RE: Samuhik Chudai अदला बदली
फिर अमन को जैसा मैंने बताया था उसने मेरी चूत में एक उंगली डाली, अंगूठा मेरी मूतने वाली स्पॉट पे रखा और क्लिट पे अपना मुंह रखा.. और एक ही साथ तीनों जगह पे हरकते शुरू की.. मुझे काफ़ी पसंद आई उसकी पहली हरकते..
मिनी – बेटा, चूत में उंगली और डाल दे.. 2 उंगली और डाल.. 3 उंगली से चोद चूत को..
फिर अमन ने चूत में और भी 2 उंगली डाली और क्लिट को चूसना कंटिन्यू रखा..
मिनी – बहुत अच्छा बेटा, और स्पीड बढ़ाओ चूत को चोदने का..
फिर अमन ने चूत में उंगलियों की स्पीड और बढ़ा दी..
अब वो काफ़ी तेज़ी से मेरी चूत में उंगलियाँ अंदर बाहर करने लगा..
पहली बार ही सही पर वो मेरे क्लिट को अभी चूस ही रहा था.. उसकी लगातार कोशिश से मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया..
मिनी – बेटा, मैं झड़ रही हूँ.. चूत से अब रस निकलेगा.. अब क्लिट को छोड़ और मेरी चूत से जो रस निकाल रहा है उसे चाट.. चूत को उंगली से चोदते रहना..
फिर अमन ने वैसे ही किया.. मेरी चूत की सारी रस को चाट गया..
मैं मस्त गरम होने लगी थी..
मैंने उसे अपने ऊपर चाड़ने को बोला और 69 पोजीशन बनाने को बोला..
अब वो मेरी चूत चूसने लगा और मैं उसके लंड को चूसने लगी..
हम दोनों अपनी पूरी ताक़त से एक दूसरे को चूसते रहे..
मैं उसके लंड को अपने गाल से नाक से फोर्हेड से हर जगह रगड़ रही थी..
अमन ने चूसते चूसते मेरी चूत को पानी दूसरी बार निकाल दिया..
मिनी – बेटा, अब नहीं रहा जाता, चोद दे मेरी चूत को..
मैंने अपने चूत को और अच्छे से फैलाया.. वो अपनी लंड को अपने हाथ में लिए मेरी चूत की और आने लगा..
मैंने उसे अपने पैरों से जकड़ लिया..
मिनी – हाथ से मेरी चूत की स्किन को हटा, अपने लंड उस छेद के सामने फिट कर और धीरे से मेरी चूत में घुस जा..
फिर अमन ने वैसे ही किया, अपनी लंड को मेरी छेद के ऊपर रखा और धीरे धीरे प्रेशर दिया, उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया..
मिनी – एक बार और प्रेशर दो बेटा..
फिर अमन ने प्रेशर दिया, और लंड को और भी चूत में अंदर डाल दिया. अमन ने फिर एक फाइनल धक्का लगाया और उसका लंड मेरी चूत में पूरी तरह गोते खाने लगा..
मिनी – अब लंड को धीरे धीरे बाहर निकाल, ऐसे बाहर निकालना की सुपाड़ा अंदर ही रहे.. और फिर धक्का दे की फिर से पूरा लंड अंदर चला जाए..
अमन ने वैसा ही किया और धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा.. अमन ने थोड़े ही देर में पेस पकड़ लिया और मेरी चूत को चोदने की स्पीड बढ़ा दी..
मेरी चूत को लगातार अपनी लंड से थोक रहा था..
मैं भी उसके जकड़ ने उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ले रही थी..
थोड़ी देर तक अमन मुझे इसी पोज़िशन में चोदता रहा..
फिर मैं उसे अपने कब्ज़े से आज़ाद किया, उसके लंड से अपनी चूत निकाली.. उसे पकड़ के सोफे पे बैठाया..
उसके लंड को अपने हाथो से पकड़ के मैं उसकी तरफ पीठ करके उसके लंड पे बैठने लगी..
लंड पूरा का पूरा मेरी चूत के अंदर चला गया..
मैंने अमन को बोला की वो पीछे से मेरी चुचि मसलता रहे और मैंने उसके लंड को राइड करना शुरू किया..
मुझे ये पोज़िशन बहुत पसंद है, जितना मन हो उतना स्पीड से अपनी चूत को खुद ही चोद सकती हूँ..
अमन मेरी चुचि को दबाता रहा और मैंने तेज़ी से उसके लंड में अपना चूत डाल रही थी और निकाल रही थी..
अमन का लंड पूरी साइज़ में मेरी चूत के अंदर जा रहा था.. मैं भी गरम हो के उसका लंड राइड करते रही..
फिर मैंने अपना पोज़िशन चेंज किया और अब उसकी और मुंह करके फिर से उसके लंड में बैठ गई..
मैंने उसकी मुंह में चुचि घुसा दी और फिर से उसके लंड को राइड करने लगी..
फिर मैं थक के रुक गई थी और थोड़ा आराम करने लगी..
अमन ने अपना लंड चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया अपनी चुतड उठा उठा के..
फिर मैंने भी उसके फ्लो को जाय्न किया और अब मैं भी उसके लंड को राइड करने लगी और वो भी मेरी चूत को चोदने लगा.. थोड़ी देर इसी पोज़िशन में चुदवाने का बाद, मैं सोफे पे घुटने के बल बैठ के डॉगी स्टाइल में अमन की और अपनी चूत कर दि, उसने मेरी गाण्ड को दोनों हाथों से पकड़ा और अपने लंड को मेरी चूत पे एम किया और एक ही धक्के में मेरी चूत में लंड पेल दिया..
