ले ली और वो औरत भी अपने बच्चो को लेकर वॉशरूम गयी और उसने कुछ स्नेक्स नहीं लिया, क्योंकि उसका पति बहुत गहरी नींद में सोया हुआ था तो वो ढाबे पर नहीं उतरा था।
फिर बस चलने के लिए तैयार थी और फिर सब आकर बैठ गये, उसका पति खिड़की वाली सीट पर था और वो उसके बाज़ू में और उसके बच्चे पीछे वाली सीट पर थे। फिर अचानक उसकी बच्ची रोने लगी कि उसको विंडो सीट पर बैठना है, लेकिन वो बच्चा नहीं मान रहा था और उसका पति विंडो सीट पर सो गया था, तो मैंने उन्हें कहा कि आप अपनी बच्ची को मेरी विंडो सीट पर बैठा दो, तो उसने पहले मना किया कि आप क्यों हट रहे हो। फिर मैंने उसे समझाया कि बच्चो का दिल नहीं तोड़ते है और में बाज़ू की सीट पर बैठ गया और उसकी बच्ची को विंडो सीट पर बैठा दिया। फिर मैंने उसकी बच्ची को बहुत खुश किया मेरा मतलब स्नेक्स खिलाया, मोबाईल दिया और मुझसे उसकी माँ भी खुश हो गयी। फिर उसने मुझसे पूछा कि आप कहाँ जा रहे हो, तो मैंने कहा मुम्बई तो उसने भी कहा कि वो लोग भी वहीं जा रहे है। फिर मैंने उससे फ्लर्ट करने की सोची और फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने उसका नाम बिट्टू बताया फिर हमारी बातें शुरू हुई।
बिट्टू : मुम्बईमें कहाँ जा रहे हो?
में : दुकान के सिलसिले में जा रहा हूँ।
बिट्टू: ओह्ह्ह, तो आप क्या करते हो?
में : (मज़ाक से कहा की) खुश करता हूँ।
बिट्टू: उसने मुझे देखते हुए कहा कि कैसे खुश करते हो।
में : अरे, वो तो मैंने आपसे ऐसे ही कहा, मेरी शॉप अजमेर में है, में वो चलाता हूँ।
बिट्टू : अच्छा हुआ कि आपकी कंपनी मिल गयी वरना में तो अकेले बैठे-बैठे बोर हो रही थी, मेरे पति भी सो गये है।
में : हाँ इतना काम, मेहनत जो करते होगे बेचारे।
फिर उसने सेक्सी सी स्माइल दी, शायद वो मेरी बात समझ गयी हो। उतने में उसकी बेटी भी सो गयी थी। फिर मैंने उससे कहा कि आपकी बेटी भी सो चुकी है तो उसने देखा और कहा कि लाओं में उसे पीछे वाली सीट पर सुला देती हूँ। जब में उसे उसकी बेटी दे रहा था, तब मेरा हाथ उसके बूब्स से चिपक गया और मुझे बहुत गर्म-गर्म महसूस हुआ, जैसे वो एकदम गर्म हो चुकी है। फिर उसने भी मेरा हाथ नोटिस किया और बच्ची को लेकर पीछे वाली सीट पर सुला दिया। अब रात बहुत हो चुकी थी और बस की लाईट भी बंद थी और सब सोए हुए थे, तो में अपने मोबाईल में गाने सुनने लगा तो उसने रिक्वेस्ट की कि वो भी गाने सुनना चाहती है, क्योंकि उसे नींद नहीं आ रही थी।
फिर मैंने उसे लेफ्ट साईड का इयरफोन उसको दे दिया, हम लोग थोड़ा दूर-दूर बैठे हुए थे तो इयरफोन बार बार उसके कान से निकल रहा था, तो मैंने उसे अपने बाज़ू वाली सीट पर बैठने को बोला तो उसने हाँ कहा और अपने पति को चेक किया कि वो सो रहा है या नहीं? फिर मेरे बाज़ू में आकर बैठ गयी
|