RE: Jawan Ladki Chudai कच्ची कली
गंगा मेरे तने हुए लंड पे ही बैठी रही हम दोनो एक दूसरे के
साथ मस्तियाँ कर रहे थे एक दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे में
उसके चुचियों को दबा देता कभी मूह में ले के चूसने लगता तो कभी
उसके निपल्स को दाँतों से काट डालता कभी वो खुद अपनी चुचियाँ अपने
हाथो से पकड़ के मेरे बालो भरे सीने से रगड़देती जिस से उसके
निपल्स और खड़े हो जाते इतने में लक्ष्मी कॉफी बना के ले आई और
दोनो के हाथ में कप थमा दिए और बोली गंगा तेरी मलाई तो निकल
गई होगी तू थक्क चुकी है अब थोड़ी सी गरम गरम कॉफी पि ले ता
के तेरी चूत में और जान पड़ जाए तो गंगा हंस के बोली के इतना
मस्त लंड चूत के अंदर घुसा हो तो चूत के अंदर खुद बा खुद जान
पड़ जाती है फिर हम सब हँसने लगे
अब मंगल सूत्र गले में पड़े पड़े कॉफी पीना मुश्किल हो रहा था इसी
लिए उसने मंगल सूत्र मेरे सर से निकाल दिया और उसका मंगल सूत्र उसके
चुचियों के बीच में झूलने लगा लक्ष्मी और गंगा के मंगल सूत्र
काफ़ी बड़े थे इतने बड़े में ने बहुत कम औरतो के देखे शाएद उनके
गाओं में ऐसे ही मंगल सूत्र पहनते होगे गंगा मेरे लंड पे बैठे
बैठे कॉफी पीने लगी तो लक्ष्मी ने कहा क्यों गंगा ऐसे लंड पे
सवारी करते करते कॉफी पीना कैसा लग रहा है तो गंगा बोली ऐसे
कॉफी पीने का मज़ा तो कुछ और ही है तू भी किसी दीन ऐसे ही मस्त
लंड पे बैठ के पी के देख तो पता चलेगा के चूत में लंड ले के
कॉफी पीने में कितना मज़ा है और फिर दोनो हँसने लगे कॉफी ख़तम हो गई तो मेरे लंड
पे से उठे बिना ही उसने अपना हाथ पीछे कर के दोनो के कप्स टेबल पे
रख दिए और अपनी जीभ मेरे मूह में डाल दी और हम दोनो एक दूसरे
को किस करने लगे और कॉफी का मज़ा लेने लगे
लंड गंगा की चूत में इतना टाइट फँसा हुआ था जिस से उसका निकला
हुआ जूस भी चूत के अंदर ही रुका हुआ था और बाहर नही निकला
था थोड़ी देर के बाद गंगा मेरे लंड पे से उठी तो उसकी चूत में
जमा हुआ जूस ऐसे गिरने लगा जैसे किसी ने नल खोल दिया हो और सारा
जूस निकल के मेरे लंड पे से बहता हुआ नीचे गिरने लगा तो वो
जल्दी से नीचे फ्लोर पे मेरे दोनो पैरो के बीच में बैठ गई और
मेरे लंड को एक दम से अपने मूह में भर के चूसने लगी मेरे लंड
पे लगे अपनी मीठे जूस को वो मज़े से चटखारे ले ले के चाटने
लगी और मेरे लंड को लॉली पोप की तरह से चूसने लगी में ने उसका सर पकड़ के अपनी गान्ड
उठा के उसके मूह को छोदना शुरू कर दिया इतने में लक्ष्मी मेरे सामने आ
के खड़ी हो गई तो में उसकी चुचियों को मसलने लगा और उसकी पेट पे
किस किया फिर उसकी नाभी पे किस किया मेरे मूह से उसकी चूत का लेवल
सही नही था तो उसने करीब पड़ा हुआ एक छोटा सा स्टूल उठा लिया और
उसपे खड़ी हो गई तो में उसकी चूत पे किस करने लगा और अब लक्ष्मी
ने मेरे सर को पकड़ के अपने टाँगें खोल के अपनी चूत को मेरे मूह
से रगड़ने लगी उधर गंगा मेरे लंड को मज़े से चूसने में बिज़ी थी
अब मेरा एक हाथ गंगा के सर पे था और दूसरा हाथ लक्ष्मी की गान्ड पे
जिसे में खेच के उसकी चूत से निकालता हूआ रस्स पी रहा था लक्ष्मी की
आँखें बंद हो चुकी थी और मस्ती में मेरे मूह की चुदाई कर रही
थी और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को मेरे मूह पे मारने और रगड़ने लगी
और मेरे सर को अपने हाथो से पकड़ के अपनी चूत में घुसा लिया और
दबा के पकड़ लिया और उसका बदन एलेक्ट्रिक के झटके खाने लगा
और उसके चूत में से मीठा मीठा जूस निकलने लगा जिसे में पी
गया और वो शांत हो गई
गंगा मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी में इतना मस्त होगया
था के अपनी कुर्सी से खड़ा होगया और नीचे बैठी हुई गंगा का सर
पकड़ के उसका मूह बड़ी ज़ोर ज़ोर से छोदने लगा लंड उसके हलक के
अंदर तक घुसा के वापस निकाल के चोद रहा था और अब मेरी मलाई
निकलने का टाइम आ गया था तो में गंगा के मूह को ज़ोर ज़ोर से चोदने
लगा और वो भी लॉली पोप जैसे ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी जिस से उसकी
चुचियाँ और उसका मंगल सूत्र दोनो साथ में डॅन्स कर रहे थे मेरी
आँख बंद हो गई और दिमाग़ में लाखों पटाखे फूटने लगे और
में ने अपने लंड को गंगा के हलक के सुराख तक घुसेड दिया और उसी
समय मेरे बॉल्स में हल चल मचाती हुई गरम गरम मलाई की मोटी
मोटी पिचखारियाँ निकलती हुई सीधे उसके हलक में गिरने लगी जिसे
वो बड़े मज़े से गटक गई और धीरे धीरे मेरे धक्के कम होने
लगे और में वापस अपनी कुर्शी पे बैठ गया मेरी साँसें तेज़ी से
चल रही थी और आँखें बंद थी बदन सारा पसीने में शरबूर
हो गया था मेरी मलाई निकलना बंद हो गई और लंड भी नरम पड़ने
लगा था पर गंगा ने मेरा लंड अपने मूह से बाहर नही निकाला और वो
लंड को कंटिन्यू ऐसे ही चुसती जा रही थी उसके
गरम मूह के स्पर्श से मेरे मुरझाए लंड में फिर से जान पड़ने
लगी और 5 मिनिट के अंदर ही मेरा लंड वापस मूसल की तरह सख़्त
और रॉकेट की तरह से सीधा खड़ा हो गया
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