RE: Bhai Behen Sex Kahani साला बहन्चोद कहीं का
आज मनीषा फुल सेक्सी मूड मे थी कल रात को एक लड़के से सेक्सी बाते कर रही थी नेट पे अपनी फेक प्रोफाइल से उसकी चूत कल रात की बाते याद कर के फिरसे गीली हो गयी थी... ओर वो बाल्कनी मे कपड़े सुखाने को डाल कर वही खड़ी हो कर कल की बाते याद कर रही थी
ऑर यहा अशोक कुछ दिनो तक बर्दाश्त करता
रहा ऑर बस देख देख कर अपनी आखे ठंडी करता रहा फिर एक दिन उसने हिम्मत की क चलो जो होगा देखा जाएगा.... उसे अपने लंड पे दीदी की चूत या गान्ड का स्पर्श महसूस करना था वो बस मोका ढूँढ रहा था फिर एक दिन उसे मोका मिला उसकी बेहन बाल्कनी मे खड़ी थी ऑर मम्मी नहाने गयी थी... उसने पहले अपनी बेहन का पूरा बदन गोर से देखा वो झुकी हुई खड़ी थी बाल्कनी मे ऑर उसकी गान्ड का उभार देख कर उसका लंड खड़ा हो रहा था फिर उसने गोर किया कि उसके पाजामे के उपेर से उसकी पैंटी की लाइन्स नही नज़र आ रही वो समझ गया कि दीदी ने आज पैंटी नही पहनी है.... वो धीरे धीरे उसके करीब गया ऑर अपना लंड पाजामा ऑर अंडरवेर के अंदर हाथ डाल कर अपना लंड बाहर निकाला ऑर जा कर सीधा लंड उसकी बेहन की गान्ड की गॅप मे घुसा डाला ऑर अपने दोनो हाथो से उसकी आखे बंद कर दी... मनीषा पहले तो होश ही खो बैठी जब कोई मोटी चीज़ सीधा उसकी गान्ड मे धसि तो... जेसे तेसे वो हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी ऑर यहाँ अशोक बेफिकर हो कर अपना लंड अपनी बेहन की गान्ड की दरार मे धसाए हुए था क्यूंकी इस बार उसने पहले से ही पॉकेट मे मोबाइल रख दिया था ऑर अपने लंड को मस्ती मे बड़े प्यार से अपनी बेहन की गान्ड की दरार मे रगड़ रहा था मनीषा को इस बार पूरा यकीन हो गया कि ये जो मेरी गान्ड मे धस रहा है वो कोई मोबाइल वॉबाइल नही है ये तो 100% लंड ही है फिर मनीषा को भी हल्की हल्की चूत मे खुजली होने लगी थी वो भी जानती थी कि पीछे उसका भाई अशोक खड़ा है अपना मोटा लंड उसकी गान्ड मे धसाए हुए वो भी जानबूझ के अपनी सहेलियो का नाम लेने लगी कुछ देर तक दोनो भाई बेहन अपने अपने मज़े ले रहे थे अशोक थोड़ा झुका ऑर उसका लंड सरक के मनीषा की चूत पे जा कर रुक गया ऑर फिर अशोक ने अपने लंड को बढ़ाया तो उसके लंड का सुपाडा मनीषा की चूत पे दबाव देता हुआ अंदर घुसने की कोशिश कर रहा था मनीषा भी अपने पैरो को फैलाए उसके लंड के स्पर्श का भरपूर मज़ा ले रही थी... फिर कुछ देर बाद मनीषा ने कहा...
मनीषा- मे हार गयी बताओ तुम कॉन हो...? दिव्या हो....?
अशोक ने एक हाथ उसकी आखो पे रखा ऑर थोड़ा पीछे हो कर अपना लंड वापिस अंदर डाल लिया ऑर हाथ हटाते हुवे कहा
अशोक- मे हूँ दीदी.
मनीषा- मुझे लगा मेरी सहेली दिव्या है वो मुझे सर्प्राइज़ दे रही है...
फिर मनीषा ने पूछा क्या रखा है जेब मे मुझे लग रहा था...?
अशोक- मन मे कहता है मेरा काला मोटा लंड था... मोबाइल है दीदी
मनीषा- मन मे साला बेहन्चोद मोबाइल की आड़ मे अपना लंड रगड़ रहा था मेरी गान्ड ऑर चूत मे तो धसा ही दिया था ये तो साला अच्छा हुआ कि मेने पाजामा पहना था वरना पूरा लंड घुसा देता मेरी चूत मे.... हाए साले का लंड तो मस्त मोटा ऑर तगड़ा है चूत मे घुसेगा तो मज़ा आ जाएगा........
अशोक- क्या सोच रही हो दीदी...
मनीषा- अपने मन मे साले कल रात की वजह से मेरी चूत अबतक गीली है वरना तुझे इतना मज़ा कभी नही मिलता....... कुछ नही रे..
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