RE: Bhai Behen Sex Kahani साला बहन्चोद कहीं का
अशोक के इस कामीनेपन से मनीषा के मन मे भी कमीनपन जाग जाता है वो अपनी अलमारी खोलती है ऑर कुछ पुराने कपड़े निकालती है ऑर उसे वो मिल जाता है जो वो ढूँढ रही थी.... ऑर वो खुश हो कर अपने मन मे कहती है....
मनीषा- बेटा आज तो तूने मेरी चूत को ललचा दिया अब देख मे तेरे लंड को केसे मचलने पे मजबूर करती हू... तेरा लंड तड़पने लगेगा मेरी चूत मे घुसने के लिए पर तू कुछ नही कर पाएगा बस बैठे बैठे अपने लंड को तड़पते हुवे देखेगा......
शाम को जब अशोक वापिस आता है तो दीदी को सुबह वाले कपड़ों मे देख कर वो मन मे सोचता है कि आज तो मेरे लंड के पानी ने उसकी चूत को पूरा भीगा दिया होगा काश मे सचमुच मे दीदी को चोद कर अपने लंड का पानी उसकी चूत की पॅल्को के उपेर डाल पाता....
अशोक- अपने मन मे.... ना ऐसे मज़ा नही आएगा दीदी को चोद चोद कर अपना लंड पूरा जड़ तक घुसा कर फिर पानी अंदर छोड़ देने का ऑर फिर दीदी को खड़ा कर के उसके पैरो को थोड़ा फेला कर फिर अपनी उंगलियो से उसकी चूत के लिप्स को खोल कर उसके छेद से अपने लंड का पानी टपकते हुवे देखने मे मज़ा आ जाएगा
ये सब बाते सोच सोच क उसका लंड तन्नाए जा रहा था ऑर वो बैठे बैठे अपने ख़यालो मे अपने लंड को मसल रहा था.... इतने मे मनीषा भी हॉल मे 2-3 बार आ के जा चुकी थी ऑर अपने भाई को अपना लौडा मसल्ते हुए देख चुकी थी..
वो भी समझ चुकी थी कि उसका भाई कितना बड़ा बेहन्चोद है...
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