मेरी गाण्ड को पकड़ के सपोर्ट लेटे हुए वो पीछे मेरी चूत को पुस्त चोदने लगा.. चुदाई की फॅक फॅक की आवाज़ पूरे रूम में थी..
थोड़ी देर तक अमन मुझे कुतिया बना के यूँही चोदता रहा..
मिनी – बेटा, जब झड़ने वाले हो बता देना और सीधे मेरी मुंह में अपना माल देना..
थोड़ी देर बाद अमन ने बोला की वो झड़ने वाला है.. मैं सोफे पे मूडी और उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया, उसके सुपाड़े को मुंह में ले के चूसने लगी.
उसके लंड ने रस की धार फेंक ना शुरू किया.. काफ़ी मात्रा में उसने मेरी मुंह में अपना माल छोड़ा और मैंने भी उसकी कम का एक एक बूँद पी लिया..
मेरी जवान लंड की प्यास अभी भी बुझी नहीं थी, मैंने उसके लंड को चूसना कंटिन्यू रखा..
उसके लंड से निकलने वाले रस की एक एक बूँद को पीने के बाद मैंने उसके लंड पे फिर से अपनी लिप्स का पकड़ बनाया और उसे ब्लो जोब देने लगी..
उसने मेरे सिर को पकड़ के अपनी लंड में दबाना शुरू किया. मैं उसके पूरे लंड को चूस रही थी..
थोड़ी देर में उसका लंड फिर से टाइट हो गया..
मैं इस बार और कुछ भी नहीं बस उसके लंड को चूसना चाहती थी.. अमन भी फिर से मज़े लेने लगा और गरम हो के उसका लंड फिर से पूरा साइज़ में आ चुका था..
मैंने फिर उसके सुपाड़े को चूसना शुरू किया और उसके लंड को हाथ से मुठियाने लगी..
इस बार मेरा पूरा कॉन्सेंट्रेशन उसके लंड को फिर से झड़ने में था..
मैं बिना रुके उसके लंड को चूसती रही..
कुछ देर बाद, उसके लंड में फिर से हलचल होने लगी और उसने फिर से अपने लंड का रस मेरे मुंह में छोड़ दिया.. मैं उसके लंड को चाट चाट के सारा रस पी गई.. फिर मैंने उसे फ्री कर दिया.. वो सोफे पे ही थक के लेट गया..
अमन – धन्यवाद आंटी, आप कमाल की हो.. मुझे तो अभी भी लग रहा है की ये ड्रीम है..
मिनी – अपनी मम्मी को मत बताना की हमने ये सब किया है..
अमन – नहीं, आंटी.. आंटी मैंने अच्छी चुदाई करी ना ..?..
मिनी – हाँ तूने अच्छी चुदाई करी बेटा.. किसी भी चूत को शांत कर सकता है तू.. ये ले पानी पी ले.. मैं तेरी मम्मी का पैकेट ला देती हूँ..
फिर मैंने अमन को अंकिता की पैकेट दिया..
वो ख़ुशी ख़ुशी वापस अपने घर चला गया..
मैंने अंकिता को मेसेज कर दिया की अमन यहाँ से निकल चुका है..
अंकिता ने भी कर दिया की राज भी वहाँ से निकलने वाला है..
इस तरह मैंने और अंकिता अपने बेटे की अदला बदली की..
अमन और मेरे बीच की वारदात के 2 दिनों बाद कोमल का कॉल आया था..
मिनी – हाय कोमल, कैसी है..?..
कोमल – ठीक ही हूँ, मिनी..
मिनी – क्या हुआ कोमल, तू काफ़ी डाउन साउंड कर रही है..
कोमल – मिनी, यार मैं मिस कर रही हूँ तुझे..
मिनी – तो आ जा ना, मिलते हैं.. वैसे अभी 2-3 दिन ही तो हुए हैं.. क्या हो गया है तुझे..
कोमल – उस दिन हम दोनों ने जो किया, वो मेरे दिमाग़ से निकल ही नहीं रहा मिनी.. मैंने रियलाइज़ किया की तुम मेरे लिया क्या हो.. मैं आखें बंद कर रही हूँ तो अपना वो सेशन ही याद आ रहा है, कैसे हम एक दूसरे की आखों में आखें डाल के एक दूसरे को प्यार कर रहे थे..
मिनी – कोमल, मेरी जान.. तू ऐसा क्यूँ सोच रही है.. तुझे मालूम है की ग्रूप में कोई भी आ जाए, तेरा और मेरा अपना अलग कनेक्शन है..
कोमल – मिनी, मुझे डर लग रहा है की मुझे कुछ हो रहा है, कल जय के लंड के लिए मैं इंरेसटेड भी नहीं थी.. मुझे बस अपना वो मोमेंट याद आ रहा था.. जय ने पूछा भी की कुछ परेशानी है क्या..
मिनी – कोमल मैं आती हूँ तेरे घर पे, फिर हम डिसकस करते हैं..
मैं फिर जल्दी जल्दी से कोमल से मिलने गई..
कोमल काफ़ी डिस्टर्ब लग रही थी.. हम एक दूसरे को हग करने लगे..
कोमल मुझे टाइट्ली पकड़ के हग किए हुए थी..
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