RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
हॉल मे चल रहा था बंद हो गया….पर छत पर लगा पंखा चल रहा था…घर मे इनवरटर था…पर उसका कनेक्षन सिर्फ़ पँखो और लाइट्स को ही दिया गया था…जब अकसर गर्मियों मे लाइट चली जाती थी….तो ममता वशाली किरण और विनय सब अपने-2 रूम्स के फॅन्स बंद करके बाहर हॉल मे फॅन के नीचे बैठ जाते थे…क्यों कि कभी-2 लाइट शाम 6-7 बजे तक भी नही आती थी….सिर्फ़ एक पंखे से इनवरटर के खपत कम होती थी….जैसे ही लाइट गई तो, विनय ने उठ कर अपना पंखा बंद किया…और बाहर हॉल मे आ गया.
जब विनय ने किरण को भी वही बैठे देखा तो, वो सर झुकाए हुए चुपचाप आकर नीचे चटाई पर लेट गया….तभी बाहर डोर बेल बजी, तो किरण ने बाहर जाकर गेट खोला तो देखा सामने शीतल खड़ी थी…”किरण लगता है…हमारा एक शॉपिंग बॅग तुम्हारे पास आ गया है….” शीतल ने अंदर आते हुए कहा…”अच्छा मेने तो देखा भी नही..आई अंदर चलिए…शीतल अंदर आकर विनय के पास नीचे चटाई पर बैठ गई…और विनय से बातें करने लगी…किरण अपने रूम मे गई और फिर शॉपिंग बॅग्स देखे तो, उनमे से शीतल का शॉपिंग बॅग मिल गया…वो शॉपिंग बॅग को लेकर बाहर आई और शीतल को दिया….
किरण: दीदी आप बैठो और अपने भानजे से बातें करो….मे नहा कर आती हूँ…
ये कह कर किरण बाथरूम मे चली गई…फिर करीब 10 मिनिट बाद किरण फरोज़ी रंग की साड़ी और ब्लाउज पहन कर बाहर आई…और वही चटाई पर नीचे बैठ गई. शीतल और किरण ने कुछ देर बातें की और फिर शीतल चली गई….किरण गेट बंद करके आई, और विनय के पास आकर बैठ गई…विनय आँखे बंद किए हुए लेटा हुआ था. किरण ने चटाई पर बैठते ही, अपनी साड़ी का पल्लू एक साइड पर कर लिया….किरण ने ब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई थी…किरण की ये साड़ी उसकी शादी के समय की थी…जिसका ब्लाउज अब उसे तंग हो चुका था….इसलिए उसने इस साड़ी को पहनना ही छोड़ दिया था. उसके तंग और छोटे से ब्लाउज मे उसकी चुचियाँ एक दम कसी हुई थी…
किरण की आधे से ज़्यादा चुचियाँ उसके ब्लाउज के ऊपेर से बाहर को सॉफ दिखाई दे रही थी….अपने पास मामी के बैठने की आहट को सुन कर विनय ने जैसे ही आँखे खोल कर किरण की तरफ देखा, तो विनय की आँखे फटी की फटी रह गई…किरण की बड़ी-2 गोरी चुचियों को देखते ही उसकी ज़ुबान उसके हलक मे अटक गई…किरण की गुदाज चुचियाँ आधे ज़्यादा उसके ब्लाउज से बाहर थी….
और ऐसा लग रहा था कि, उसकी चुचियाँ अभी ब्लाउज फाड़ कर बाहर आ जाएँगी….विनय बिना पलकें झपकाए अपनी मामी के ब्लाउज से झाँक रही चुचियों को देख रहा था….किरण भी अपनी खूबसूरत चुचियों को तरसती नज़रों से देख रहे विनय को देख कर मंद-2 मुस्करा रही थी… जैसे मन ही मन सोच रही हो कि, विनय उसके जाल मे फँसता जा रहा है…
“क्या हुआ नींद आ रही है…” किरण ने एक दम से विनय के साथ पर हाथ रखते हुए कहा…और धीरे-2 उसके बालो को सहलाने लगी…विनय मामी की आवाज़ सुन कर एक दम से घबरा गया…मामी भी उसके बदन की कंपन को महसूस कर चुकी थी. उसे पता चल गया था कि, विनय घबरा गया है….यही तो वो नही चाहती थी कि, विनय उससे डरे…और उससे दूरी बनाए…उसने विनय के करीब खिसकते हुए विनय के सर को दोनो हाथो से उठा कर अपनी जाँघो पर रख लिया…और विनय को अपने बदन से चिपकाते हुए झुक कर उसके गाल को चूम लिया….ऐसा करने से किरण की बड़ी-2 ब्लाउज कसी हुई चुचियाँ विनय के फेस पर दब गई….
विनय के गाल को चूमने के बाद वो सीधी हुई, और एक हाथ से विनय के सर को सहलाते हुए दूसरे हाथ से उसके कंधे पर थपकी देने लगी…विनय तो जैसे स्वर्ग मे पहुँच गया था….फेस के ठीक ऊपेर उसकी मामी के ब्लाउज मे कसी हुई चुचियाँ थी….वो बिना हीले डुले वैसे ही लेटा रहा…धीरे-2 उसकी आँखे नींद से बंद होने लगी…और उसने अपनी आँखे बंद कर ली…किरण ने जब देखा कि विनय की आँखे बंद है तो, उसने विनय के सर को अपनी जाँघो से नीचे उतारा….और उसके सर के नीचे एक तकिया रख कर चटाई पर लेटा दिया…”विनय सो गए क्या….” किरण ने आवाज़ लगा कर विनय को जाँचना चाहा….विनय ने मामी की आवाज़ तो सुनी पर आँखे बंद किए लेटा रहा….
किरण: उफ्फ कितनी गरमी है आज…….और ये ब्लाउज भी बहुत टाइट है…..
किरण ने अपने ब्लाउज को अड्जस्ट करते हुए कहा…..किरण उस समय नही जानती थी कि, विनय अभी जगा हुआ है…पर किरण के दिमाग़ मे ये था कि अगर विनय जागा भी हुआ है तो, उसके पास एक अच्छा मोका है…उसने विनय की तरफ ना देखते हुए दूसरी तरफ फेस घुमा लिया और अपने ब्लाउज के हुक्स खोलने लगी…..विनय ने हल्की से आँख खोल कर जब मामी की तरफ देखा तो, विनय का दिल जोरो से धड़कने लगा….किरण ने अपने ब्लाउज के सारे हुक्स खोल रखे थी…और उसकी बड़ी-2 चुचियाँ ब्लाउज से बाहर लटक रही थी….एक दम गोरे रंग की चुचियों पर काले रंग के गहरे निपल कियामत ढा रहे थे…विनय का दिल किया कि वो अभी मामी की चुचियों को अपनी मुत्ठियों मे भर कर दबा दे….निचोड़ ले और मामी की बड़ी-2 चुचियों को लेकर मुँह मे चूसे….
पर विनय मे इतनी हिम्मत कहाँ थी….जो थी वो भी मामी की बड़ी-2 चुचियों को देख कर हवा हो गई थी….
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